जाति मजहब की सीमा से ऊपर है योग :राजनाथ
वैसे तो यह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का कार्यक्रम था, लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के निशाने पर योग को लेकर विवादित बयान देने वाले लोग रहे। किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि योग भारत की सांस्कृतिक विरासत है। इसे जाति, मजहब और धर्म की सीमा में नहीं बांधा
लखनऊ। वैसे तो यह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का कार्यक्रम था, लेकिन केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के निशाने पर योग को लेकर विवादित बयान देने वाले लोग रहे। किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि योग भारत की सांस्कृतिक विरासत है। इसे जाति, मजहब और धर्म की सीमा में नहीं बांधा जा सकता। वह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर केडी सिंह बाबू स्टेडियम में आयोजित योग कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
राजनाथ सिंह ने कहा कि ईसाई धर्म का जन्म कहीं भी हुआ हो, लेकिन दुनिया का पहला चर्च भारत के केरल में बना। जब पारसियों को दुनिया भर में निकाला जा रहा था तब उनको सबसे अधिक सम्मान भारत में मिला। यहूदियों ने भी स्वीकार किया है कि उनको सबसे अधिक सम्मान भारत में हासिल हुआ। बौद्ध धर्म का जन्म भारत में हुआ, जिसका प्रसार विश्व भर में हो गया है। दुनिया के 170 देशों ने उसकी सांस्कृतिक विरासत योग को अपनाकर इस राष्ट्र को एक महत्वपूर्ण स्थान दिया है। सही मायने में भारत विश्वगुरू बनने की ओर अग्रसर है।
साथ मिलकर किया योग
सीआरपीएफ जवानों की बैंड वादन टुकड़ी की मधुर संगीत की धुन के बीच सुबह सात बजे योग की शुरुआत हुई। स्टेडियम में हर तरफ से लोगों का हुजूम योग में हिस्सा लेने के लिए उमड़ पड़ा। राजनाथ सिंह ने भी मेयर डॉ. दिनेश शर्मा के साथ 35 मिनट तक योग के कई आसन किए इसके बाद राजनाथ सिंह ने सभी को स्वस्थ रहने के लिए योग करने का संकल्प दिलाया। सीआरपीएफ, एसएसबी, आरपीएफ और आइटीबीपी के जवानों ने भी योग में हिस्सा लिया।