Pulwama Terror Attack:शहीदों को अंतिम विदाई देने उमड़ा जनसैलाब तो रो पड़ी हर आंख
गम...गुस्सा और आंसुओं का सैलाब। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ जवानों के शव जब तिरंगे में लिपटे उनके घर पहुंचे तो उन्हें अंतिम विदाई देने को जन सैलाब उमड़ पड़ा।
लखनऊ, जेएनएन। गम...गुस्सा और आंसुओं का सैलाब। पुलवामा आतंकी हमले में शहीद सीआरपीएफ जवानों के शव जब तिरंगे में लिपटे उनके घर पहुंचे तो उन्हें अंतिम विदाई देने को जन सैलाब उमड़ पड़ा। परिवारीजन की तड़प और करुण क्रंदन से हर कोई रो पड़ा। देश की खातिर प्राण न्यौछावर करने वाले जाबांजों को श्रद्धांजलि देने के लिए अंतिम यात्रा में गमगीन भीड़ के बीच भारत माता की जय और ...अमर रहे की गूंज उठती रही। सभी की जुबां पर श्रद्धांजलि सुमन के साथ बदले की मांग थी। शहीदों को अंतिम सलामी देने मंत्री, सांसद-विधायक व अधिकारी-कर्मचारी सभी उपस्थित रहे।
स्मृति ईरानी रैंगवा-नोनारी बुजुर्ग पहुंची
कानपुर देहात में शहीद श्याम बाबू का पार्थिव शरीर लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी रैंगवा, नोनारी बुजुर्ग गांव पहुंची। शहीद को अंतिम संस्कार स्थल पर ले जाया गया। केंद्रीय मंत्री शहीद की पत्नी रूबी के साथ पैदल अंतिम संस्कार स्थल गईं। जहां पिता रामप्रसाद, भाई कमलेश के साथ मंत्री, विधायकों व अधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी। वहीं, जवानों द्वारा दी गई शहीद श्याम बाबू को अंतिम सलामी के बाद छोटे भाई कमलेश ने शहीद को मुखाग्नि दी। उन्नाव में शहीद अजीत कुमार आजाद की अंतिम यात्रा में हजारों लोगों की भीड़ लोकनगर से निकली। शुक्लागंज गंगाघाट तक शहीद की अंतिम यात्रा पांच घंटे में पहुंची, जहां राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। छोटे भाई रंजित ने मुखाग्नि दी।
बेटी ने शहीद प्रदीप को दी मुखाग्नि
कन्नौज में शहीद प्रदीप सिंह यादव का पार्थिव शरीर सुबह साढ़े सात बजे पहुंचा। जिसे देख परिवारीजन बदहवास से हो गए। शहीद की चिता को उनकी बड़ी बेटी सुप्रिया (10) ने मुखाग्नि दी, तो उपस्थित जन अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाए। वहीं, मुखाग्नि देने के बाद सुप्रिया बेहोश होकर गिरने लगी, तभी सेना के जवानों ने उसे संभाला और गोद में उठाकर अंत्येष्टि स्थल से दूर घर की ओर ले गए।
सीएम को बुलाने पर अड़े परिवारीजन
शहीद हुए देवरिया जिले के छपिया जयदेव निवासी जवान विजय कुमार मौर्या का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव पहुंचा तो उनके पिता रामायण सिंह, पत्नी विजय लक्ष्मी, भाई अशोक सभी दहाड़ें मारकर रोने लगे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाने की मांग कर रही शहीद की पत्नी विजय लक्ष्मी से कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने योगी से मोबाइल पर बात कराई। इस दौरान शहीद की पत्नी ने रुंधे गले से सीएम से कहा कि भले ही आप एक मिनट के लिए ही आइए, लेकिन आइए। नहीं आने पर हम शव उठने नहीं देंगे और बेटी के साथ जान दे देंगे। अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन देर