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181 महिला हेल्पलाइन कर्मियों ने दी धरना की चेतावनी, सरकार को दिया दो दिन का समय

पिछले एक साल से वेतन न मिलने व सेवाएं बंद किए जाने से नाराज 181 महिला हेल्पलाइन की महिला काउंसलरों ने मुख्यमंत्री आवास के समक्ष धरना देने की चेतावनी दी है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 14 Jul 2020 01:11 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jul 2020 06:40 AM (IST)
181 महिला हेल्पलाइन कर्मियों ने दी धरना की चेतावनी, सरकार को दिया दो दिन का समय

लखनऊ, जेएनएन। पिछले एक साल से वेतन न मिलने व सेवाएं बंद किए जाने से नाराज 181 महिला हेल्पलाइन की महिला काउंसलरों ने मुख्यमंत्री आवास के समक्ष धरना देने की चेतावनी दी है। काउंसलरों ने कहा कि प्रदेश की इतनी अच्छी सेवा अफसरों की लापरवाही के कारण बंद हो गई है। उन लोगों को एक साल से वेतन भी नहीं दिया गया है। इन लोगों ने निदेशक महिला कल्याण व लखनऊ के जिलाधिकारी को धरना देने की सूचना दे दी है। इसमें सरकार को मांगे पूरी करने के लिए दो दिन का समय दिया है।

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दरअसल, सपा सरकार ने महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों से उन्हें बचाने के लिए छह सीटर 181 महिला हेल्पलाइन का कॉल सेंटर शुरू किया था। कॉल सेंटर की उपयोगिता देख योगी सरकार ने इस सेवा का विस्तार कर कॉल सेंटर को 30 सीटर कर दिया था। साथ ही सभी 75 जिलों में रेस्क्यू वैन सेवा शुरू की थी। शुरुआत से कॉल सेंटर संचालन का जिम्मा 108 एवं 102 एंबुलेंस चलाने वाली जीवीके-ईएमआरआइ कंपनी को दिया गया। कॉल सेंटर में हर दिन 400 से 500 पीड़ित महिलाओं की कॉल आती थी। इस सेवा को अफसरों बर्बाद कर दिया।

आज यह हेल्पलाइन पूरी तरह बंद हो गई है। इसका कारण मार्च 2019 से सरकार ने कंपनी को भुगतान नहीं किया। इस कारण महिला कर्मचारियों को पिछले एक साल से वेतन नहीं मिला है। इसके बाद महिलाएं अपने संसाधनों से ऑफिस आकर कॉल सेंटर चला रही थीं। जून में कंपनी ने 181 महिला हेल्पलाइन की सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी थीं। कंपनी की महिला काउंसलरों ने सोमवार को निदेशक महिला कल्याण को पत्र भेजकर दो दिनों में वेतन देने व सेवाएं फिर से शुरू करने की मांग की है। अगर ऐसा नहीं होता है तो सभी महिला काउंसलर मुख्यमंत्री आवास के समक्ष धरना देंगी। महिला काउंसलरों ने कहा कि वे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए धरना देंगी।

उन्नाव की काउंसलर कर चुकी है आत्महत्या : 181 महिला हेल्पलाइन की काउंसलरों ने बताया कि आर्थिक तंगी के कारण पिछले दिनों उन्नाव की फील्ड काउंसलर आयुषी आत्महत्या कर चुकी है। एक साल से वेतन न मिलने के कारण इस सेवा में लगी करीब 350 से अधिक महिला काउंसलरों का हाल बेहाल है।


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