सरकारी अस्पतालों ने मरीजों को खिलाईं घटिया दवाएं, जानिए कौन सी दवाएं हुईं फेल lucknow news
नमूने फेल होने के बाद वितरण पर लगाई गई रोक यूपी मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन ने दवा वापसी के लिए जारी किए आदेश
लखनऊ, जेएनएन। सरकारी अस्पतालों में लाखों मरीजों को घटिया दवाएं खिला दी गईं। फार्मा कंपनियों द्वारा भेजे गए इंजेक्शन, टैबलेट और कैप्सूल के नमूने फेल हो गए। ऐसे में यूपी मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन ने हॉस्पिटल, सीएचसी, पीएचसी पर संबंधित दवाओं के वितरण पर रोक लगा दी है। साथ ही तत्काल प्रभाव से वापसी के आदेश जारी कर दिए हैं।
राजधानी समेत राज्य में लगभग 174 बड़े सरकारी अस्पताल हैं। इसके अलावा 853 सीएचसी व 3621 पीएचसी भी संचालित हैं। इन सभी में फार्मा कंपनियों ने घटिया दवाएं भेज दीं। अस्पतालों में लाखों मरीजों में इनका वितरण भी हो गया। ऐसे में अब दवाओं की गुणवत्ता की रिपोर्ट आने पर हड़कंप मच गया है। इसमें एंटीबायोटिक, एंटी फंगल व पेट से जुड़ी बीमारियों की दवा व इंजेक्शन के नमूने फेल पाए गए। इसके बाद छह सितंबर को यूपी मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन ने सभी अस्पतालों को आदेश जारी किया। कॉरपोरेशन के प्रबंधक गुणवत्ता नियंत्रक ने संबंधित बैच की दवाओं के वितरण पर रोक लगा दी। साथ ही अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी से दवाएं वापस करने का आदेश दिया है।
कॉरपोरेशन के माध्यम से होती है दवा आपूर्ति
सरकारी अस्पतालों में ओपीडी और भर्ती मरीजों को मुफ्त दवाएं देने का प्रावधान है। अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता के लिए यूपी सरकार ने हाल में उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कॉरपोरेशन बनाया गया। कॉरपोरेशन से फार्मा कंपनियों ने दवा सप्लाई का करार किया है। वहीं, अस्पताल ऑनलाइन संबंधी दवाओं का ऑर्डर कॉरपोरेशन को करते हैं। इसके बाद कंपनियों द्वारा दवा भेजी जाती है।
उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कारपोरेशन लिमिटेड की एमडी श्रुति ने बताया की अस्पतालों में आपूर्ति हुई दवाओं की रेंडमली जांच कराई जा रही है। इनमें कुछ दवाएं सब स्टैंडर्ड मिली हैं। इनके वितरण पर रोक के साथ आपूर्ति करने वाली फर्मों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
ये दवाएं हुईं फेल
- मेसर्स हिलर्स लैब ने चार जून 2019 को सरकारी अस्पतालों को फ्लूकोनाजॉल-150 एमजी की टैबलेट दीं। यह एंटी फंगल दवा है। राजधानी स्थित ट्रांसपोर्ट नगर के वेयरहाउस से बैच नंबर एफएलयू 506 दवा की 50 टैबलेट जांच के लिए आइटीएल लैब भेजी गईं। 28 अगस्त को प्रयोगशाला की रिपोर्ट आई। इसमें नमूना फेल पाया गया। दवा मानकों के अनुसार नहीं मिली।
- मेसर्स हिमालया मेडिटेक प्राइवेट लिमटेड ने तीन नवंबर 2018 को रेनिटीडीन हाइड्रोक्लोराइड इंजेक्शन अस्पतालों को भेजा। इसका आईपी बैच नंबर एचएलआई 849-के रहा। गाजियाबाद व झांसी के मुख्य औषधि भंडार से 27 जून 2019 को इंजेक्शन का नमूना लिया गया। इसे जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित राजकीय जन विश्लेषक क्षेत्रीय औषधि प्रयोगशाला में भेजा गया। रिपोर्ट में नमूना फेल हो गया।
- छह जून 2019 को अस्पतालों में एंटीबायोटिक क्लॉक्सासिलीन सोडियम 250 एमजी एंटीबायॉटिक कैप्सूल की आपूर्ति की गई। राजधानी के ट्रांसपोर्ट नगर के वेयर हाउस से 25 जुलाई को कैप्सूल के नमूने लिए गए गए। कैप्सूल की गुणवत्ता की जांच कराई गई। इसमें बैच नंबर 19 सी-बीसी 018 फेल हो गया।