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Pulwama Terror Attack: आतंकी हमले में 40 शहीद जवानों में 12 उत्तर प्रदेश के जांबाज

भारत की शान और मान के लिए अपनी जान न्योछावार करने वाले 40 शहीद जवानों में से 12 उत्तर प्रदेश के सपूत हैं। इनमें दो शामली जिले के जवान हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 15 Feb 2019 10:35 AM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 01:16 PM (IST)
Pulwama Terror Attack: आतंकी हमले में 40 शहीद जवानों में 12 उत्तर प्रदेश के जांबाज
Pulwama Terror Attack: आतंकी हमले में 40 शहीद जवानों में 12 उत्तर प्रदेश के जांबाज

लखनऊ, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में कल हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के अब तक 40 जवान शहीद हो चुके हैं। इनमें 12 जांबाज उत्तर प्रदेश से हैं। इस आत्मघाती हमले में दो दर्जन से अधिक जवान घायल भी हैं, जिनमें से कई की हालत बेहद गंभीर बनी है। इस कायराना हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। जिस आतंकी ने इस हमले को अंजाम दिया उसका नाम आदिल अहमद डार है।

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भारत की शान और मान के लिए अपनी जान न्योछावार करने वाले 40 शहीद जवानों में से 12 उत्तर प्रदेश के सपूत हैं। इनमें दो शामली जिले के जवान हैं। इन जवानों के शहीद होने की सूचना जैसे ही घरों तक पहुंची, गांव में कोहराम मच गया। उत्तर प्रदेश के शहीद जवानों में चंदौली के अवधेश कुमार, प्रयागराज के महेश कुमार, शामली के प्रदीप कुमार प्रजापति व अमित कुमार, वाराणसी के शहीद रमेश यादव, आगरा के कौशल कुमार रावत, उन्नाव के अजीत कुमार, कानपुर देहात के श्याम बाबू, कन्नौज के प्रदीप सिंह यादव, देवरिया के विजय कुमार मौर्य, महराजगंज के पंकज त्रिपाठी व मैनपुरी के राम वकील ने अपनी जान देश के लिए न्योछावर कर दी है। यह सभी जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का सफाया करने में लगे थे। इनको बड़ी सफलता भी मिली थी।

पुलवामा आतंकी हमले में उन्नाव शहर कोतवाली के लोक्नगर मोहल्ला के रहने वाले प्यारेलाल के 35 वर्षीय पुत्र अजीत कुमार आजाद 115वीं बटालियन में सीआई के पद पर तैनात थे।

कल देर शाम मौत की खबर मिलते ही मां राजवती, पत्नी मीना व दो बेटियों ईशा और श्रेया का रो-रोकर बुरा हाल हो गया।वाराणसी के मिलकोपुर के लाल रमेश यादव भी पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए हैं। उनकी मौत की सूचना पहुंचते ही घर में कोहराम मचा है।

कन्नौज के तिर्वा के सुख्सेंपुर निवासी जवान प्रदीप सिंह यादव भी उस बटालियन में शामिल थे, जिसे आतंकियों ने अपना निशाना बनाया। उनकी मौत की खबर मिलते ही परिवार पर गम का पहाड़ टूट पड़ा।

प्रदीप अपने पीछे पत्नी नीरज और दो बेटी सुप्रिया यादव और सोना यादव छोड़ गए हैं। 

प्रयागराज के मेजा के महेश कुमार भी शहीद हुए जवानों में शामिल हैं। महेश 118 बटालियन में तैनात थे। इस समय उनकी पोस्टिंग बिहार में थी। 

पुलवामा में आतंकी हमले में जनपद कानपुर देहात का भी एक लाल शहीद हुआ है। कानपुर देहात के डेरापुर थाना के रैगवा के रहने वाले श्याम बाबू शहीद हो गए। उनके शहीद होने की सूचना के बाद घर में मातम पसरा हुआ है। उनकी मौत की सूचना मिलते ही परिजन बेसुध हो गए।

बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई करते हुए ही 2007 में उन्होंने सीआरपीएफ ज्वाइन किया था। श्याम लाल के दो बच्चे हैं। उनकी एक पुत्री पांच वर्ष की है जबकि चार वर्षीय पुत्र है।

पुलवामा के आतंकी हमले में चंदौली के लाल अवधेश यादव भी शहीद हो गए। अवधेश यादव 45वीं बटालियन में तैनात था। वह रेडियो आपरेटर सिग्नल पद पर तैनात थे।

