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World No Tobacco Day 2020: तंबाकू-सिगरेट के एडिक्टेड मिले 20 फीसद सरकारी स्कूलों के शिक्षक, महिला टीचर भी पीछे नहीं

लखनऊ के केजीएमयू के सर्वे में खुलासा सरकारी स्कूलों के 20 फीसद शिक्षक करते हैं तंबाकू का सेवन।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 31 May 2020 10:01 PM (IST)Updated: Sun, 31 May 2020 10:01 PM (IST)
World No Tobacco Day 2020:  तंबाकू-सिगरेट के एडिक्टेड मिले 20 फीसद सरकारी स्कूलों के शिक्षक, महिला टीचर भी पीछे नहीं
World No Tobacco Day 2020: तंबाकू-सिगरेट के एडिक्टेड मिले 20 फीसद सरकारी स्कूलों के शिक्षक, महिला टीचर भी पीछे नहीं

लखनऊ, जेएनएन। सरकारी स्कूलों के गुरु जी तंबाकू-धूपमान के लती हैं। इसमें पुरुष के साथ-साथ महिला शिक्षक भी शामिल हैं। वह खैनी-गुटखा के साथ-साथ धुआं भी उड़ाती हैं। यह खुलासा केजीएमयू के डॉक्टरों के सर्वे में हुआ है। ऐसे में शिक्षकों की लत बच्चों को भी प्रभावित कर सकती है।

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केजीएमयू के पब्लिक हेल्थ डेंटिस्ट्री विभाग के डॉ गौरव मिश्रा, डॉ विनय गुप्ता व सुमित कुमार ने शिक्षकों में तंबाकू उत्पादों के सेवन पर आकलन करने का फैसला किया। जनवरी 2019 में अप्रैल तक सर्वे किया। इसमें शहर को पांच जोन में बांटा। हर जोन से प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों का रेंडम चयन किया। ऐसे में राजधानी के अलग-अलग हिस्से के प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के 150 शिक्षकों को सर्वे में शामिल किया गया। इसमें 110 पुरुष व 40 महिला शिक्षक शामिल हुईं। जिसमें प्राथमिक विद्यालय के 70 व पूर्व माध्यमिक विद्यालय के 80 शिक्षक रहे। सर्वे में पाया गया कि 20 फ़ीसद अध्यापक किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रहे हैं। वहीं छह फीसद महिला शिक्षक भी तंबाकू उत्पादों का सेवन करती मिलीं।

तीन फीसद महिला शिक्षक करती धूमपान

डॉ गौरव मिश्रा के मुताबिक सर्वे में कुल 20 फीसद शिक्षक तंबाकू व उसके उत्पादों का सेवन करते पाया गया। इसमें धूमपान करने वाले 12 फीसद व गुटखा-खैनी का सेवन आठ फीसद करते पाए गए। वहीं पुरुषों में 8.66 फीसद स्मोकिंग करते हैं, जबकि तंबाकू-गुटखा 5.33 फ़ीसद खाते हैं। इसके अलावा महिला िशिक्षक 3.33 फीसद धूमपान व 2.66 फीसद खैनी-गुटखा खाती हैं। यही नहीं कुल 20 फीसद में पांच फीसद हाई एडिक्शन में शामिल हैं।

शिक्षकों पर लगे रोक, बच्चे भी रहेंगे दूर

चिकित्सकों का यह सर्वे नवंबर 2019 में प्रकाशित हुआ। वहीं 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर मीडिया को सर्वे के बारे में जानकारी दी। डॉक्टों के मुताबिक यदि शिक्षकों को तंबाकू सेवन से रोका जाए, तो बच्चों को भी दुष्प्रभाव से बचाया जा सकता है। 


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