CoronaVirus LockDown: समृद्धि के साथ महिलाएं पढ़ा रहीं सुरक्षा का भी पाठ
CoronaVirus LockDown लॉकडाउन में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की पहल। 13976 महिलाओं को गांव में ही मिला रोजगार।
लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। CoronaVirus LockDown: राजधानी की सरोजनीनगर ब्लॉक की परवल पश्चिम निवासी प्रियंका के पति फास्ट फूड का ठेला लगाते थे। कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन हुआ तो ठेला तो छोड़िए सुरक्षा के चलते घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित हो गया। दो बच्चों के साथ घर का खर्च चलाना मुस्किल हो गया था।
उन्होंने उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के ब्लॉक प्रबंधक ज्ञानेंद्र सिंह से मुलाकात हुई तो मानों उनकी जिंदगी ही बदल गई। समूह से जुड़कर वह अब मास्क सिलकर बनाकर एक महीने में आठ से 10 हजार रुपये कमा रही हैं। समाज की सुरक्षा के साथ समृद्धि का पाठ पढ़ने वाली अकेली प्रियंका ही नहीं रसूलपुर की संगीता व हबीबुल निशा समेत 427 ग्रामीण महिलाएं अपना परिवार चला रही हैं।
अकेले राजधानी ही नहीं प्रदेश के हर जिले में मिशन की ओर से समूह बनाकर महिलाओं को गांव में ही रोजगार से जोड़ा गया है। महिलाएं कमाई के अपने गांव में ही रहकर लोगों को मास्क लगाने के लिए जागरूक भी कर रही हैं।
सैनिटाइजर बनाने में लगे ग्रामीण
मास्क के साथ सैनिटाइजर बनाने के छोटे कारखाने भी स्थापित किए गए हैं। राजधानी में ग्रामीण क्षेत्र में 12 इकाइयां एक महीने में 900 लीटर सैनिटाइजर बना चुकी हैं। प्रवक्ता मिशन प्रवक्ता मनोज कुमार ने बतायाकि प्रदेश में 384 इकाइयों के माध्यम से अब तक 9634 लीटर सैनिटाइल बनाया गया है। इकाइयों से ग्रामीण जुड़कर कमाई कर रहे हैं।
वाराणसी में सबसे ज्यादा समूह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में सबसे ज्यादा समूहों के माध्यम से मास्क बनाया जा रहा है। खास बात यह है कि गांव से शहर को पलायन करने वाले ग्रामीणों को रोकने की पहल भी इसी के माध्यम से शुरू हो गई है।
क्या कहते हैं राज्य ग्रमीण आजीविका मिशन निदेशक सुजीत कुमार के मुताबिक ?
राज्य ग्रमीण आजीविका मिशन निदेशक सुजीत कुमार के मुताबिक, राजधानी समेत प्रदेश में पांच हजार समूहों की 13976 महिलाएं मास्क सिलने में लगी हैं। 62.18 लाख मास्क के सापेक्ष 50.16 लाख मास्क बनाया जा चुका है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर और मास्क बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। मास्क बनाने के एवज में महिलाओं को 3.70 करोड़ से अधिक की रकम ऑनलाइन सीधे उनके खाते में भेज दी गई है। प्रवासी श्रमिकों की सूची तैयार हो गई है। उन्हें भी उनके गांव में रोजगार दिया जाएगा।
कुछ प्रमुख जिलों में जुड़ी महिलाओं पर एक नजर
- वाराणसी-907
- प्रयागराज 830
- बलिया-781
- अंबडेकर नगर -633
- खीरी-506
- संतकबीर नगर 504
- आजमगढ़-452
- शामली-450
- लखनऊ-427
- सुलतानपुर-423
- सिद्धार्थनगर-423
- बलरामपुर-421
- बहराइच-160
- बाराबंकी-114
- हरदोई-125
- श्रावस्ती-112
- सीतापुर-125
- अमेठी-26
- बुलंदशहर-05