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अब रेडियो जॉकी बनने का सपना उर्दू मीडिया सेंटर करेगा पूरा, 15 फरवरी से शुरू होगा कोर्स

उप्र उर्दू अकादमी में 15 फरवरी से शुरू होगा रेडियो जॉकी व रेडियो टेक्नोलॉजी का कोर्स। तीन महीने के कोर्स पर छह महीने का जॉब असिस्टेंस, साथ ही रेडियो पर प्रसारण का मौका

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 03:04 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 08:58 AM (IST)
अब रेडियो जॉकी बनने का सपना उर्दू मीडिया सेंटर करेगा पूरा, 15 फरवरी से शुरू होगा कोर्स
अब रेडियो जॉकी बनने का सपना उर्दू मीडिया सेंटर करेगा पूरा, 15 फरवरी से शुरू होगा कोर्स

लखनऊ, जेएनएन। करीब दो वर्ष के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार उप्र उर्दू अकादमी में बने उर्दू मीडिया सेंटर में रेडिया जॉकी व रेडियो टेक्नोलॉजी का कोर्स शुरू होगा। 15 फरवरी से उर्दू मीडिया सेंटर में दोपहर तीन से छह बजे के बीच क्लास लगेगी। तीन महीने का कोर्स पूरा होने पर अकादमी की ओर से सभी छात्र-छात्राओं को छह महीने का जॉब असिस्टेंस मिलेगा। साथ ही मार्च में शुरू होने वाले अकादमी के इंटरनेट रेडिया चैनल पर निश्शुल्क कार्यक्रमों के प्रसारण का मौका भी मिलेगा। 

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यह जानकारी सोमवार को गोमती नगर विभूति खंड स्थित अकादमी के सभागार में में दी गई। अकादमी की चेयरपर्सन प्रो. आसिफा जमानी ने कहा कि छात्र-छात्राओं को रेडियो क्षेत्र में आने के लिए उन्हें पूरी तरह व्यवहारिक पाठ्यक्रम के अनुसार रेडियों क्षेत्र की चुनौतियों, रचनात्मकता व नए प्रयोगों के माध्यम से उनके भविष्य को संवारने का प्रयास किया जाएगा। तीन माह के इस कोर्स में दो प्रोजेक्ट तैयार करने होंगे। छात्र-छात्राओं के प्रोजेक्ट का मूल्यांकन कर उनको उप्र उर्दू अकादमी की ओर से प्रमाण पत्र दिया जाएगा। रेडियो जॉकी व रेडियो टेक्नोलॉजी के बाद मीडिया सेंटर में सिनेमेटोग्राफी, फिल्म मेकिंग व ऑडियो-वीडियो एडीटिंग और उर्दू ड्रामा कोर्स शुरू किया जाएगा।

मीडिया सेंटर के कोऑर्डिनेटर आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि रेडियो, दूरदर्शन, लेखन व रंगमंच सहित अन्य क्षेत्र के विशेषज्ञ छात्र-छात्राओं को ब्राडकास्टिंग, स्टूडियो उपकरणों, आउटडोर रिकॉर्डिंग जैसे विषयों पर व्यवहारिक ज्ञान के साथ रेडियो फोर्मट्स, विधा लेखन, रेडियो अभिनय व विज्ञापन बनाने की बारीकियां सिखाएंगे। हाईस्कूल पास 18 वर्ष से अधिक आयु उम्र के लोग (50 लोग) इस पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकते हैं। कोर्स की फीस दस हजार रुपये है।

आरजे अनवारुल हसन ने कहा कि रेडियो में मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का महत्व बताना बहुत जरूरी है। क्योंकि, रेडियो में क्या बोलना है क्या नहीं? इसकी समझ होना बहुत जरूरी है। इस मौके पर रंगकर्मी उर्मिल कुमार थपलियाल, रंगकर्मी ललित सिंह पोखरिया, एडीटर व डायरेक्टर फैसल रियाज व लेखक राजा अवस्थी सहित कई लोग मौजूद रहे। 


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