उनके शहीद होने की सूचना के बाद गांव में मातम पसरा है। शहीद की मां कैंसर से पीडि़त हैं, जिसकी वजह से सूचना नहीं दी गई है। वह मुगलसराय कोतवाली के बहादुरपुर गांव के रहने वाले थे।

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में कल शाम सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकवादी हमले में शामली के दो जवान शहीद हो गए। शहीद होने वालों में आदर्श मंडी क्षेत्र के बनत के प्रदीप कुमार प्रजापति और रेलपार कालोनी के अमित कुमार शामिल हैं। परिवार में कोहराम मच गया और गांव में शोक छा गया। शहीद जवान प्रदीप का मकान बनत के मोहल्ला प्रतापनगर में है।

2005 में प्रदीप सीआरपीएफ की 21 वीं बटालियन में भर्ती हुए थे। उनकी ड्यूटी डल झील पर पर्यटकों की सुरक्षा में लगी थी। पत्नी कामिनी के अलावा प्रदीप के दो बेटे सिद्धार्थ (15) और चीकू (14) है। बड़ा बेटा इंटर में और छोटा कक्षा हाईस्कूल में पढ़ता है।

शामली शुगर मिल से सेवानिवृत्त प्रदीप के पिता जगदीश प्रजापति ने बताया कि लगभग छह बजे सीआरपीएफ के कमांडेंट ने फोन पर प्रदीप के शहीद होने की सूचना दी। प्रदीप चार दिन पहले अपने तहेरे भाई दीपक की शादी में बनत आए थे। दो दिन पूर्व ही वह ड्यूटी पर गए थे।

इसी आतंकी हमले में रेल पार कालोनी के अमित भी शहीद हुए हैं। 21वीं बटालियन सीआरपीएफ के टूआइसी कैप्टन एसएस यादव ने बताया कि अमित कुमार भी शहीद हुए हैं।

शहीद सैनिक अमित पांच भाइयों में सबसे छोटे थे। उनकी एक बहन है जिसकी शादी हो चुकी है। वह डेढ़ साल पहले सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। 15 दिन पहले छुट्टी लेकर घर आए थे। बीते मंगलवार को वापस ड्यूटी पर गए थे। शामली के बनत के लाल प्रदीप भी इस हमले में शहीद हो गए।

दो दिन पहले ही मिली थी तैनाती

आगरा के कइरई गांव के जवान कौशल कुमार रावत भी हमले में शहीद हो गए। कौशल की शहादत की खबर आई तो पूरा गांव रो उठा। उनकी मां धन्नो देवी, भाई कमल किशोर और पूरा परिवार बेहाल हो गया। आगरा के ताजगंज के कौशल कुमार रावत को दो दिन पहले ही सिलीगुड़ी से तबादला होकर जम्मू में तैनाती मिली थी। ताजगंज के कहरई के कौशल कुमार रावत की शहादत की खबर मिलने पर पूरा गांव उनके घर पर एकत्रित हो गया। कहरई गांव के निवासी कौशल कुमार रावत (47) केंद्रीय अद्र्धसैनिक बल में नायक थे। सिलीगुड़ी में 76 बटालियन में तैनात थे। पिछले दिनों कौशल का तबादला जम्मू हो गया था। उन्होंने मंगलवार को जम्मू में आमद कराई थी। बुधवार को भाई कमल कुमार को फोन कर इसकी जानकारी दी।

कल शाम सात बजे उनके रिश्तेदार विनोद कुमार रावत ने परिवार के लोगों को फोन पर आतंकी हमले की जानकारी दी। जीजा श्याम दीक्षित ने उन्हें कौशल रावत के शहीद होने की जानकारी दी। इससे परिवार में कोहराम मच गया। गांव के लोग कौशल के घर पहुंच गए। परिजनों ने बताया कि कौशल की पत्नी ममता और दोनों बेटे अभिषेक व विकास गुरुग्राम में रहते हैं। कौशल 15 साल पहले गुरुग्राम में एनएसजी कमांडो थे। तभी से परिवार वहां रहने लगा था। कहरई में उनके पिता गीताराम, मां धन्नो देवी और भाई कमल कुमार का परिवार रहता है। शहद की पत्नी और बच्चों के यहां लाने के लिए परिवार के लोग गुरुग्राम के लिए रवाना हो गए। शहीद का पार्थिव शरीर आज रात तक यहां पहुंचने की उम्मीद है।

