लॉकडाउन में स्कूल बंद फिर अभिभावकों से परिवहन शुल्क क्यों, सभी DIOS से 22 तक मांगी गई रिपोर्ट
यूपी सरकार को ऐसी शिकायतें मिली हैं कि कुछ स्कूल छात्र-छात्राओं से परिवहन शुल्क मांग रहे हैं। इस पर सभी डीआईओएस से 22 अप्रैल तक रिपोर्ट मांगी गई है।
लखनऊ, जेएनएन। लॉकडाउन की वजह से इन दिनों सभी स्कूल-कालेज बंद चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का आदेश है कि कोरोना आपदा अवधि में छात्र-छात्राओं या फिर उनके अभिभावकों से मासिक या फिर त्रैमासिक शुल्क न लिया जाए। इसी बीच सरकार को ऐसी शिकायतें मिली हैं कि कुछ स्कूल छात्र-छात्राओं से परिवहन शुल्क मांग रहे हैं। इस पर अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआईओएस) से 22 अप्रैल तक रिपोर्ट मांगी है। सभी जिलों को इस संबंध में प्रोफार्मा भेजा है, सूचना ईमेल पर शाम तक भेजने को कहा गया है।
अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव ने डीआईओएस को भेजे आदेश में कहा है कि उनके जिले में जो भी स्कूल हैं उनके पास कितने बड़े व छोटे वाहन हैं, हर छात्र-छात्रा से कितना वाहन शुल्क लिया जाता है, वह कैसे लिया जाता है मासिक, त्रैमासिक या छमाही। साथ ही यह भी बताना है कि लॉकडाउन में वाहन शुल्क लिया गया है या नहीं। यह सारी सूचना तय प्रोफार्मा पर भेजनी है। साथ ही यह भी निर्देश है कि शुल्क के अभाव में किसी छात्र-छात्रा का स्कूल से नाम न काटा जाए।
शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मचारियों के भुगतान की सूचना भी भेजें
अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डॉ. महेंद्र देव ने सभी जिलों के डीआईओएस से यह भी सूचना मांगी है कि उनके जिले के वित्तविहीन कालेजों के प्रधानाचार्य व प्रबंधक शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मचारियों का समय पर मानदेय का भुगतान कर रहे हैं या नहीं। इसमें पूछा गया है कि प्रबंधकों ने पूर्ण वेतन दिया है या फिर आंशिक। यदि आंशिक वेतन दिया है तो उसका प्रतिशत क्या है या फिर वेतन नहीं दिया गया है। आंशिक भुगतान या फिर भुगतान न करने के कारण क्या है यह भी स्पष्ट करने को कहा गया है। यह सूचना भी 22 अप्रैल शाम चार बजे तक मांगी गई है।