बच्ची को लेने डू-नॉट डिस्टर्ब मोड पर चलायी गयी ट्रेन
फोटो : 27 ::: ललितपुर : ललितपुर रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई पिता-पुत्री के फुटेज।
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ललितपुर : ललितपुर रेलवे स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई पिता-पुत्री के फुटेज।
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ललितपुर : यह है 3 वर्षीय मासूम बच्ची, जिसके अपहरण का रचा गया ड्रामा।
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ललितपुर : भोपाल रेलवे स्टेशन पर पिता-पुत्री को पकड़ती जीआरपी।
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ललितपुर : रेल मन्त्री का ट्वीट, जिसमें उन्होंने रेल अधिकारियों की तारी़फ की।
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- नाटकीय अपहरण काण्ड के खुलासे में रेलवे ने निभाई सक्रिय भूमिका
- रात भर अलर्ट रहा परिचालन विभाग, 260 किलोमीटर तक ट्रेन को कहीं नहीं रुकने दिया
- रेल मन्त्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर स्टाफ को सराहा
- पत्नी ने अपहरण की झूठी सूचना दी थी
ललितपुर : 3 वर्षीय मासूम बच्ची के नाटकीय अपहरण के मामले का पर्दाफाश कराने में रेलवे की बड़ी भूमिका रही। अपहरण की सूचना पर सक्रिय हुए रेलवे के परिचालन विभाग ने रात भर सक्रिय रहकर ट्रेन को बिना किसी रुकावट ते़जी से भोपाल पहुँचाया, उसी वजह से जीआरपी बच्ची तक पहुँचने में कामयाब रही। बच्ची के ललितपुर पहुँचने पर पता चला कि उसका अपहरण नहीं हुआ, बल्कि उसका पिता उसे अपने साथ ले गया था। मामले में रेल मन्त्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर झाँसी मण्डल के रेलवे अधिकारियों की कार्यप्रणाली की प्रशसा की है।
अपहरण की सूचना जैसे ही रेलवे कण्ट्रोल रूम में जीआरपी व आरपीएफ के माध्यम से पहुँची तो मण्डल रेल प्रबन्धक सन्दीप माथुर के निर्देश पर परिचालन विभाग अलर्ट हो गया। स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरे से यह पक्का हो गया था कि एक व्यक्ति बच्ची को अपने साथ राप्तिसागर एक्सप्रेस में चढ़ा। रेलवे व जीआरपी को आशंका थी कि कहीं व्यक्ति बच्ची को लेकर कहीं उतर न जाए, इसलिए परिचालन विभाग ने उस वक्त मण्डल से गु़जरने वाली ट्रेन का ऑपरेशन मैनिज करना शुरू कर दिया। प्रयास किया गया कि किसी ट्रेन की क्रॉसिंग या किसी तकनीकि कारण से ट्रेन कहीं रुक न पाए और यह प्रयास सफल भी रहा। ट्रेन ने 260 किलोमीटर की दूरी बिना किसी रुकावट के तय की। भोपाल में पहले से सक्रिय जीआरपी ने स्टेशन पर ही बच्ची व उसके साथ गए व्यक्ति को पकड़ लिया। जीआरपी की पूछताछ में पता चला कि वह व्यक्ति कोई और नहीं, बच्ची का पिता है। दम्पति में झगड़ा होने के कारण वह बच्ची को अपने साथ ले गया था।
यह था पूरा मामला
ललितपुर ़िजले के आ़जादपुरा निवासी आशा रैकवार ने रविवार की शाम जीआरपी थाने में शिकायत करते हुए अपनी 3 वर्षीय पुत्री काव्या के अपहरण की शिकायत दर्ज कराई थी। उसने सूचना दी थी कि उसकी पुत्री काफी देर से घर से गायब है। इस पर जीआरपी ने आरपीएफ की मदद से सीसीटीवी फुटेज खँगाले तो एक व्यक्ति जो पीली शर्ट पहने हुए था, वह राप्तिसागर ट्रेन में बच्ची के साथ चढ़ते हुए दिखाई दिया। यह देख हरकत में आई दोनों पुलिस ने घटना की सूचना फौरन कण्ट्रोल रूम को दी। कण्ट्रोल रूम में रेलवे अधिकारियों की निगरानी में अपहरण के खुलासे की रणनीति तय की गयी।
ऐसे खुल गया मामला
पकड़ जाने के बाद थाने में ले जाकर कुछ भी पूछताछ होती, इससे पहले बच्ची ही कथित अपहरणकर्ता से पापा कहकर बोल पड़ी। यह सुनकर जीआरपी को मामला समझते देर नहीं लगी। उक्त व्यक्ति सन्तोष ने बताया कि उसका अपनी पत्नी आशा से विवाद हो गया था, जिसके चलते वह अपनी पुत्री को लेकर भोपाल आ गया था। इसी बीच पत्नी भी दूसरी ट्रेन से भोपाल पहुंँच गयी। यहाँ पुलिस ने दोनों के बीच सुलह कराकर घर भेज दिया गया।