विस्फोट में देवरिया का लाल शहीद

जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवंतीपोर के पास गोरीपोरा में गुरुवार को विस्फोट में देवरिया का लाल शहीद हो गया। देर रात जैसे ही इसकी खबर गांव पहुंची कोहराम मच गया। भटनी थाना क्षेत्र के छपिया जयदेव के विजय कुमार मौर्य सीआरपीएफ में कांस्टेबल बिगुलर के पद पर तैनात थे। 

 

देवरिया के भटनी थाना क्षेत्र के छपिया जयदेव गांव के विजय कुमार मौर्य भी हमले में शहीद हुए हैं। वह सीआरपीएफ की 82 बटालियन कांस्टेबल पद पर तैनात थे। वह दो दिन पूर्व छुट्टी से वापस हेडक्वार्टर पहुंचे थे और वहां से ड्यूटी के लिए रवाना हो रहे थे। शहीद के बड़े भाई अशोक कुमार मौर्य ने बताया कि हेडक्वार्टर से फोन पिता रामायण सिंह के पास आया है। मैं गुजरात से गांव के लिए रवाना हो रहा हूं। उन्होंने बताया कि विजय मुझसे छोटे थे। वह नौ साल पहले सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। शादी 2014 में हुई थी। डेढ़ साल की एक बेटी है।

विजय कुमार मौर्य सीआरपीएफ में कांस्टेबल बिगुलर के पद पर तैनात थे। अभी वह दो दिन पूर्व छुट्टी से वापस हेडक्वार्टर पहुंचे थे और वहां से ड्यूटी के लिए रवाना हो रहे थे। विजय नौ साल पहले सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। शादी 2014 में हुई थी। डेढ़ साल की उनकी एक बेटी है। शहीद जवान विजय कुमार मौर्य के गांव में मातम का माहौल है। सुबह से ही उनके दरवाजे पर सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्रित हैं और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। पिता रामायण का कहना है कि उन्हें गर्व है, उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है।

महराजगंज जिले के फरेंदा थाना अंतर्गत हरपुर गांव निवासी पंकज कुमार त्रिपाठी सीआरपीएफ में कांस्टेबल चालक के पद पर तैनात थे। तीन दिन पूर्व रविवार को घर से छुट्टी वापस गए थे। पंकज की शादी 2010 में रोहिणी त्रिपाठी से हुई थी, चार साल के बेटे का नाम प्रतीक त्रिपाठी है।

शहीद जवान पंकज त्रिपाठी के गांव में मातम का माहौल है। सुबह से ही उनके दरवाजे पर सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्रित हैं और पाकिस्तान के खिलाफ  नारेबाजी कर रहे हैं। पिता ओमप्रकाश त्रिपाठी का कहना है कि उन्हें गर्व है कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ है। ऐसी कार्रवाई होनी चाहिए कि पाकिस्तानी और आतंकी संगठन इस तरह की हिमाकत करने की कभी भी हिम्मत न जुटा सकें।

मैनपुरी शहीद रामवकील के परिवार में मचा हाहाकार 

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले में मैनपुरी जिले के जवान रामवकील भी शहीद हुए हैं। वह अपनी ससुराल इटावा में पत्नी व बच्चों के साथ रहते थे। 7 फरवरी को ही घर से ड्यूटी करने गये थे। रामवकील मैनपुरी जनपद के थाना बरनाहल इलाके के विनायकपुर गांव के रहने वाले थे। उनकी तैनाती 176 बटालियन सीआरपीएफ में कांस्टेबल के पद पर थी।

उनकी मौत की खबर जैसे ही घर पर पहुंची  पत्नी गीता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। वह बेहोश होकर गिर पड़ी, उनका बड़ा पुत्र राहुल उम्र 12 वर्ष, शाहुल उम्र 9 वर्ष व अंश उम्र 6 वर्ष को भी जैसे ही सूचना मिली वह भी गमगीन हो गये। तीनों बच्चे केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाई करते हैं। रामवकील के ससुर कांस्टेबल दिवारी लाल का मकान अशोकनगर में है। यहीं पर उनके बच्चे रहते हैं।

उत्तर प्रदेश के 12 शहीद जवानों के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे मंत्री, सरकार ने जारी की सूची

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जम्मू-कश्मीर में शहीद जवान के परिवार को लेकर बेहद गंभीर हैं। उन्होंने मंत्रियों को भी शहीद के घर जाने का निर्देश दिया है।

इसकी एक सूची भी बना ली गई। यह सभी मंत्री शहीदों के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। 


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