निकायों के आय-व्यय में पारदर्शिता के लिए डबल इंट्री सिस्टम को हरी झंडी
योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने बुधवार को नगरीय निकायों के आय-व्यय के ब्योरे में पारदर्शिता लाने के लिए दोहरी लेखा प्रणाली यानी डबल इंट्री सिस्टम को हरी झंडी दे दी है।
लखनऊ (जेएनएन)। योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने बुधवार को नगरीय निकायों के आय-व्यय के ब्योरे में पारदर्शिता लाने के लिए दोहरी लेखा प्रणाली यानी डबल इंट्री सिस्टम को हरी झंडी दे दी है। इससे सरकार को किसी भी निकाय के आय-व्यय की जानकारी एक क्लिक में मिल जाएगी। साथ ही अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ जाएगी। इसे निकायों में राज्य स्तरीय विशेषज्ञ सलाहकार एवं सीए फर्मों के सहयोग से लागू किया जाएगा। नगरीय निकाय निदेशालय निकाय कर्मियों को दोहरी लेखा प्रणाली के उपयोग के लिए प्रशिक्षण देगा। इसमें आय व व्यय का मदवार ब्योरा दर्ज किया जाएगा।
निकायों की वित्तीय स्थिति भी ठीक होगी
लेखा प्रणाली में प्रस्तावित सुधार से निकायों की वित्तीय स्थिति भी ठीक होगी। इसके लिए कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश नगर पालिका लेखा नियमावली 1918 व उत्तर प्रदेश नगर महापालिका लेखा नियमावली 1959 में संशोधन को हरी झंडी दे दी है। इससे निकायों का तुलनात्मक विवरण तैयार करने में नगर निकायों की सही व वास्तविक वित्तीय स्थिति का पता चल जाएगा।स्थानीय निधि लेखा परीक्षा विभाग का वर्ष 2016-17 का वार्षिक प्रतिवेदन सदन के पटल पर रखने को कैबिनेट ने हरी झंडी दे दी है। इसे स्थानीय निधि लेखा परीक्षा अधिनियम 1984 के तहत तैयार किया जाता है।
अब 20 किमी का होगा पर्यटन सर्किट का दायरा
पर्यटन के क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश आए। स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजी-रोजगार का मौका मिले। इसके लिए कैबिनेट ने पर्यटन सर्किट के दायरे को बढ़ाकर 20 किमी कर दिया है। इससे पर्यटन के विकास के लिए बने सर्किटों में कई और जगहें जुड़ जाएंगी। इनमें से कई जगहें आसपास के महानगरों के और पास होंगी। इससे इन जगहों पर हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में निवेश के प्रति निवेशकों का आकर्षण बढ़ेगा। निवेश करने वालों को नयी पर्यटन नीति के तहत मिलने वाले (फिस्कल इंसेटिव एंड बेनीफिटस) लाभ मिलेंगे।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 11 सर्किट
अपर मुख्य सचिव पर्यटन अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 11 सर्किट (रामायण, ब्रज, बुद्धिस्ट, वाइल्ड लाइफ, महाभारत, शक्तिपीठ, आध्यात्मिक, सूफी, जैन, क्राफ्ट और स्वतंत्रता संग्राम)बना रखे हैं। हर सर्किट में कौन-कौन सी जगहें यह तय हैं। अभी तक इन सर्किटों में शामिल जगहों की संख्या कम होने के नाते इनमें निवेश के मौके भी सीमित थे। कैबिनेट ने इनका दायरा बढ़ा दिया। अब बढ़ दायरे में निवेश करने वालों को भी नई पर्यटन नीति के तहत निवेश करने का लाभ मिलेगा।