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कार्यशैली पर सवाल के साथ मासूम की जान पर भी खतरा

ललितपुर ब्यूरो: कोतवाली सदर की चौकी नईबस्ती क्षेत्र से बालक के अपहरण को 10 दिन बीतने के बाद भी

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 01:02 AM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 01:02 AM (IST)
कार्यशैली पर सवाल के साथ मासूम की जान पर भी खतरा
कार्यशैली पर सवाल के साथ मासूम की जान पर भी खतरा

ललितपुर ब्यूरो:

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कोतवाली सदर की चौकी नईबस्ती क्षेत्र से बालक के अपहरण को 10 दिन बीतने के बाद भी पुलिस बच्चे का सुराग नहीं लगा पाई है। रिसाला मन्दिर के पास रहने वाले हरगोविन्द के 5 वर्षीय बेटा राज घर के बाहर खेल रहा था, तभी किसी ने मासूम का अपहरण कर लिया था। घटना को गम्भीरता से लेते हुए एसपी ने चौकी नईबस्ती पुलिस के साथ स्वॉट व सर्वेलन्स टीम को बच्चे की सकुशल बरामदगी में लगाया था, लेकिन नईबस्ती चौकी पुलिस का रवैया ढुलमुल बना हुआ है।

बीती 2 जुलाई को बच्चे के अपहरण के बाद कोतवाली सदर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ अपहरण की धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया था। घटना को 10 दिन गुजर जाने के बाद भी इस मामले में पुलिस खाली हाथ है। अभी तक पुलिस यह पता नहीं लगा पाई है कि बालक के अपहरण के पीछे किसका हाथ है। जाँच के नाम पर नईबस्ती चौकी इचार्ज अरविन्द कुमार की भूमिका मोहल्ले के आसपास नदी - नालों में झाकने तक रही है। मासूम राज की माँ अपने बेटे के गायब होने की बात बताते हुए फूट-फूटकर रोने लगती है। गायब होने के इतने दिनों के बाद भी राज का कुछ पता न चलना पुलिस की कार्यशैली पर तो सवाल उठा ही रहा है, साथ ही मासूम की जान पर भी खतरा मंडरा रहा है।

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बाक्स में,

गरीब कहाँ जाएं बेटे को तलाश करने

लापता मासूम बच्चा गरीब परिवार से ताल्लुक रखता है, माता - पिता फुटपाथ पर सब्जी बेचते हैं, तो परिवार चलता है। जिस दिन कोई काम नहीं करता परिजनों को भूखा सोना पड़ता है, जिस दिन बेटे को गायब किया गया उस दिन भी माता - पिता रोजगार पर गए थे। बच्चे के लापता हो जाने के बाद उसके माता - पिता अपनी सुधबुध खो बैठे है। पिता हरगोविन्द दुखी होकर कहता है कि गरीब परिवार जिगर के टुकड़े को आखिर कब तक और कहाँ - कहाँ खोजें। शुरू - शुरू में तो पुलिस के अधिकारी आते भी थे, पर अब न तो कोई आता है और न ही कोई जानकारी देता है। पड़ोस में रहने वाली संध्या कहती है कि बच्चे के बगैर माँ की दशा देखकर कलेजा फटता है। बच्चे के माता - पिता पैसे वाले तो है नहीं, फिर पता नहीं किसी ने मासूम राज का अपहरण क्यों किया।

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बाक्स में,

स्वॉट व सर्वेलन्स टीम तक सिमटी

अपहरण की जाँच

बच्चे के अपहण की घटना को गम्भीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने नईबस्ती चौकी पुलिस के साथ स्वॉट व सर्वेलन्स टीम को खुलासे में लगाया था, लेकिन मौजूदा समय में स्वॉट एवं सर्वेलन्स टीमें ही मासूम बच्चे की खोजबीन में सक्रिय दिखाई दे रही है। स्वॉट व सर्वेलन्स की टीमें बच्चे के परिचितों और अनेक रिश्तेदारों से पूछताछ कर चुकी है। भीख माँगने वाली महिलाओं के साथ ही घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाल चुकी है। साथ ही मुखबिर तन्त्र को सक्रिय करके बच्चे की सुरागरसी में जुटी हुई है, वहीं नईबस्ती चौकी पुलिस जाँच की रस्म अदायगी कर हाथ पर हाथ धरे बैठ गई है।

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