Move to Jagran APP

आधी सिटी बसें गैराज में यात्रियों की बढ़ी दिक्कतें

दूसरी बसों का सामान निकाल खटारा बसों को बना रहे चलने लायक।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 09:31 AM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 09:31 AM (IST)
आधी सिटी बसें गैराज में यात्रियों की बढ़ी दिक्कतें
आधी सिटी बसें गैराज में यात्रियों की बढ़ी दिक्कतें

लखनऊ, जेएनएन।  नगर बस के यात्रियों की दिक्कतें बढ़ने वाली हैं। बसों की संख्या लगातार घटती जा रही है। कारण, नगरीय परिवहन का आधे से ज्यादा बेड़ा कार्यशाला में खड़ा हो चुका है। रखरखाव के लिए न तो पैसा मिल पाया है और न ही जरूरी सामान। नौबत यहां तक आ चुकी है कि खड़ी बसों से सामान निकालकर दूसरी बसों में लगाकर उन्हें किसी तरह चलने के लिए ‘आक्सीजन’ दी जा रही है। बावजूद इसके नई बसों की खरीद गति नहीं पकड़ पा रही है।

loksabha election banner

मात्र 110 बसों का हो रहा संचालन 

नगरीय परिवहन की कुल बसों की संख्या 260 है। इनमें से मात्र 110 बसों का ही संचालन किया जा रहा है। यानी 150 बसें जर्जर हो चुकी हैं। इनमें से 70 बसें नीलामी योग्य हैं। संसाधन के अभाव जो बसें खड़ी हैं उन्हीं का सामान निकालकर दूसरी बसों को किसी तरह चलाया जा रहा है। सवाल उठता है कि ऐसे खटारा बसों का बेड़ा कैसे यात्रियों का बेड़ा पार लगाएंगी?

नहीं मिली इलेक्ट्रिक बस, कंपनी पर तीन करोड़ चालीस लाख का जुर्माना 

समय से इलेक्ट्रिक बस उपलब्ध न कराने पर नगरीय परिवहन कंपनी पर बड़ा जुर्माना ठोकने की तैयारी में है। प्रबंध निदेशक आरिफ सकलैन के मुताबिक तीन करोड़ चालीस लाख का जुर्माना ठोका जा रहा है। इसके पहले 34 लाख रुपये की पेनाल्टी लगाई जा चुकी है। दो दिन में कागजात भेज दिए गए हैं। कंपनी के जिम्मेदारों की ओर से दी गई नई तारीख15 दिसंबर भी करीब है। इलेक्ट्रिक बस अभी तक नहीं मिल पाई है। एमडी के मुताबिक रखरखाव के लिए करीब सवा दो करोड़ रुपया मांगा गया है।

शहर में चल रही जर्जर सिटी बस

छह माह हो चुके पैसा मांगे

बसों के रखरखाव के लिए दो करोड़ बीस लाख की रकम की मांग की गई है। छह माह हो चुका है। पैसा नहीं मिल पाया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.