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800 विद्यालयों के बच्चे नहीं ले पायेंगे इस्पायर अवॉर्ड का लाभ

ललितपुर ब्यूरो : बच्चों के भविष्य को संवारने वाली 'इस्पायर अवॉर्ड मानक योजना' के प्रति बेसिक व मान

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 01:01 AM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 01:01 AM (IST)
800 विद्यालयों के बच्चे नहीं ले पायेंगे इस्पायर अवॉर्ड का लाभ
800 विद्यालयों के बच्चे नहीं ले पायेंगे इस्पायर अवॉर्ड का लाभ

ललितपुर ब्यूरो :

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बच्चों के भविष्य को संवारने वाली 'इस्पायर अवॉर्ड मानक योजना' के प्रति बेसिक व मान्यता प्राप्त स्कूलों का तनिक भी ध्यान नहीं है। कक्षा 6 से 8 तक के लगभग 800 स्कूल के बच्चों का पंजीकरण कराने में न तो विभागीय अफसर ध्यान दे रहे हैं और न ही गुरुजी सक्रिय है। यही वजह है कि अब तक इन स्कूलों के पंजीकरण का खाता तक नहीं खुल पाया है। वहीं माध्यमिक के 103 के सापेक्ष 63 स्कूल के बच्चों का पंजीकरण हो चुका है।

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा वर्ष 2009 से 'इस्पायर अवॉर्ड योजना' शुरू की गई जो वर्ष 2016 में बदलकर 'इस्पायर अवॉर्ड मानक योजना' के नाम से जानी जाने लगी। योजना का मकसद कक्षा 6 से 10वीं तक के छात्र-छात्राओं में वैज्ञानिक चेतना का विकास करते हुये उनका भविष्य संवारना है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिये योजना का लाभ लेने के लिये पंजीकरण की तिथि 31 जुलाई निर्धारित है। पूर्व में पंजीकरण की तिथि 30 जून तय की गई थी, लेकिन अपेक्षित बच्चों के पंजीकरण नहीं कराये गये जिसके चलते पंजीकरण की अवधि को बढ़ाया गया। अवधि बढ़ाये जाने के बाद भी बच्चों का भविष्य संवारने की गारण्टी वाली इस महत्वपूर्ण योजना के प्रति विद्यालयों की लापरवाही बनी हुई है। योजना के प्रति विद्यालयों की बेरूखी का आलम यह है कि जनपद में माध्यमिक स्तर के 103 विद्यालय पंजीकृत है, जिनमें से महज 63 विद्यालयों के लगभग 250 बच्चों के आयडिया वेबसाइट पर अपलोड किये जा चुके है। शेष विद्यालय के बच्चों के आयडिया अपलोड कराने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। माध्यमिक स्तर के विद्यालयों ने तो योजना के प्रति तनिक दिलचस्पी दिखाई है लेकिन कक्षा 6 से 8 तक के बेसिक और मान्यता प्राप्त विद्यालयों की संख्या अभी भी शून्य बनी हुई है। जनपद में ऐसे लगभग 800 विद्यालय संचालित किये जा रहे है लेकिन इनमें से किसी भी विद्यालय के बच्चे के आयडिया अपलोड नहीं कराये गये।

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कितने बच्चों के हो सकते आयडिया अपलोड

योजना में प्रतिभाग करने वाले प्रत्येक बच्चे को एक आयडिया देना होता है जो दैनिक जीवन में आ रही कठिनाईयों के निदान एवं वैज्ञानिक सोच व चिंतन पर आधारित हो सकते है। योजना के तहत् कक्षा 6 से 10 तक संचालित विद्यालय अधिकतम 5 विद्यार्थियों को के आयडिया दे सकते हैं, जबकि कक्षा 6 से 8 तक संचालित विद्यालय 5 और कक्षा 9 से 10 तक संचालित विद्यालय द्वारा अधिकतम 2 बच्चों का चयन विद्यालय स्तर पर करके उनके आयडिया अपलोड कर सकते है। विद्यालय स्तर पर यदि उक्त से अधिक बच्चे प्रतिभाग करना चाहते है तो उनकी प्रतियोगिता आयोजित कर श्रेष्ठ आयडिया को विद्यालय स्तर से ही इस्पायर अवॉर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकता है। इसके साथ ही सम्बन्धित विद्यार्थी का खाता संख्या व अन्य जानकारियाँ भी अपलोड की जाती है।

