लखीमपुर और खटीमा के जंगलों में सर्च आपरेशन, नहीं मिला हीरू का शव
हीरू हत्याकांड : हीरू के शव की तलाश में आरोपित को रिमांड पर लेकर पुलिस ने उत्तराखंड में शव की तलाश की, लेकिन अभी कुछ पता नहीं चल सका है।
लखनऊ, (जेएनएन)। नाका क्षेत्र के खुर्शीदबाग में मारी गई हीरू सिंह (37) के शव की तलाश में पुलिस ने आरोपित दीपक कपूर को रिमांड पर लेकर मंगलवार को लखीमपुर और खटीमा के जंगलों में शव की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया। रात तक पुलिस हीरू का शव नहीं खोज पाई थी। बुधवार को भी पुलिस शव की तलाश कर देर शाम तक लखनऊ वापस लौटेगी। इंस्पेक्टर नाका विश्वजीत सिंह ने बताया कि मंगलवार सुबह दीपक कपूर को 48 घंटे की कस्टडी रिमांड पर लिया गया।
दोपहर इंस्पेक्टर राम किशोर शव बरामद करने के लिए दीपक को उत्तराखंड लेकर रवाना हुए। एक अन्य गाड़ी में हीरू सिंह के भाई महेंद्र, भांजी शुभी और अन्य परिवारीजन भी गए हैं। पुलिस की टीम आरोपित के साथ लखीमपुर के रास्ते शाहजहांपुर होते हुए खटीमा पहुंची। इस बीच पुलिस ने दीपक के कहने पर कई स्थानों पर जंगलों में रुककर शव की तलाश में सर्च ऑपरेशन चलाया। पर शव का कुछ पता नहीं चल सका। रात पुलिस खटीमा कोतवाली पहुंची। जहां पुलिस कर्मियों से बात कर कई बिंदुओं की पड़ताल की जा रही है।
यह था मामला
लाटूश रोड स्थित दीपक कपूर की इलेक्ट्रानिक्स फर्म में काम करने वाली राजाजीपुरम निवासी हीरू सिंह करीब एक माह पूर्व लापता हुई थी। उसके भाई महेंद्र प्रताप सिंह ने दीपक कपूर पर शक जताते हुए 24 सितंबर को दीपक कपूर पर अपहरण की आशंका जताते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। महेंद्र के मुताबिक गोमतीनगर के वास्तुखंड निवासी दीपक कपूर ने शादीशुदा होने के बावजूद उसकी बहन को जाल में फंसाकर शादी कर ली थी। वह बहन को नाका के खुर्शीदबाग में प्रकाश तिवारी के मकान में किराये पर रखा। पांच महीने पहले ही हीरू ने एक बेटी को जन्म दिया था।
गुमशुदगी दर्ज होने के बाद पुलिस ने शक के आधार पर दीपक को पकड़ा तो उसने चौंकाने वाली जानकारी दी। दीपक ने बताया कि हीरू से पीछा छुड़ाना चाहता था इसलिए गला दबाकर उसकी हत्या करके शव उत्तराखंड में खटीमा के जंगल में फेंक दिया। उसकी बच्ची को भी जंगल में एक झोपड़े के बाहर छोडऩे की बात दीपक ने कुबूल की।