Move to Jagran APP

लाखों का जल कर बिल देख उड़ रहे होश

ललितपुर ब्यूरो: नगर के विभिन्न वॉर्ड में जल संस्थान द्वारा भेजे जा रहे जल कर के भारी भरकम लाखों रु

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Aug 2018 01:15 AM (IST)Updated: Sat, 11 Aug 2018 01:15 AM (IST)
लाखों का जल कर बिल देख उड़ रहे होश
लाखों का जल कर बिल देख उड़ रहे होश

ललितपुर ब्यूरो:

loksabha election banner

नगर के विभिन्न वॉर्ड में जल संस्थान द्वारा भेजे जा रहे जल कर के भारी भरकम लाखों रुपये की राशि के नोटिस पाकर मोहल्लावासियों के होश उड़े हुए है। खबर है कि उक्त नोटिस नगर पालिका परिषद ललितपुर द्वारा जल संस्थान को जारी की गई स्व कर निर्धारण की सूची के आधार पर बनाए गए हैं। इससे जिन मोहल्लों में उक्त नोटिस जारी किए जा चुके है, पाते ही मोहल्लावासियों की होशपाख्ता है। नोटिस असंवैधानिक करार देते हुए विरोध में आज उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल ने नगर पालिका अध्यक्ष से मुलाकात कर समस्या से अवगत कराया और नोटिस पर रोक लगाए जाने की माँग की।

मोहल्ला सिविल लाइन निवासी कोमलचन्द्र पुत्र मानिकचन्द्र सिंघई को जारी उक्त नोटिस में जल कर के 3 लाख 14 हजार 215 रुपये की राशि जमा करने के लिए भेजा गया है। ऐसे ही नोटिस सुभाषपुरा, चौबयाना, महावीरपुरा, सिविल लाइन आदि में भेजे गए है। उक्त मोहल्लों के पार्षद अनुराग चौबे, अनुराग जैन शैलू, महेन्द्र सिंघई, मोदी पंकज जैन पार्षद के घर पर लोग दस्तक दे रहे है। उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के प्रान्तीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष महेन्द्र जैन मयूर की अगुवाई में शुक्रवार को नगर पालिका पहुँचकर अध्यक्ष रजनी कुशवाहा से इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गई। माँग की गई कि नगर पालिका द्वारा जल संस्थान को जारी स्व कर निर्धारण की सूची पर अविलम्ब रोक लगाई जाए। स्व कर प्रक्रिया को नगर पालिका के सभी सम्मानित पार्षदों के बीच में सुनवाई कर अन्तिम रूप से निस्तारित किए जाने की माँग उठाई गई। यदि इस पर जल्द ही रोक नहीं लगाई जाती है, तो नगर में बड़ा जन आन्दोलन खड़ा हो सकता है। नपाध्यक्ष से वार्ता के दौरान महेन्द्र जैन मयूर के अलावा प्रान्तीय संगठन मंत्री अशोक जैन अनौरा, जिलाध्यक्ष प्रदीप त्रिपाठी, जिला उपाध्यक्ष प्रीतम सर्राफ, महेन्द्र सतभैया मौजूद थे।

::

बॉक्स

::

अग्रिम गृह कर पर शासन की मोहर का नहीं रखा ध्यान

प्रस्तावित स्व कर प्रणाली में 2 वर्ष पूर्व से लगाया गया है। पूर्व में नगर पालिका पार्षदों की मौजूदगी में बैठक कर 5 वर्ष तक के लिए अग्रिम गृह कर निर्धारित कर लिया जाता था। इस पर बाकायदा शासन की मोहर लग जाती थी। वर्ष 2011 में बैठक कर वर्ष 2015-16 तक अग्रिम कर निर्धारण कर लिया गया था। इस पर बाकायदा शासन की मोहर भी लग गई थी। इस समय जारी नोटिस में इसका ध्यान नहीं रखा गया और स्व कर प्रणाली को वर्ष 2013-14 से प्रस्तावित स्व कर प्रणाली को लागू कर दिया गया है। व्यापार प्रतिनिधि मण्डल द्वारा इस पर भी कड़ा विरोध जताया है। प्रान्तीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष का कहना है कि जब शासन द्वारा सम्पूर्ण पार्षद और तत्कालीन नपाध्यक्ष और समस्त पार्षद और अफसरों की मौजूदगी में शासन की मोहर युक्त 31 मार्च 2016 तक गृहकर निर्धारित किया जा चुका है, तो जारी किए गए नोटिस में इस बात का ध्यान क्यों नहीं रखा गया।

::

बॉक्स

::

नपाध्यक्ष का मिला आश्वासन

व्यापार प्रतिनिधि मण्डल द्वारा विरोध जताए जाने के बाद नगर पालिका अध्यक्ष रजनी कुशवाहा द्वारा आश्वासन दिया गया कि स्वकर योजना लागू करने के सम्बन्ध में नोटिस जारी किए जाएंगे। जल संस्थान द्वारा जारी किए जा रहे नोटिस पर रोक लगाई जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.