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मुसलमान मथुरा, अयोध्या व काशी के धर्मस्थल हिंदुओं को सौंपें: सिंहल

विश्व हिंदू परिषद नेता अशोक सिंहल ने मुसलमानों का आह्वान किया कि वह मथुरा काशी और अयोध्या हिंदुओं को देकर मदिर विरोध छोड़ दे। देश में हर तरफ शांति ही शांति होनी चाहिए। सभी लोग देश में प्रेम और भाईचारे के साथ शांतिपूर्वक रहें। करीब आठ सौ साल बाद (उनका

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 10 Jun 2015 05:01 PM (IST)Updated: Wed, 10 Jun 2015 08:15 PM (IST)
मुसलमान मथुरा, अयोध्या व काशी के धर्मस्थल हिंदुओं को सौंपें: सिंहल

लखनऊ। विश्व हिंदू परिषद संरक्षक अशोक सिंहल ने मुसलमानों से अयोध्या, काशी और मथुरा के धार्मिक स्थल हिंदुओं को सौंपने की अपील की और कहा कि इससे देश में प्रेम व भाईचारे का माहौल बना रहेगा। सिंहल ने रहस्योद्घाटन किया कि एक समय मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि अयोध्या, मथुरा और काशी के धार्मिक स्थलों से अपना अधिकार छोडऩे पर सहमत थे लेकिन बाबरी मस्जिद पैरोकार बने एक पूर्व अफसर ने इसमें अड़ंगा लगाया था। सिंहल ने कहा कि हिंदूवादी सरकार के कार्यकाल में देश में हर तरफ शांति और अमन है। देश विश्व शिखर की ओर अग्रसर है। दिल्ली (केंद्र) में 800 बरस बाद हिंदूवादी सरकार बनी है। (उनका तात्पर्य संभवतः पृथ्वीराज के समय से था)

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आज लखनऊ मे महाराजा सुहेल देव द्वारा गाजी सालार मसूद पर विजय प्राप्त करने के विजयोत्सव में सिंहल ने राजा सुहैल देव के पराक्रम की प्रशंसा की। उन्हें राष्ट्रवादी व हिंदूवादी करार दिया। उन्होंने जिहादी इस्लाम से दुनिया को खतरा बताते हुए कहा कि यह ज्यादा दिन नही चलेगा और आभास होने भी लगा है। शांति व प्रेम का पैगाम देने वाला इस्लाम ही वजूद में रहेगा। सिंहल ने देश में 18 करोड़ अनुसूचित जाति वर्ग के पूर्वजों को हिंदु योद्धा बताया और कहा कि उन्होंने तमाम प्रताडऩा झेलने और निम्नस्तर का काम करने के बाद भी मुसलमान बनने से परहेज किया। सिंहल ने दावा किया कि देश में 18 करोड़ मुसलमानों के पूर्वज भी ङ्क्षहदू थे।

इतिहास सुधारने की जरूरत :राजनाथ

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस देश की विडंबना ही रही कि मातृभूमि की रक्षा के लिए अतुलनीय योगदान व बलिदान करने वाले महापुरुषों का नाम उस गौरव व सम्मान के साथ दर्ज नहीं हो सका जिसके वह हकदार थे। गृहमंत्री ने कहा कि इसमें पश्चिम के इतिहासकारों की प्रमुख भूमिका रही। महाराजा सुहेल का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि वह महाराजा सुहेल देव की जीवनी से खासे प्रभावित हुए और मुख्यमंत्री रहते उनकी प्रतिमा लगवाई। उन्होंने इतिहासकारों का आह्वान किया कि अगर उन्हें लगता है कि कहीं पर इतिहास तथ्यों से परे है और भारत भारत की सभ्यता व संस्कृति पर चोट करने वाला है तो उन्हें इतिहास को दुरुस्त करना चाहिए। आसपास के राजाओं को संगठित कर सैय्यद सालार मसूद से जंग लडऩे वाले महाराजा सुहेल देव का जिक्र करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि उस समय की जनता ने उन्हें महानायक का दर्जा दिया था। मुख्यमंत्री कार्यकाल में बनाई गई सामाजिक न्याय समिति का जिक्र करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि देश की मोदी सरकार भी इसी दिशा में काम कर रही है, जिससे कोई भी व्यक्ति समाज से अपने को वंचित न समझे। गृहमंत्री ने कहा कि अगर किसी देश व संस्कृति, सभ्यता और पहचान पर हमला किया जाता है तो युद्ध ही एक विकल्प होता है।


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