फ्लॉप साबित हो रही लखनऊ विश्वविद्यालय की लैब कंसल्टिंग योजना
प्रयोगशाला के इस्तेमाल पर लविवि ने बीते सत्र शुरू की थी योजना, सहयुक्त कॉलेजों ने इस ओर नहीं दिखाई दिलचस्पी।
लखनऊ, जेएनएन । लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रयोगशालाओं के स्तर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सहयुक्त कॉलेज ही उसका इस्तेमाल नहीं करना चाहते। सहयुक्त संस्थानों को लविवि की लैब पसंद नहीं आई, इसलिए प्रयोगशालाओं के इस्तेमाल में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके चलते लविवि की ओर से शुरू की गई लैब कंसल्टिंग योजना फ्लॉप साबित हो रही है।
लविवि की ओर से पिछले सत्र में लैब कंसल्टेंसी योजना शुरु की गई थी। मंशा थी कि जिन संस्थानों में प्रयोगशालाओं का स्तर ठीक नहीं है, वह लविवि की प्रयोगशालाओं का प्रयोग कर सकें। जिससे प्रयोगशालाओं की कमी को दूर किया जा सके। लविवि द्वारा प्रयोगशालाओं के इस्तेमाल के लिए पांच हजार रुपये प्रतिमाह तय किया गया था। मगर जो संस्थान तय रकम का भुगतान करने में सक्षम हैं, उनकी ओर से भी इस ओर पहल नहीं की गई। जिसके चलते लविवि की यह योजना फ्लॉप साबित हो रही। इस बावत लविवि के प्रवक्ता प्रो. मुकुल श्रीवास्तव का कहना है कि योजना की शुरुआत छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए की गई थी। इस बाबत और अधिक जानकारी की जाएगी।