एमडीआर टीबी पर अब सीधा वार करेगी बिडाकुलीन टैबलेट
केजीएमयू में स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने मरीज को दवा खिलाकर किया शुभारंभ। आठ हजार रुपये की एक टेबलेट मरीजों को मिलेगी मुफ्त।
लखनऊ, जेएनएन। मल्टीड्रग रजिस्ट्रेंशन (एमडीआर) टीबी का इलाज करना अब आसान हो गया है। बिडाकुलीन टैबलेट मर्ज पर सीधा वार करेगी। इसका शुभारंभ बुधवार को केजीएमयू में स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने किया। उन्होंने मरीज को दवा लिखाकर इस महत्वाकांक्षी योजना की शुरूआत की। आठ हजार रुपये की एक एमडीआर टीबी मरीजों को मुफ्त दी जाएगी।
केजीएमयू के सेल्बी हाल में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि टीबी तेजी से बढ़ रहा है। इसे खत्म करना बहुत जरूरी हो गया है। टीबी का पूरा इलाज कर बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं। उन्होंने हर डेढ़ मिनट में एक टीबी मरीज की मौत पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि डॉक्टरी का पेशा बहुत कठिन होता है, क्योंकि प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए एक या दो साल की कड़ी मेहनत काफी है। डॉक्टर को लगभग 12 साल तक लगातार पढऩा होता है। इसके बाद भी नई तकनीक को सीखना पड़ता है। काम के बोझ के बावजूद मरीज से मुस्कुराकर पेश आना कठिन है। कार्यक्रम में कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने कहा कि टीबी मरीजों को इलाज में बड़ी राहत मिलने जा रही है। कार्यक्रम में रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष प्रो. सूर्यकांत ने कहा कि टीबी का एक मरीज पंद्रह लोगों को रोग बांट रहा है। मरीजों का मुफ्त इलाज हो रहा है और सरकार 500 रुपये भत्ता भी दिया जा रहा है।
कई बार कुलपति का नहीं मिलता फोन
मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह ने कहा कि केजीएमयू एशिया का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां मरीजों का बहुत दबाव रहता है। मगर सीएमएस की जिम्मेदारी निभा रहे डॉ. एसएन शंखवार का मोबाइल फोन हमेशा उठता है। वह कभी किसी काम को मना नहीं करते। यह उनकी शख्सियत का बेजोड़ नमूना है। कई बार कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट का फोन नहीं मिल पाता है। व्यस्तता भी इसकी वजह हो सकती है। पर, केजीएमयू से लोगों को काफी उम्मीदें हैं।