UP में कांग्रेस के लिए सोशल मीडिया बना चुनावों की तैयारी का मंच, प्रियंका वाड्रा ने अकेले ही संभाला मोर्चा
विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहीं प्रियंका वाड्रा अकेले ही सरकार से टक्कर ले रही हैं। इसके लिए उन्होंने ट्विटर को माध्यम बनाया है।
लखनऊ, जेएनएन। सोशल मीडिया अब राजनीति का बड़ा मंच बनता जा रहा है। कांग्रेस की तो 2022 के विधानसभा चुनाव की तैयारी इसी पर नजर आ रही है। संगठन मैदान में कहीं नजर नहीं आ रहा है, लेकिन पूर्वी उप्र प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा ने ट्विटर पर ही मोर्चा ले रखा है। उत्तर प्रदेश सरकार और उनके बीच ट्वीट वार गर्माता जा रहा है।
आम चुनाव में मिली हार के बाद से कांग्रेस पूरी तरह बिखरी-बिखरी नजर आ रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा दे चुके हैं। प्रदेशाध्यक्ष राज बब्बर ने इस्तीफे की पेशकश कर दी है और सभी जिला कमेटियां भंग की जा चुकी हैं। लिहाजा, सड़क पर कहीं भी कांग्रेस के कार्यकर्ता दिखाई ही नहीं दे रहे हैं। ऐसे में विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहीं प्रियंका वाड्रा अकेले ही सरकार से टक्कर ले रही हैं। इसके लिए उन्होंने ट्विटर को माध्यम बनाया है।
अलीगढ़ में मासूम बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद से हर दूसरे-तीसरे दिन प्रदेश में घट रही बड़ी वारदात पर वह सरकार की घेराबंदी का प्रयास कर रही हैं। जन समस्याओं पर भी वह नजर जमाए हुए हैं। खास बात यह है कि प्रियंका के ट्वीट वार को सरकार भी नजरअंदाज करने की स्थिति में नहीं है। पिछले दिनों उन्होंने सूबे में बढ़ते अपराध पर टिप्पणी की तो यूपी पुलिस ने अपराध के आंकड़े पेशकर ट्विटर पर सफाई दी। इसी तरह बिजली संकट को लेकर प्रियंका के ट्वीट का भी जवाब बुधवार को ऊर्जा मंत्री एवं सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बयान जारी कर दिया।
मुजफ्फरनगर की घटना पर ताजा ट्वीट
पिछले दिनों मुजफ्फरनगर में दारोगा को गोली मारकर अपराधी को हिरासत से छुड़ाने के मामले पर प्रियंका ने ताजा ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, 'उप्र सरकार के नेता प्रदेश में लगातार बढ़ते अपराध पर मेरे ट्वीट का कुछ भी झूठ-मूठ जवाब दे दें, मगर पुरानी कहावत है, हाथ कंगन को आरसी क्या, पढ़े-लिखे को फारसी क्या। उप्र में अपराधियों के कारनामे चरम पर हैं और जनता पूछ रही है कि ऐसा क्यों?'