पानी के तेज बहाव में बहा पुल
ललितपुर ब्यूरो : लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते जहाँ आम जनता परेशान हो गई है तो वहीं पुल-पु
ललितपुर ब्यूरो :
लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते जहाँ आम जनता परेशान हो गई है तो वहीं पुल-पुलिया भी बारिश की चपेट में आ गये है। पुराना रजवारा रोड स्थित श्री पंचमुखी हनुमान मन्दिर के नजदीक शहजाद नहीं पर बना पुल बारिश की भेंट चढ़ गया। गोविन्द सागर बाँध से विगत दिवस छोड़े गये पानी के तेज बहाव को पुल सहन नहीं कर सका और घास-पूस की तरह बह गया। पानी के तेज बहाव के कारण जगह-जगह चोई जम गई है, जिसके चलते पुल का बचा हिस्सा भी ढहने की कगार पर पहुँच गया है।
लगातार हुई मूसलाधार बारिश के चलते गोविन्द सागर बाँध में भी क्षमता से अधिक पानी का भराव हो गया, जिसके चलते बाँध के गेट खोकर पानी छोड़ा गया। बाँध के गेट खुलने से शहजाद नदी के आसपास के क्षेत्रों में पानी का भराव हो गया। बाँध के गेट खुलने से शहजाद नदी में तीव्र वेग से बहते पानी के साथ-साथ बड़ी मात्रा में चोई भी बह गई। पानी के साथ बहती हुई चोई नालों और पुलों में दीवार बनकर खड़ी हो गई। ऐसा ही कुछ पुराना रजवारा रोड स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के नजदीक बने पुल पर देखने को मिला, जहाँ अत्यधिक मात्रा में चोई जम जाने के कारण पानी के तेज बहाव के कारण पुल धराशायी हो गया और पुल का एक हिस्सा पानी के साथ ही बह गया। पुल के आधे से अधिक हिस्से को चोई ने अपनी चपेट में ले लिया है। यदि दोबारा से गोविन्द सागर बाँध के गेट खोले गये तो पुल पर जमी चोई पानी के बहाव को रोकेगी, जिससे पुल का शेष हिस्सा भी ढह जाने का खतरा बना हुआ है। पुल के ढह जाने के कारण आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है। हालाँकि लोग जान जोखिम में डालकर भी टूटे पुल से निकल रहे हैं।
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ललितपुर : पुल के पास की सड़क की हालत।
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सड़क की हालत भी खस्ता
बारिश ने सड़कों के निर्माण की पोल खोलकर रख दी है। एक ओर जहाँ शहर के लगभग सभी प्रमुख मार्गो की हालत बारिश के कारण खस्ता हो गई है तो वहीं पुराना रजवारा रोड स्थित पुल के आसपास की सड़कें भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। आलम यह है कि सड़कों की जर्जर हालत के कारण एक कदम भी पैदल चलना दूभर हो रहा है। लोगों ने जिलाधिकारी से सड़कों की गुणवत्तापूर्ण मरम्मत कराये जाने की माँग उठाई है।
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ललितपुर : मत्स्याखेट करते बालक।
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छोटे-छोटे बच्चे कर रहे मत्स्याखेट
गोविन्द सागर बाँध गेट बंद होने के बाद से पानी का बहाव कम हुआ तो यहाँ मत्स्याखेट शुरू हो गया। छोटे-छोटे बच्चे पुल के भीतर जाकर मछलियाँ पकड़ रहे हैं जो बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।