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Fight Against CoronaVirus: अस्पताल से छुट्टी के बाद भी 14 दिन होम क्वारंटाइन जरूरी, न हों एकदम बेफिक्र

Fight Against CoronaVirus रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद दोबारा लौट सकती है बीमारी। डॉक्टरों ने दी सतर्कता बरतने की सलाह।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Wed, 08 Apr 2020 11:14 AM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 08:27 AM (IST)
Fight Against CoronaVirus: अस्पताल से छुट्टी के बाद भी 14 दिन होम क्वारंटाइन जरूरी, न हों एकदम बेफिक्र
Fight Against CoronaVirus: अस्पताल से छुट्टी के बाद भी 14 दिन होम क्वारंटाइन जरूरी, न हों एकदम बेफिक्र

लखनऊ [रूमा सिन्हा]। Fight Against CoronaVirus: कोरोना वायरस से होने वाले संक्रमण कोविड-19 से निपटने के लिए डॉक्टर लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। हाल ही में रिसर्च पेपर इंटरनेशनल जनरल ऑफ इंफेक्शियस डिसीजेज में प्रकाशित केस हिस्ट्री में देखा गया कि कोरोना संक्रमित जिस महिला मरीज को दो टेस्ट नेगेटिव आने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया था, घर पहुंचने के चार-पांच दिन बाद उसमें फिर से कोरोना के लक्षण दिखाई देने लगे। जांच में वह फिर कोरोना पॉजिटिव पाई गई। कुछ दिनों के होम क्वारंटाइन के बाद फिर जांच की गई तो जांच रिपोर्ट निगेटिव आई।

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इस शोध के मद्देनजर वैश्विक स्तर पर दरअसल कोरोना वायरस को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतने के सुझाव दिए जा रहे हैं। वजह यह है कि वैज्ञानिक व चिकित्सक अभी अंतिम तौर पर कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं। यह एक नया वायरस है जिस पर अभी विभिन्न स्तरों पर अध्ययन जारी है। यही वजह है कि कोरोना की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी डॉक्टर 14 दिन के होम क्वारंटाइन की सलाह दे रहे हैं।

केजीएमयू के इनफेक्शियस डिजीज हॉस्पिटल के प्रभारी डॉ. डी हिमांशु बताते हैं कि मरीज दो रिपोर्ट लगातार नेगेटिव आने के बाद डिस्चार्ज किए जा रहे हैं। सावधानी यह भी बरती जा रही है कि जब एक रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है तो उसके 48 घंटे के अंतर पर दूसरी जांच कराई जाती है। यानी इस प्रक्रिया में यदि कहीं वायरस की कोई संभावना थोड़ी भी शेष बची हो वह भी समाप्त हो जाए। मरीज व उसके परिवार वालों को इस बात के निर्देश दिए जा रहे हैं कि वह 14 दिन होम क्वारंटाइन में रहकर निर्देशों का सख्ती से अनुपालन करें।

घर वालों की भी काउंसलिंग

डॉ. हिमांशु बताते हैं कि मरीज को डिस्चार्ज करने से पहले उनके घर वालों की भी काउंसलिंग की जाती है। परिवार के लोगों को सावधानी के तौर पर हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन दवा तीन सप्ताह के लिए दी जाती है। पहले दिन सुबह-शाम दो गोली फिर सप्ताह में एक बार गोली खाने की सलाह दी जाती है। ध्यान रहे की हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन केवल संक्रमित व्यक्ति के परिवार वालों को ही दी जाती है। सामान्य व्यक्ति इसका सेवन नहीं कर सकते।

बरती जाती हैं ये सावधानियां

डॉ. हिमांशु कहते हैं कि मंगलवार को तीन मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। मरीजों को डिस्चार्ज करने से पहले नहाने के लिए कहा जाता है। इसके बाद उन्हें एच2ओ2 (विशेष रसायन) वाइप से क्लीन किया जाता है। विसंक्रमित किए गए कपड़े पहनाए जाते हैं। उनके द्वारा उतारे गए कपड़ों को इंसीनरेटर में भेज दिया जाता है। उनके सभी सामान को डिसइंफेक्ट किया जाता है। कमरे से बाहर निकलने से पहले उन्हें मास्क व शू कवर पहनाए जाते हैं। कोशिश यही रहती है कि उन्हें एंबुलेंस से ही घर छोड़ा जाए। जो लोग अपनी गाड़ी में जाना चाहते हैं उनकी गाड़ी को हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन स्प्रे करसैनिटाइज कराया जाता है। उनसे कहा जाता है कि घर पहुंचने के बाद अपनी गाड़ी को फिर से साफ कर सैनीटाइज करें। घर जाकर सबसे पहले नहाएं और अपने कपड़ों को 0.5 फीसद ब्लीचिंग पाउडर डालकर 70 डिग्री सेल्सियस पर गर्म किए हुए पानी में वॉश करें। साथ ही जो भी सामान मोबाइल, लैपटॉप, घड़ी ,चश्मा आदि को भी सैनिटाइज करें। घर में उन्हें एक कमरे में 14 दिन तक आइसोलेशन में रहने की कड़ी हिदायत दी जाती है।


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