विवेक हत्याकांडः लखनऊ और बरेली के सिपाहियों पर अनुशासनहीनता की कार्रवाई, निलंबित
विवेक तिवारी हत्याकांड में बर्खास्त सिपाहियों के पक्ष में खड़े होकर विरोध करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ तीसरे दिन भी सख्त कार्रवाई का सिलसिला जारी रहा।
लखनऊ (जेएनएन)। विवेक तिवारी हत्याकांड में बर्खास्त सिपाहियों के पक्ष में खड़े होकर विरोध करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ तीसरे दिन भी सख्त कार्रवाई का सिलसिला जारी रहा। बर्खास्त सिपाहियों के पक्ष में फेसबुक पर आपत्तिजनक वीडियो अपलोड करने पर बरेली में तैनात सिपाही नीरज माथुर और लखनऊ के सिपाही बृजेश तोमर को निलंबित कर दिया गया।
वाट्सएप ग्रुप पर भ्रामक मैसेज बढ़ाया
लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में तैनात बृजेश ने वाट्सएप ग्रुप पर भ्रामक व आपत्तिजनक मैसेज को बढ़ाया था। प्रकरण में अब तक कुल छह सिपाहियों को निलंबित किया गया है। लखनऊ में तीन थानेदार हटाये गये हैं और दो बर्खास्त सिपाहियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। डीआइजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि सोशल मीडिया पर लगातार नजर रखी जा रही हैं। कई सिपाहियों की सोशल मीडिया पर की गई गतिविधियों के बारे में छानबीन चल रही है। पुलिसकर्मियों की काली पट्टी बांधकर खींचवाई गई जो फोटो वायरल हुई थीं, उनकी भी गहनता से जांच कराई जा रही है। अब तक संज्ञान में आई सभी गतिविधियों की जांच चल रही है।
पुलिसकर्मी के घर विवाद सुलझाने पहुंचे डीजीपी
पुलिसकर्मियों में असंतोष के मुखर होते स्वरों के बीच डीजीपी ओपी सिंह ने शनिवार को नई पहल की। वह लखनऊ पुलिस लाइन निवासी पुलिसकर्मी के घर पहुंचे और उसके पारिवारिक विवाद का निपटवाया। इसे डीजीपी के स्थिति को नियंत्रित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। डीजीपी के सामने पांच अक्टूबर को लखनऊ पुलिस लाइन निवासी आरक्षी आरमोरर गोविंद सिंह की पत्नी अपने चार बच्चों को साथ लेकर पेश हुई थीं। महिला ने पति द्वारा घर खर्च न दिये जाने व पारिवारिक विवाद को डीजीपी के सामने रखा था। इस पर डीजीपी ने शनिवार को पुलिसकर्मी के आवास पर पहुंचकर पारिवारिक विवाद को निस्तारित कराया। डीजीपी ने पुलिस लाइन में निर्माणाधीन बहुमंजिला बैरक का निरीक्षण भी किया। इसके अलावा पुलिस स्मृति दिवस परेड ग्राउंड के सामने बन रही फोर्टवाल (जिस दीवार के सामने 26 जनवरी व अन्य मौकों पर रैतिक परेड खड़ी होती है) का भी निरीक्षण किया। इस दीवार की खास सजावट भी जाएगी।
लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों का भी दर्ज होगा बयान
विवेक तिवारी हत्याकांड की छानबीन में जुटी एसआइटी लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों का बयान भी दर्ज करेगी। सूत्रों का कहना है कि गोमतीनगर थाने में तैनात कुछ पुलिसकर्मियों के साथ ही उन डॉक्टरों की सूची भी बनाई गई है, जिन्होंने विवेक का इलाज किया था। यही नहीं घटना स्थल पर सबसे पहले पहुंचने वाले उन मीडियाकर्मियों से पूछताछ भी होगी, जिन्होंने सना का बयान रिकॉर्ड किया था। छानबीन के बाद पुलिस अंतिम निर्णय लेने से पहले कानूनी सलाह लेगी। विधिक राय के आधार पर ही विवेचक चार्ज शीट लगाएंगे। आइजी सुजीत पांडेय का कहना है कि फिंगर प्रिंट, फॉरेंसिक और बैलेस्टिक रिपोर्ट मिलने के बाद ही जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी जाएगी। कॉल डिटेल रिकॉर्ड और सीसी फुटेज से मिले सुराग की पुलिस पड़ताल कर रही है। एसआइटी प्रभारी ने विवेचक और टीम के अन्य सदस्यों के साथ बैठक कर साक्ष्य संकलन के बारे में जानकारी ली।