रात तक मान-मनौवल में लगा हुआ था। महराजगंज के शहीद पंकज त्रिपाठी का पार्थिव शरीर फरेंदा क्षेत्र के ग्राम हरपुर के टोला बेलहिया स्थित घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। पिता, पुत्र संग परिवारीजन ने कंधा दिया तो शहीद पंकज अमर रहे के नारे से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। त्रिमुहानी घाट पर राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई। वहीं, बेटे प्रतीक ने शहीद पिता को मुखाग्नि दी।
उठी बदला लेने की गगनभेदी मांग
वाराणसी के शहीद सीआरपीएफ जवान रमेश यादव का पार्थिव शरीर शनिवार सुबह तकरीबन साढ़े आठ बजे चौबेपुर में तोफापुर स्थित घर आया तो पूरे गांव ने गमी मनाई। दुखी परिवारीजन ने शहीद के नाम पर सड़क व स्मारक गेट आदि मांगो को लेकर अंत्येष्टि से मना कर दिया। जिसके बाद प्रभारी डीएम ने लिखित में मांग पूरी होने का आश्वासन दिया तब जाकर दिन में 11 बजे घर से अंतिम यात्रा शुरू होकर बलुआ गंगा घाट पहुंची। जहां राजकीय सम्मान के साथ शहीद की चिता को पिता श्याम नारायण ने चिता को मुखाग्नि दी। पुलवामा में शहीद चंदौली निवासी जवान अवधेश यादव का पार्थिव शरीर सुबह उनके पैतृक गांव पहुंचा तो परिवारीजन समेत पूरा गांव दहाड़े मार मार कर रोया। वहीं, गांव में ही घाट पर पिता हरिकेश यादव ने मुखाग्नि दी।
नम आंखों से अंतिम विदाई
आगरा के ताजगंज क्षेत्र के कहरई गांव निवासी सीआरपीएफ जवान कौशल कुमार रावत की पार्थिव देह शनिवार सुबह गांव पहुंची, तो पत्नी ममता, बेटी अपूर्वा, बेटे अभिषेक और विकास सहित पूरा परिवार बिलख-बिलख कर रो रहा था। शवयात्रा निकाली गई। जिसके बाद शहीद को राजकीय सम्मान के साथ बेटे अभिषेक ने मुखाग्नि दी। मैनपुरी में बरनाहल क्षेत्र के विनायकपुर निवासी रामवकील माथुर का पार्थिव शरीर लेकर सीआरपीएफ के जवान शनिवार सुबह गांव पहुंचे। शहीद की अंतिम यात्रा पर महिलाओं ने छतों से पुष्प बरसाए। शहीद रामवकील के बड़े बेटे अंकित ने मुखाग्नि दी।
चेहरा तो नहीं फोटो से लिपटकर रोये
शामली में शहीद जाबांज प्रदीप कुमार व अमित कुमार को शनिवार को हजारों लोगों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी। वहीं, शहीद स्मृति में स्मारक बनाने की मांग को लेकर तीन घंटे तक पेंच फंसा रहा। चार लोग धरने पर बैठ गए थे जिन्हें पुलिस अपने साथ ले गई थी। परिवारीजन ने उन्हें छोडऩे की मांग के बाद ही अंतिम संस्कार करने की बात कही। इसके बाद स्मारक के लिए जगह देने व चारों लोगों को छोडऩे की घोषणा अधिकारियों द्वारा की गई। फिर बड़े भाई प्रमोद ने मुखाग्नि दी। शहीद प्रदीप के बेटे सिद्धार्थ ने कहा कि शहादत का बदला चाहिए। जिसके बाद राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। बड़े बेटे सिद्धार्थ ने मुखाग्नि दी। इससे पूर्व शहीद प्रदीप की पत्नी शर्मिष्ठा, बेटे सिद्धार्थ, विजयंत, पिता जगदीश, मां सुमेरलता, बहनें व भाई प्रदीप का चेहरा देखने की जिद करने लगे लेकिन देह क्षत-विक्षत हो जाने के कारण जवानों ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। इसके बाद परिवारीजन प्रदीप के फोटो से लिपटकर फफक पड़े।