लखनऊ में सूदखोर कारोबारी से मिला 100 किलो सोना व नकद 9.21 करोड़ रुपये
लखनऊ और मुंबई के ठिकानों पर शुरू हुए छापे बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहे। आयकर अधिकारियों ने 16 लाख रुपये छोड़कर बाकी रकम और पूरा सोना जब्त कर लिया है।
लखनऊ (जेएनएन)। पुराने शहर के सूदखोर कारोबारी कन्हैयालाल रस्तोगी ने आयकर के शिकंजे में फंसने के बाद 60 करोड़ रुपये की अघोषित आय स्वीकार कर ली है। उसके भाई संजय रस्तोगी ने भी अपनी 23 करोड़ रुपये की अघोषित आय मानी है। आयकर विभाग ने 48 घंटे से अधिक समय तक चले छापे में 100 किलो से अधिक सोने और 9.21 करोड़ नकद रुपये के साथ भारी मात्रा में सूद पर रकम उधार देने के दस्तावेज भी बरामद किए हैैं। अब इन प्रपत्रों के जरिए कारोबारी की असल आय पता लगाई जाएगी।
दिल्ली व इलाहाबाद के साथ लखनऊ जोन की आयकर टीम ने बीती 17 जुलाई की सुबह कन्हैयालाल रस्तोगी के लखनऊ स्थित राजा बाजार व सुभाष मार्ग सहित कुल पांच ठिकानों पर दस्तक दी थी। बिना लिखापढ़ी के भारी मात्रा में नकद लेनदेन की सूचनाओं बाद छह महीने तक चली रेकी के दौरान आयकर अधिकारियों ने भी कारोबारी के यहां काला धन होने की पुष्टि कर ली थी। छापे में अधिकारियों की यह आशंका सही साबित हुई। पॉलीथिन के बैग में उन्हें दोनों भाइयों के ठिकानों पर 100 किलो से अधिक सोने की सिल्लियां और गहने मिले, जबकि दोनों के पास से कुल 9.21 करोड़ रुपये भी जब्त किए गए थे।
आयकर के संयुक्त निदेशक (जांच) जयनाथ वर्मा ने बताया कि कन्हैयालाल के पास 87 किलो की सोने की सिल्लियां, दो किलो सोने के गहने और 8.08 करोड़ रुपये नकद मिले थे, जबकि उसके भाई संजय के पास से 11.64 किलो सोने के सौ-सौ ग्राम के टुकड़े और 1.13 करोड़ रुपये नकद मिले थे। इसके अलावा दोनों भाइयों के पास से सूद व अन्य कारोबार के दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। आयकर अधिकारियों के मुताबिक ब्याज पर पैसा देने के साथ ही रियल इस्टेट व ईंट-भट्ठे के अलावा अन्य धंधों में दोनों भाइयों ने निवेश कर रखा था, जिसका अब पता लगाया जा रहा है।
वायरल फोटो पर हंगामा
कारोबारी के यहां से बरामद सोने व नकदी की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद गुरुवार को आयकर विभाग में हलचल मच गई। माना जा रहा है कि छापे में शामिल किसी अधिकारी ने ही अपने मोबाइल फोन से फोटो खींचकर प्रसारित की है। विभाग के उच्चाधिकारियों ने इसे गंभीरता से लिया है। गुरुवार को अधिकारी यह पता लगाने का प्रयास करते रहे कि फोटो किसके द्वारा जारी की गई है। जांच टीम में शामिल अधिकारियों ने हालांकि इस मामले पर चुप्पी साध रखी है। उनका कहना है कि नाम सामने आने पर विभागीय कार्यवाही भी हो सकती है।