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इस्पायर अवॉर्ड : जनपद बना प्रदेश में अव्वल

ललितपुर ब्यूरो : स्कूली बच्चों के भविष्य को संवारने की गैरण्टि वाली 'इस्पायर अवॉर्ड मानक योजना' के

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 01:31 AM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 01:31 AM (IST)
इस्पायर अवॉर्ड : जनपद बना प्रदेश में अव्वल

ललितपुर ब्यूरो :

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स्कूली बच्चों के भविष्य को संवारने की गैरण्टि वाली 'इस्पायर अवॉर्ड मानक योजना' के संचालन में जनपद ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की है। स्कूलों के पंजीकरण व बच्चों के आयडिया अपलोड के मामले में महानगरों को पछड़ाते हुये जनपद प्रदेश में प्रथम स्थान पर काबिज हो गया है। जनपद के 269 माध्यमिक और बेसिक स्कूलों के 705 बच्चों के आयडिया ऑनलाइन अपलोड किये गये है।

गौरतलब है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा कक्षा 6 से 10वीं तक के छात्र-छात्राओं में वैज्ञानिक चेतना का विकास करते हुये 'इस्पायर अवॉर्ड मानक योजना' संचालित की जा रही है। योजना के तहत् कक्षा 6 से 10वीं तक के बच्चों को प्रतिभाग कराया जा सकता है। प्रतिभाग करने वाले प्रत्येक बच्चे को 1 आयडिया देना होता है जो दैनिक जीवन में आ रही कठिनाईयों के निदान एवं वैज्ञानिक सोच व चिंतन पर आधारित हो सकते है। योजना के तहत् कक्षा 6 से 10 तक संचालित विद्यालय अधिकतम 5 विद्यार्थियों आयडिया दे सकते हैं, जबकि कक्षा 6 से 8 तक संचालित विद्यालय 5 और कक्षा 9 से 10 तक संचालित विद्यालय द्वारा अधिकतम 2 बच्चों का चयन विद्यालय स्तर पर करके उनके आयडिया अपलोड कर सकते है।

देश भर के बच्चों के आयडिया अधिकृत वेबसाईड पर अपलोड किये जायेंगे, जिसमें से अधिकतम 1 लाख आयडिया का चयन राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान अहमदाबाद (एनआइएफ) द्वारा किया जायेगा। संस्थान द्वारा जितने बच्चों के आयडिया का चयन किया जायेगा उनके खाते में 10 हजार रुपये की धनराशि भेजी जायेगी। इस धनराशि से विद्यार्थी द्वारा वर्किग/नॉन वर्किग मॉडल तैयार करना होता है, जिसे जनपद स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में रखा जाता है। जनपद स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में जितने बच्चों के मॉडल का प्रदर्शन किया जायेगा उनमें से कम से कम 10 प्रतिशत विद्यार्थियों के मॉडल राज्य स्तर पर आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी के लिये चयनित होते है, जिनका चयन एनआइएफ द्वारा भेजे गये निर्णायक प्रतिनिधि के संरक्षण में जनपदीय समिति द्वारा सामूहिक रूप से किया जायेगा। राच्य स्तर पर आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में प्रदेश के 75 जनपदों से चयनित होकर आये विद्यार्थियों के मॉडल रखे जायेंगे। प्रतिभाग करने वाले बच्चों में से कम से कम 10 प्रतिशत बच्चों के मॉडल का चयन राष्ट्रीय स्तर पर आयोजत विज्ञान प्रतियोगिता के लिये किया जाता है।

चयनित प्रत्येक बच्चे को 50 हजार रुपये की धनराशि मॉडल बनाने के लिये प्रदान की जायेगी। मॉडल बनाने के लिये देश के प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान आइआइटी, एनआइटी इत्यादि द्वरा मॉडल विकसित कराया जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में देश भर से चयनित होकर आये छात्र-छात्राओं के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है और श्रेष्ठ 60 बच्चों के मॉडल्स का चयन किया जाता है। जिन बच्चों के मॉडल्स का चयन किया जाता है उन्हे भारत सरकार के विशेषज्ञों के संरक्षण में जापान जाने का मौका मिलता है, जहाँ बच्चे वैज्ञानिक संस्थानों का भ्रमण कर ज्ञान का विकास करते है। इतना ही नहीं इन चयनित बच्चों को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति से मिलने का भी मौका मिलता है।

जनपद में माध्यमिक स्तर के 103 विद्यालय पंजीकृत है, जिनमें से महज 66विद्यालयों एवं कक्षा 6 से 8 तक के बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित परिषदीय उच्च प्राथमिक और मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के लगभग 800 विद्यालयों के सापेक्ष 230 विद्यालयों का पंजीकरण विभागीय वेबसाइट पर किया जा चुका है। इस प्रकार माध्यमिक और बेसिक के 269 विद्यालयों के 705 बच्चों के आयडिया अपलोड किये जा चुके है। हाल ही में जारी किये गये आँकड़ों के मुताबिक इस्पायर अवॉर्ड मानक योजना के क्रियान्वयन के मामले में जनपद ने प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल किया है। इसके पीछे जिला विद्यालय निरीक्षक राम शकर, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी माया राम और योजना के जिला समन्वयक अमित शुक्ला की मेहनत मानी जा रही है।

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31 तक कराये जा सकेंगे आयडिया अपलोड

इस्पायर अवार्ड मानक योजना के तहत् आनलाइन नामाँकन की तिथि 1 बार फिर बढ़ा दी गई है। पूर्व में नामाँकन की तिथि 31 जून निर्धारित की गई थी, जिसे बढ़ाकर 31 जुलाई किया गया। इसके बाद शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) ने 1 आदेश जारी किया, जिसमें योजना के तहत ऑनलाइन पंजीकरण की तिथि को 1 माह के लिये बढ़ा दिया गया। अब 31 अगस्त तक पंजीकरण कराया जा सकता है।

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इस्पायर अवॉर्ड बैठक 16 को

इस्पायर अवॉर्ड मानक योजना के तहत 13 अगस्त को राजकीय बालिका इण्टर कॉलिज में माध्यमिक व बेसिक के विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों की बैठक रखी गई थी, जिसे बढ़ाकर 16 अगस्त कर दिया गया है। यह जानकारी जिला समन्वयक ने दी।

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क्या कहते है जिम्मेदार

इस्पायर अवॉर्ड मानक योजना के क्रियान्वयन के सम्बंध में जिला विद्यालय निरीक्षक राम शकर का कहना है कि प्रधानाचार्याे का नैतिक दायित्व है कि वह विद्यालय के श्रेष्ठ छात्र-छात्राओं को विज्ञान के क्षेत्र में आगे भेजने का सफल प्रयास करे। उन्होंने प्रधानाचार्याें को निर्देशित किया कि नियमानुसार छात्र-छात्राओं से आयडिया लेकर उन्हे निर्धारित वेबसाइट पर अपलोड करे। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी माया राम का कहना है कि अधिक से अधिक बच्चों के आयडिया अपलोड कराने की भरसक कोशिश की जा रही है। वहीं योजना के जिला समन्वयक अमित शुक्ला का कहना है कि योजना के क्रियान्वयन में जनपद प्रदेश में अव्वल रहा है। इसके लिये जिला विद्यालय निरीक्षक का मार्गदर्शन कारगर साबित हुआ। प्रयास है कि शत प्रतिशत विद्यालयों का पंजीयन कराया जाये।


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