प्रधानमंत्री आवास विस्तार में सभी चरणों की होगी जियो टैगिंग
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास विस्तार घटक में भी अब सभी चरणों की जियो टैगिंग कराई जाएगी।
लखनऊ (जेएनएन)। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास विस्तार घटक में भी अब सभी चरणों की जियो टैगिंग कराई जाएगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि इस योजना में कोई घपला न हो सके। इसमें भी नए आवास निर्माण की तर्ज पर सभी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के मिशन निदेशक उमेश प्रताप सिंह ने सभी परियोजना अधिकारियों को इसके आदेश भेज दिए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास विस्तार घटक में भी अब सभी चरणों की जियो टैगिंग कराई जाएगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि योजना में कोई घपला न हो सके।
नए आवास निर्माण की तर्ज पर सभी औपचारिकताएं पूरी करनी होंगी। योजना शहरी के मिशन निदेशक उमेश प्रताप सिंह ने परियोजना अधिकारियों को आदेश भेज दिए हैं। व्यक्तिगत आवास निर्माण विस्तार के तहत भी तीन चरणों में धनराशि लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। इसमें पहली किस्त के रूप में उन्हें 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। दूसरी किस्त में कुल स्वीकृत धनराशि का 50 फीसद से अधिक धनराशि दी जाएगी। तीसरी किस्त के रूप में कुल स्वीकृत लागत का 20 फीसद दिया जाएगा यानि किसी के आवास विस्तार के लिए यदि दो लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं तो पहली किस्त 50 हजार रुपये दी जाएगी। इसमें दूसरी किस्त 1.10 लाख और तीसरी किस्त के रूप में 40 हजार रुपये दिए जाएंगे।
व्यक्तिगत आवास निर्माण विस्तार के तहत भी तीन चरणों में धनराशि लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। इसमें पहली किस्त के रूप में उन्हें 50 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके बाद दूसरी किस्त में कुल स्वीकृत धनराशि का 50 फीसद से अधिक धनराशि दी जाएगी। अंत में तीसरी किस्त के रूप में कुल स्वीकृत लागत का 20 फीसद दिया जाएगा यानि किसी के आवास विस्तार के लिए यदि दो लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं तो पहली किस्त 50 हजार रुपये दी जाएगी। इसमें दूसरी किस्त 1.10 लाख और तीसरी किस्त के रूप में 40 हजार रुपये दिए जाएंगे।
क्या है जियो टैग
जियो टैग का अर्थ है कार्य की भौगोलिक स्थिति यानी कौन सा कार्य कितनी ऊंचाई और कितनी दूरी पर है। जियो टैग से यह भी साफ होगा कि किस कार्य की क्या स्थिति है और कितना धन खर्च हो रहा है। इससे पहले हुए कार्य पर दोबारा फर्जी काम नहीं हो पाएगा। जियो टैग के माध्यम से कोई भी व्यक्ति घर बैठे विकास कार्यो की जानकारी हासिल कर पाएगा। केंद्र के निर्देश पर एक नवंबर से जियो टैग का कार्य शुरू हुआ था। इसके लिए एक एप का इस्तेमाल किया जा रहा है।