सरकारी अस्पताल में महिला सुरक्षा ताक पर: रात में छलकता हैं जाम-नशे में होता है काम Lucknow News
सरकारी अस्पतालों में महिला मरीजों की सुरक्षा दांव पर। ठेका एजेंसियों के कर्मचारियों के भरोसे पूरी व्यवस्था।
लखनऊ, जेएनएन। राजधानी के अस्पतालों में महिला मरीजों की सुरक्षा दांव पर है। कारण, यहां रात में कर्मचारी पेग लड़ाते हैं और नशे की हालत में ड्यूटी करते हैं। शुक्रवार को दैनिक जागरण को मामले की भनक लगी। ऐसे में चिकित्सालयों का जायजा लिया तो यहां पर शराब व बीयर की बोतलें पड़ी मिलीं।
ठाकुरगंज संयुक्त अस्पताल में किशोरी के साथ दुष्कर्म के प्रयास की घटना से महिला मरीजों-तीमारदारों में सुरक्षा को लेकर भय बन गया है। बावजूद, अस्पतालों में नियम-कानून ताक पर हैं। यहां के बलरामपुर, सिविल, लोहिया संयुक्त अस्पताल में कर्मचारी बाहरी व्यक्तियों के साथ जाम छलका रहे हैं। परिसर में विभिन्न स्थलों पर पड़ी शराब व बीयर की बोतलें इसकी हकीकत बयां कर रही हैं। यह हाल तब है, जब शराब के नशे में कर्मचारी कई बार महिला मरीजों और तीमारदार से छेड़खानी की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। अस्पताल में नाइट ड्यूटी में तैनात वार्ड ब्वॉय, स्वीपर व अन्य कई कर्मचारी नशे की हालत में काम करते हैं।
यहां रात में सजती हैं महफिलें
बलरामपुर अस्पताल में विज्ञान भवन के पास बने पार्क में रात में शराब पी जाती है। यहां बोतलें पड़ी मिलींसिविल अस्पताल में पानी की टंकी के पास रात में कर्मी शराब पीते हैं। यहां भी बोतलें पड़ी मिलीं लोहिया संयुक्त अस्पताल में ट्रॉमा वार्ड के पास बने कक्ष में सजती है महफिल। यहां गैलरी में तमाम बोतल मिलीं केजीएमयू में शताब्दी भवन-फेज टू के पीछे, गेस्ट हाउस के पास झाडिय़ों में बोतलें मिलीं
अस्पतालों में नशे में हुईं छेड़खानी की घटनाएं
जुलाई 2015 : बलरामपुर अस्पताल के सफाईकर्मी रोहित कुमार ने रात में ड्यूटी के वक्त शराब पी। नशे में रात में महिला तीमारदार से छेड़खानी की।
एक अगस्त 2015 : बलरामपुर अस्पताल में सफाईकर्मी जितेंद्र कुमार ने इमरजेंसी में शराब पीकर रात में मचाया उत्पात। वार्ड में अश्लील हरकतें कीं। नौकरी से हटाया गया।
सुरक्षा में खामियां
केजीएमयू में लाखों के सीसीटीवी डिब्बों में बंद, परिसर में कैमरों का अभाव अस्पतालों में तैनात ठेका कर्मियों का रिकॉर्ड अस्पताल प्रशासन के पास न होना। वेरिफिकेशन में एजेंसी की हीलाहवाली। आपराधिक रिकार्ड वाले भी कर रहे गार्ड की नौकरी महिला अस्पतालों में महिला सुरक्षा गार्ड का न होना
क्या कहते जिम्मेदार
- बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. राजीव लोचन ने बताया कि अंधेरे का फायदा उठाकर पार्क में हो सकता है कि कुछ लोग शराब पीते हों। इसकी निगरानी की जाएगी। वहीं, महिला वार्डों में रात दस बजे से पुरुषों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
- लोहिया अस्पताल व सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि लोहिया में ट्रॉमा वार्ड के पीछे का कक्ष कर्मचारियों का है। इसमें रात में हो सकता है, लोग शराब पीते हों, रात में छापामारी करूंगा। ऐसे ही सिविल अस्पताल में भी निगरानी की जाएगी।
- केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि मरीजों की सुरक्षा के लिए गार्डों की ड्यूटी 24 घंटे प्रमुख स्थलों पर रहती है। सीसीटीवी भी चल रहे हैं, जहां पर कम हैं, वहां सीसीटीवी लगवाए जाएंगे।