बागपत में पुलिस से नाराज परिवार के 20 सदस्यों ने स्वीकारा हिंदू धर्म
कई माह पहले उनके बेटे गुलहसन की हत्या कर दी गई थी। आत्महत्या का रूप देने के लिए शव फांसी पर लटका दिया गया था। बार-बार गुहार के बावजूद पुलिस ने भी इसे विवेचना में आत्महत्या मान लिया।
बागपत (जेएनएन)। पुलिस के रवैये से क्षुब्ध एक मुस्लिम परिवार ने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया। हिंदू युवा वाहिनी (भारत) की देखरेख में मंगलवार को धर्मगुरु इस परिवार के 20 लोगों को हवन कराकर विधिवत हिंदू धर्म स्वीकार कराएंगे। धर्म परिवर्तन करने वालों ने एसडीएम को शपथ पत्र सौंप दिए हैं।
बागपत के छपरौली थाना क्षेत्र के बदरखा निवासी अख्तर पिछले छह-सात माह से बागपत कोतवाली क्षेत्र के निवाड़ा गांव के खुब्बीपुरा मोहल्ला में रह रहे हैं। अख्तर का कहना है कि कई माह पहले उनके बेटे गुलहसन की हत्या कर दी गई थी। आत्महत्या का रूप देने के लिए शव फांसी पर लटका दिया गया था। बार-बार गुहार के बावजूद पुलिस ने भी इसे विवेचना में आत्महत्या मान लिया।
बागपत कोतवाली पुलिस से उन्हें न्याय नहीं मिला। सोमवार को अख्तर परिवार के साथ तहसील पहुंचे और एसडीएम को शपथ पत्र दिया। इसमें उन्होंने कहा है कि उनके परिवार के सभी स्वेच्छा से हिंदू धर्म स्वीकार कर रहे हैं। उन्होंने अपने नाम भी बदल लिए हैं। इस दौरान उन्होंने अपने गले में भगवा पटके भी डाल रखे थे और जय श्रीराम का उद्घोष कर रहे थे।
युवा हिंदू वाहिनी (भारत) के प्रदेश अध्यक्ष शोकेंद्र खोखर और जिलाध्यक्ष योगेंद्र तोमर, उपाध्यक्ष प्रभात, धीरज, आदित्य चौहान व रोहित ने बताया कि मंगलवार सुबह 10 बजे बदरखा गांव में हवन और हनुमान चालीसा का पाठ होगा। इसमें विधि-विधान के साथ ये लोग हिंदू धर्म स्वीकार करेंगे।
स्वेच्छा से किया धर्म परिवर्तन : एएसपी
एएसपी राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि गुलहसन उर्फ गुलजार की मौत की स्थिति पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट नहीं हुई है। इसलिए विधि विशेषज्ञों की राय लेने के लिए लखनऊ भेजी गई है। उसी के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मृतक के परिजन पुलिस कार्रवाई से खफा नहीं हैं। उन लोगों ने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन किया है।
बड़ौत तहसील में कुछ लोगों ने स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के शपथ पत्र दिए हैं। हत्या के एक मामले की विवेचना से पीडि़त लोग संतुष्ट नहीं थे। एसपी से वार्ता कर प्रकरण दिखवाया जा रहा है।
ऋषिरेंद्र कुमार, डीएम बागपत
इन लोगों ने स्वीकारा हिंदू धर्म
शोकेंद्र खोखर ने एसडीएम को दिए अपने पत्र में कहा है कि अख्तर अली, नफीसा, जाकिर, दिलशाद, नौशाद, इरशाद, सानिया, अरमान, सुहान, अनस, साहिस्ता, सना, सारिका, जोया, बुन्शो, शाहबरा, नाहिद, रुकैया, मोहिनी और छोटी मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म स्वीकार कर रहे हैं। बदरखा गांव से भी इन लोगों को पलायन करने को मजबूर किया गया।