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परमिट शुल्क में वृद्धि से ट्रास्पोर्टर नाराज

ललितपुर ब्यूरो : प्रदेश सरकार ने परिवहन विभाग की कमर्शल वाहनों का परमिट शुल्क बढ़ाने की माँग को

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 01:01 AM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 01:01 AM (IST)
परमिट शुल्क में वृद्धि से ट्रास्पोर्टर नाराज
परमिट शुल्क में वृद्धि से ट्रास्पोर्टर नाराज

ललितपुर ब्यूरो :

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प्रदेश सरकार ने परिवहन विभाग की कमर्शल वाहनों का परमिट शुल्क बढ़ाने की माँग को मंजूरी दे दी है। इससे टैक्सि, ऑटो और बसि़ज में यात्रा के साथ ही माल भाड़ा भी महँगा हो जाएगा। ट्रासपोर्टर्सं ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि शुल्क में बेतहाशा वृद्धि गलत है और इसे वापस लिया जाना चाहिए। इसका भार आम लोगों पर पड़ेगा। कहा कि इसका सीधा लाभ सरकार को है। कारोबार और जनता पर इस शुल्क वृद्धि का सीधा असर महगाई के रूप में पड़ेगा। वहीं व्यापारियों का कहना है कि वह अभी जीएसटी से उभर भी नहीं पाए थे कि अब सरकार के नए फैसले ने उनकी मुसीबत और बढ़ा दी है।

प्रदेश सरकार ने ट्रक, मिनी ट्रक के अलावा बसि़ज और टैक्सि के परमिट शुल्क में औसत 27.34 फीसदी तक वृद्धि की है। इससे सम्बन्धित परिवहन विभाग के उप्र मोटरयान नियमावली.1998 में संशोधन प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी है। इसके तहत परमिट शुल्क, फिटनेस शुल्क, कोर्ट फीस बढ़ाई गई है। इससे पहले गुड्स ऐण्ड सर्विस टैक्स लगने के बाद माल भाड़े में इजाफा हो चुका है। अब शुल्क बढ़ने से किराया और माल भाड़ा बढ़ा तो ये लोगों पर दोहरी मार होगी। फिलहाल सरकार के इस फैसले पर ट्रास्पोर्टर विरोध में उतर आए है। उनका कहना है कि परमिट शुल्क में वृद्धि से माल ढुलाई से लेकर टैक्सि व बसि़ज में यात्रा करना सब महँगा हो जाएगा। कारोबार के साथ इसका सीधा असर आम जनता पर भी पड़ेगा। डीजल, पेट्रोलियम पदार्थाें में निरन्तर वृद्धि हो रही है। टोल टैक्सं की वसूली से परिवहन व्यवसायी परेशान है। उस पर परिवहन शुल्क में 27.34 प्रतिशत की वृद्धि करने से यह व्यवसाय समाप्त ही हो जाएगा।

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बॉक्स में -

इस तरह हुई परमिट शुल्क में बढ़ोतरी -

- कॉमर्शियल वाहनों के परमिट शुल्क में 27.34 फीसदी का इजाफा

- बसों और माल वाहक वाहनों में 25.25 फीसदी की वृद्धि

- लाइसेंस शुल्क में 33.33 फीसदी का इजाफा

- रिप्लेसमेंट शुल्क 23.08 फीसदी बढ़ा

- बड़ी टैक्सी (8-12) सीटर में 50 फीसदी की वृद्धि

- पूरे प्रदेश में संचालन पर 33.33 फीसदी की वृद्धि

- 100 फीसदी की बढ़ोत्तरी मोटर टैक्सी (6 सीटर) संभाग में चलाने के लिए

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बॉक्स में -

फोटो - 13

प्रदेश सरकार ने परमिट शुल्क 27 फीसदी से ज्यादा बढ़ाकर ट्रास्पोर्टर्स पर और ज्यादा भार डाल दिया है। इससे पहले गुड्स ऐण्ड सर्विस टैक्स, गाड़ी का बीमा शुल्क बढ़ाकर अतिरिक्त भार डाला गया था। इसका असर आखिर में आम लोगों पर पड़ेगा।

जितेन्द्र सलूजा

अध्यक्ष

ट्रक-ट्रास्पोर्ट मालिक वेलफेयर असोसिएशन ललितपुर।

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परमिट शुल्क बढ़ाने से कारोबार पर काफी फर्क पड़ेगा। इससे ट्रासपोर्टेशन चार्ज बढ़ेगा तो उसका सीधा असर लोकल मार्केट में भी देखने को मिलेगा। लोग कॉमर्शियल वाहन का सहारा न लेकर अन्य वाहन से माल मंगा लिया करेंगे।

- आलोक खजुरिया

ट्रास्पोर्टर

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लगातार बढ़ रही महँगाई से कारोबार चौपट होता जा रहा है। अब परमिट शुल्क में वृद्धि का असर सीधे आम जनता पर पड़ेगा। सरकार ट्रासपोर्टर्स और व्यापारियों का उत्पीड़न कर रही है।

- गिरधारी यादव, ट्रास्पोर्टर।

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वैसे भी महँगाई की मार से आम आदमी परेशान है। अब परमिट शुल्क बढ़ाकर सरकार ने व्यापारी वर्ग को परेशान करने का काम किया है। महँगाई के इस दौर में परमिट शुल्क में वृद्धि करना सरकार का गलत फैसला है।

- महेन्द्र जैन मयूर, प्रान्तीय उपाध्यक्ष

उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल

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क्या बोले अधिकारी

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परमिट शुल्क बढ़ोतरी को प्रस्ताव 2 साल पूर्व से प्रस्तावित था। अब सरकार ने व्यापारियों व ट्रासपोर्टर्स के हित को देखते रिवाइज कर इसे लागू किया है। परमिट में जो वृद्धि की गई है वह 5 साल के लिए है, इसलिए कारोबार पर कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। टैक्स शुल्क में अगर बढ़ोतरी होती तो कारोबार पर फर्क पड़ता दिखाई देता।

- सत्येन्द्र कुमार

सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी

ललितपुर।


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