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राष्ट्रीय स्तर पर चयनित होते है 60 बच्चों के मॉडल

विभाग की अधिकृत वेबसाइट पर पूरे देश से अपलोड किये जाते है जिसमें से अधिकतम 1 लाख आयडिया का चयन राष्ट्रीय नवप्रवर्तन संस्थान अहमदाबाद (एनआइएफ) द्वारा किया जाता है। संस्थान द्वारा जितने बच्चों के आयडिया का चयन किया जायेगा उनके खाते में 10 हजार रुपये की धनराशि भेजी जायेगी। इस धनराशि से विद्यार्थी द्वारा वर्किग/नॉन वर्किग मॉडल तैयार करना होता है, जिसे जनपद स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में रखा जाता है। यहाँ चयनित बच्चों के मॉडल राज्य स्तर पर और फिर राष्ट्रीय स्तर के लिये बच्चों के मॉडल का चयन प्रान्तीय विज्ञान प्रदर्शनी में किया जाता है। चयनित प्रत्येक बच्चे को 50 हजार रुपये की धनराशि मॉडल बनाने के लिये प्रदान की जायेगी। मॉडल बनाने के लिये देश के प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थान आइआइटी, एनआइटी इत्यादि द्वरा मॉडल विकसित कराया जाता है। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी में देश भर से चयनित होकर आये छात्र-छात्राओं के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होती है और श्रेष्ठ 60 बच्चों के मॉडल्स का चयन किया जाता है। चयनित बच्चों को भारत सरकार के विशेषज्ञों के संरक्षण में जापान जाने का मौका मिलता है, जहाँ बच्चे वैज्ञानिक संस्थानों का भ्रमण कर ज्ञान का विकास करते है।

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बच्चों के साथ किया जा रहा अन्याय

इस्पायर अवॉर्ड मानक योजना के प्रति बेरूखी दिखाकर विभागीय अफसर और सम्बन्धित शिक्षक बच्चों के साथ अन्याय कर रहे है। जनपद के लगभग 2800 बच्चे प्रतिभाग कर सकते है। माध्यमिक स्तर के पंजीकृत 103 विद्यालयों के लगभग 400 बच्चे योजना में शामिल हो सकते हैं जबकि बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित कक्षा 6 से 8 तक के जनपद में संचालित लगभग 800 स्कूलों के 2400 यानि कुल 2800 बच्चों को योजना में प्रतिभाग कराकर उन्हे भविष्य संवारने का मौका प्रदान किया जा सकता है। झझटों से बचने के लिये बेसिक के विद्यालय योजना से दूर रहना ही उचित समझते हैं जो बच्चों के साथ अन्याय है।

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जनपद को गौरवान्वित कर चुके है मेधावी

जिस इस्पायर अवॉर्ड योजना के प्रति विभागीय अफसर और शिक्षक दूरी बनाये हुये है उसी योजना के तहत मेधावियों ने राष्ट्रीय स्तर पर जनपद को गौरवान्वित किया है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में सरस्वती विद्या मन्दिर महरौनी के 10वीं के छात्र कौस्तुम निरजन का मॉडल राष्ट्रीय स्तर पर चयनित हुआ था और उन्हे जापान जाने का मौका मिला था। इसी प्रकार सिद्धि सागर अकादमी की छात्रायें अदिती कड़ंकी और भूमि पवैया राष्ट्रीय स्तर के लिये चयनित होकर जनपद को गौरवान्वित किया है।


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