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Emergency break: खतरे का लाल निशान लांघ गया शताब्दी एक्सप्रेस का ड्राइवर

जिस रेलखंड पर शताब्दी एक्सप्रेस को 30 किमी दौडऩा था, वहां ट्रेन 100 किमी की गति से पहुंच गई थी। अचानक ड्राइवर को इमरजेंसी ब्रेक लगाना पड़ा।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 17 Jul 2018 09:46 PM (IST)Updated: Wed, 18 Jul 2018 08:33 AM (IST)
Emergency break: खतरे का लाल निशान लांघ गया शताब्दी एक्सप्रेस का ड्राइवर
Emergency break: खतरे का लाल निशान लांघ गया शताब्दी एक्सप्रेस का ड्राइवर

लखनऊ (जेएनएन)। लखनऊ से नई दिल्ली जा रही शताब्दी एक्सप्रेस का ड्राइवर खतरे के लाल निशान को नहीं भांप सका था। जिस रेलखंड पर शताब्दी एक्सप्रेस को 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से दौडऩा था, वहां ट्रेन 100 किलोमीटर की गति से पहुंच गई थी। अचानक बीच पटरी पर मेंटेनेंस के उपकरण को देख ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दी थी। दरअसल सोमवार को अमौसी से हरौनी के बीच पटरियों को बदलने का काम चल रहा है। इसी के साथ पटरियों के ढीले बोल्ट कसने और जॉगर प्लेट को बदलने का काम भी चल रहा है।

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रेलवे इंजीनियरिंग विभाग के ठेका मजदूर पिपरसंड स्टेशन के पास पटरियों की मरम्मत कर रहे थे। इसके लिए 30 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से ट्रेनों के चलने का कॉशन था। यहां से करीब 200 मीटर दूर लाल रंग का बैनर पटरी पर लगा दिया गया था। इस बीच शाम 4:25 बजे ट्रेन अमौसी को पार कर पिपरसंड की ओर चल पड़ी। अमौसी से ट्रेन को क्लीयर लाइन मिली थी। ड्राइवर कॉशन के रूट तक 100 किमी गति से पहुंच गया। जैसे ही उसने लाल बैनर देखा आनन फानन इमरजेंसी ब्रेक लगाया। हालांकि इस बीच इंजन बैनर को उखाड़ते कार्यस्थल तक पहुंच गया। ट्रेन को तेज गति से आते देख मजदूर उपकरण छोड़कर भाग निकले। रेलवे ने ड्राइवर से कॉशन दिए जाने के बारे में पूछताछ की है। डीआरएम सतीश कुमार ने बताया कि शताब्दी एक्सप्रेस के मामले में कई बिंदुओं को लेकर पूछताछ की जा रही है। परिचालन और इंजीनियरिंग से रिपोर्ट मांगी गई है। 

दर्ज हुए बयान 

शताब्दी एक्सप्रेस के लोको पायलट बीपी शाह और सहायक लोको पायलट एसके भारती का बयान दर्ज किया गया। दोनों ने बताया कि नियम के तहत 1200 मीटर पहले पटाखा दगाना चाहिए या फिर लाल झंडा लगाकर रखना चाहिए था। इसके न होने पर 600 मीटर पहले लाल झंडी लेकर गैंगमैन को खड़ा किया जाना चाहिए था। पिपरसंड में कार्यस्थल के 200 मीटर पहले ही झंडी लगाई गई थी, जिसे देख इमरजेंसी ब्रेक मारा गया लेकिन, स्पीड अधिक थी इसलिए ट्रेन पर नियंत्रण पाना मुश्किल हो गया। अब बुधवार को शताब्दी एक्सपे्रस के गार्ड, दोनों ड्राइवरों के साथ रेल पथ निरीक्षक (पीडब्ल्यूआइ) से भी पूछताछ की जाएगी। 


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