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ट्रांसपोर्ट्स की देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल, यूपी में भी ट्रकों के पहिए थमे

ऑल इंडिया कंफेडरेशन ऑफ गुड्स ऑपरेटर्स एसोसिएशन व ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आह्वान पर उत्तर प्रदेश के भी 50 हजार ट्रांसपोर्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 03:11 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 05:16 PM (IST)
ट्रांसपोर्ट्स की देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल, यूपी में भी ट्रकों के पहिए थमे
ट्रांसपोर्ट्स की देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल, यूपी में भी ट्रकों के पहिए थमे

लखनऊ (जेएनएन)। आठ सूत्री मांग को लेकर देशव्यापी ट्रांसपोर्ट्स की आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल का बड़ा प्रभाव उत्तर प्रदेश पर भी पड़ रहा है। जिससे जरूरत की चीजें जगह पर नहीं पहुंच पा रही हैं। फिलहाल खाद्य पदार्थ, डीजल, पेट्रोल, गैस सिलेंडर, दूध, चीनी तथा जीवन रक्षक दवा की गाडिय़ों को रोका नहीं गया है। कुछ दिनों बाद इसे भी रोक दिया जाएगा।

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ऑल इंडिया कंफेडरेशन ऑफ गुड्स ऑपरेटर्स एसोसिएशन व ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के आह्वान पर उत्तर प्रदेश के भी 50 हजार ट्रांसपोर्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। यूपी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से मिलकर अपनी बात रखेंगे।

अकेले लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर डिपो ट्रांसपोर्ट नगर से पांच सौ ट्रक में से किसी भी प्रकार की आपूर्ति नहीं हो पाई है। माल की लोडिंग व अनलोडिंग बंद है। होलसेल मार्केट में माल को भेजा जाना भी बंद कर दिया गया है। लखनऊ ट्रांसपोर्ट नगर से करीब 100 करोड़ का व्यवसाय प्रभावित हुआ है। लखनऊ गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के मुकेश सिन्हा के मुताबिक प्रदेश में वाहनों को ट्रकों को निकलने नहीं दिया जाएगा। जब तक मांगे पूरी नहीं होती तब तक कोई भी समझौता नहीं होगा।

ट्रक एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने ने आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है। वही गुड्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय कुमार छाबड़ा ने कहा है कि अगर जल्द ही मामला तय नहीं हुआ तो स्पेशल कमोडिटीज को भी बंद कर दिया जाएगा। हड़ताल अनिश्चितकालीन चलेगी।

डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी और टोल मुक्त बैरियर सहित अन्य मांगों को लेकर ट्रांसपोर्ट्स  ने आज से ही अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान किया है। उनकी मांग है कि सरकार डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाए और तीन महीने के भीतर दामों को तय करे। इसके साथ ही अवैध खनन में ट्रांसपोर्टरों को निशाना बनाए जाने जैसे मुद्दे भी शामिल हैं।

यूपी के ट्रांसपोर्टरों के इस हड़ताल में शामिल होने से प्रदेश में रोजाना 10 से 15 करोड़ का नुकसान होगा। ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन का कहना है कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से मिलकर अपनी बात रखेंगे। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बल मलकीत सिंह ने कहा कि उनकी केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ कल बैठक हुई, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकला। ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी ने मीडिया से बातचीत में इस बात के संकेत दिए हैं कि दो ड्राइवर्स रखने की अनिवार्यता से राहत दी जा सकती है। वहीं फिटनेस की बात है तो हर साल छोड़कर इसे एक साल छोड़कर एक साल कराने की रियायत दिया जा सकती है।

यह हैं ट्रांसपोर्ट्स की मांग

1- ट्रांसपोर्ट्स ने मांग की कि डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए या फिर मौजूदा समय में इनपर केन्द्रीय व राज्यों की तरफ से लगने वाले टैक्स को कम किया जाए।

2- टोल कलेक्शन सिस्टम को भी बदला जाए, क्योंकि टोल प्लाजा पर र्इंधन और समय के नुकसान से सालाना 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है।

3- थर्ड पार्टी बीमा प्रिमियम पर जीएसटी की छूट मिले और इससे एजेंट्स को मिलने वाले अतिरिक्त कमिशन को भी खत्म किया जाए।

4- इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 44AE में प्रिजेंप्टिव इनकम के तहत लगने वाले टीडीएस को बंद किया जाए और ई-वे बिल में संशोधन हो। 


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