रेलवे ट्रैक पर दिखेगा 12 हजार हॉर्स पावर का इंजन, ये होगी खासियत
डेडीकेटेड फ्रेड कॉरिडोर पर दौड़ेगा डब्ल्यूएजी 12 इंजन।
लखनऊ[निशात यादव]। भारत जल्द ही जर्मनी, रूस, चीन और स्वीडन जैसे उन देशों की श्रेणी में आ जाएगा जहा पटरियों पर सबसे शक्तिशाली इंजन दौड़ते हैं। देश में 12 हजार हॉर्स पावर की क्षमता वाला इलेक्टिक इंजन डब्ल्यूएजी 12 दौड़ने को तैयार है। लखनऊ स्थित अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के विशेषज्ञ अगले माह इस इंजन की ताकत परखेंगे। टेस्टिंग निदेशालय ने इसके ट्रायल को टीम बना ली है।
रेल मंत्रालय अगले कुछ साल में अपने मालभाड़ा की क्षमता में कई गुना वृद्धि करने की योजना बना रहा है। मालगाड़ियों के लिए अलग डेडीकेटेड फ्रेड कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इस शक्तिशाली इंजन को इसी कॉरिडोर पर दौड़ाया जाएगा। अभी भारत में छह हजार हॉर्सपावर की क्षमता वाला इलेक्टिक इंजन है, जबकि विदेशी कंपनी ऑलस्ट्राम मधेपुरा में जो इंजन फैक्ट्री लगा रही है, वहा 12 हजार हॉर्सपावर का यह इंजन बनेगा। पहला इंजन आयात होकर आ गया है। भारत की पटरियों के अनुकूल करने के लिए इंजन की डिजाइन की समीक्षा आरडीएसओ कर रहा है। इसकी गति को परखकर प्रमाणित करने के लिए ट्रायल करने की तैयारी है। ये होगी खासियत:
यह कॉम्बो इलेक्टिक इंजन होगा जो दो इंजनों को मिलाकर बनेगा। इसमें कैब केवल एक तरफ होगा। इसकी दौड़ने की क्षमता 110 किलोमीटर प्रतिघटा होगी। कैब ड्राइवरों के लिए आरामदायक होगा। जबकि इसके पैनल सहित सभी उपकरण आधुनिक होंगे। कोयला और लोहे की भारी भरकम ढुलाई यह इंजन आसानी से कर सकेगा। क्या कहते हैं आरडीएसओ?
आरडीएसओ के एक्जक्यूटिव डायरेक्टर प्रशासन एनके सिन्हा का कहना है कि देश में 12 हजार हार्सपावर की क्षमता वाले शक्तिशाली इलेक्टिक इंजन का ट्रायल अगले महीने आरडीएसओ के विशेषज्ञों की टीम करेगी। यह इंजन अधिक लोड वहन कर सकता है। इसका इस्तेमाल डेडीकेटेड फ्रेड कॉरिडोर पर किया जाएगा।