बाढ़ में फँसे किसान, सेना का हैलीकॉप्टर बना मददगार
तालबेहट(ललितपुर) : पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से माताटीला बाँध लबालब हो गया। जिससे बाँध
तालबेहट(ललितपुर) : पिछले दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से माताटीला बाँध लबालब हो गया। जिससे बाँध प्रखण्ड के अफसरों ने माताटीला बाँध पर ही डेरा जमा लिया। बाँध का जलस्तर निरतर बढ़ता देख माताटीला बाँध 20 गेट खोलकर पानी की निकासी शुरू कर दी गई थी। माताटीला बाँध के गेट खुल जाने से सुकवाँ-ढुकवाँ बाँध का अचानक जलस्तर बढ़ गया, जिससे झररघाट व सुकवाँ-ढुकवाँ बाँध क्षेत्र के कई गाँवों में पानी-पानी हो गया। दर्जनों गाँवों के किसानों की फसलें भी पानी में डूब गई और खेतों व जंगलों में मौजूद करीब आधा दर्जन किसान सुकवाँ-ढुकवाँ बाँध क्षेत्र के भराव क्षेत्र में फँस गये। किसानों के पानी के बीच में फँस जाने की सूचना पर ललितपुर के जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने न सिर्फ प्रशासनिक व पुलिस अफसरों को राहत कार्य के निर्देश दिये। बल्कि सेना के अफसरों से भी मदद माँगी। डीएम की पहल पर सेना के जवानो का दल हैलीकॉप्टर लेकर सुकवाँ-ढुकवाँ बाँध पहुँचा और बाढ़ में फँसे किसानों को सुरक्षित बाहर निकाला।
माताटीला बाँध का जल स्तर बढ़ जाने से जान बचाने के लिये किसानों को टापू का सहारा लेना पड़ा। ग्रामीणों जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह व पुलिस अधीक्षक डॉ.ओपी सिंह को सूचना दी कि अचानक जलस्तर बढ़ जाने से तालबेहट कोतवाली क्षेत्र के वर्मा बिहार नाले के समीप रह रहा एक परिवार पानी में फँस गया है, साथ ही पूराकलाँ थानाक्षेत्र के ग्राम कंधारीकलाँ के करीब आधा दर्जन किसान भी सुकवाँ-ढुकवाँ बाँध के भराव क्षेत्र में फँस गये है। जिस पर डीएम-एसपी किसानों को सकुशल वापिस निकलवाने के लिये प्रशासन व पुलिस के अफसरों को मौके पर भेजा। डीएम के निर्देश पर तालबेहट के तहसीलदार अभिषेक कुमार सिंह, तालबेहट कोतवाल सभाजीत मिश्र पुलिसबल के साथ सबसे पहले वर्मा-बिहार नाले के पास पहुँचे, जहाँ अफसरों ने नाव की मदद से पानी में फँसे बादाम सिंह पुत्र सुम्मे लोधी निवासी पुराखुर्द व उसकी पत्िन व बच्चों को सकुशल बाहर निकलवाया। इसके उपरान्त तहसीलदार व पूराकलाँ थानाध्यक्ष भानुप्रताप सिंह सुकवाँ-ढुकवाँ बाँध पहुँचे। उन्होंने खेतों में फँसे किसानों की स्थिति जानी। पानी का जलस्तर अधिक होने के चलते नाव से किसानों को बाहर निकाल पाना सम्भव नहीं हो पाया। जिसकी सूचना तहसीलदार ने डीएम को दी। हालात बिगड़ते देख जिलाधिकारी ने झाँसी डीएम व सेना के अफसरों से मदद् माँगी। डीएम की पहल पर सेना के जवान हैलीकॉप्टर लेकर सुकवाँ-ढुकवाँ बाँध पहुँचे। सेना के जाबाज जवानों ने जान जोखिम में डालकर हैलीकॉप्टर से किसानों को पानी से बाहर निकाला। देर शाम तक पानी का जलस्तर भी धीरे-धीरे कम होता गया। बाढ़ में फँसे ग्रामीणों के नाम छोटू पाल पुत्र कन्हई, कल्लू पुत्र पंचा अहिरवार, जगदीश पुत्र पर्वत ढीमर बसंता पुत्र मनुआ, सुकना पुत्र दुन्ना, अम्मू पुत्र जगना उर्फ जगन निवासी कंधारीकलाँ बताये गये है। कंधारीकलाँ के ग्राम प्रधान राघवेन्द्र सिंह बुन्देला बट्टू राजा ने बताया कि पानी में फँसे सभी किसानों की सुकवाँ-ढुकवाँ बाँध क्षेत्र से लगी हुई भूमि है, जिसके चलते सभी रविवार की सुबह खेतों पर गये हुये थे। अचानक जलस्तर बढ़ने से वह पानी में फँस गये। जिन्हे जिला प्रशासन व सेना की मदद् से सकुशल बाहर निकाल लिया गया। राहत कार्य के दौरान नत्थीखेड़ा चौकी इचार्ज आशुतोष मिश्रा, राजस्व निरीक्षक चन्द्रभूषण त्रिपाठी, लेखपाल नाथूराम पाल सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।
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हालातों से रूबरू होते रहे डीएम-एसपी
सुकवाँ-ढुकवाँ बाँध क्षेत्र में बाढ़ में फँसे किसानों व बढ़ते पानी के जलस्तर को लेकर डीएम-एसपी पल-पल के हालातों से रूबरू होते रहे। डीएम-एसपी के निर्देश पर पुलिस और प्रशासन के अफसर पूरी टीम के साथ बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में मौजूद रहे। सुकवाँ-ढुकवाँ बाँध पर मौजूद तहसीलदार अभिषेक कुमार सिंह ने बताया कि डीएम ने बाँधों की सुरक्षा व लोगों को बाढ़ से राहत व बचाव के लिये अधिकारियों व कर्मचारियों की डयूटी लगाई है। प्रशासन की ओर से बाढ़ से बचाव व राहत की पूरी तैयारी है।