केजीएमयू भर्ती घोटाले में 12 जिम्मेदारों को नोटिस, 2005 में हुई थीं गड़बड़ नियुक्तियां
मामले की जांच 2008 में तत्कालीन मंडलायुक्त प्रशांत त्रिवेदी ने की थी। उन्होंने इसमें भारी पैमाने में गड़बडिय़ां पाई थीं।
लखनऊ (जेएनएन)। केजीएमयू में 2005 में कर्मचारियों के 94 पदों पर हुई भर्ती के मामले में 12 जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस दी जाएगी। केजीएमयू के रजिस्ट्रार राजेश राय ने बताया कि उस समय भर्ती प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों और पैनल में शामिल सदस्यों को जल्द ही नोटिस भेजी जाएगी। इसकी तैयारी चल रही है। केजीएमयू की कार्यपरिषद ने बीते दिनों इस मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। फिलहाल इस बार ठोस कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है।
केजीएमयू में 2005 में कुलपति प्रो. महेंद्र सिंह भंडारी थे और रजिस्ट्रार आरपी गोस्वामी थे। कर्मचारी भर्ती प्रक्रिया में नियमों का पालन ही नहीं किया गया था। साक्षात्कार में जानबूझकर पद के सापेक्ष अधिक अभ्यर्थियों को बुलाया गया था ताकि नीचे की मेरिट के अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाया जा सके। मामले की जांच 2008 में तत्कालीन मंडलायुक्त प्रशांत त्रिवेदी ने की थी। उन्होंने इसमें भारी पैमाने में गड़बडिय़ां पाई थीं। उन्होंने भर्ती मामले में आरोपियों पर कार्रवाई की संस्तुति की थी। फिर केजीएमयू प्रशासन ने मामले को 2013 में कार्यपरिषद में रखा लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। बीते दिनों भर्ती घोटाले का जिन्न फिर बाहर निकला। कार्रवाई के लिए बीती 25 अक्टूबर को हुई कार्यपरिषद की महत्वपूर्ण बैठक में आरोपियों को नोटिस जारी करने के आदेश दिए गए। रजिस्ट्रार राजेश राय के अनुसार अगले हफ्ते सभी आरोपियों को नोटिस भेज दिया जाएगा। जवाब आने के बाद कार्रवाई की जाएगी।