सौभाग्य योजना में नहीं चलेगा आँकड़ेबाजी का खेल
ललितपुर ब्यूरो : शासन की अति महत्वाकाँक्षी योजना 'सौभाग्य' में बिजली ऑफिसर आँकड़ेबाजी का खेल नहीं
ललितपुर ब्यूरो :
शासन की अति महत्वाकाँक्षी योजना 'सौभाग्य' में बिजली ऑफिसर आँकड़ेबाजी का खेल नहीं कर सकेंगे। अब शासन से इस पर शिकंजा कसते हुए योजना के तहत कनेक्शन देने के वक्त उपभोक्ता को दिए गए प्रमाण पत्र की छाया प्रति माँगी गयी है। इस सम्बन्ध में आदेश भी जारी कर दिए गए है। साथ ही चेतावनी भी जारी की गयी है। कार्य में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्ती बरती जाएगी।
घर-घर बिजली पहुँचाने के उद्देश्य से शासन ने अप्रैल 2017 में सौभाग्य योजना लागू की थी। इसके तहत देहात में कैम्प लगाकर कनेक्शन वितरित किए जा रहे हैं। शासन के समक्ष इस योजना का अच्छा खासा रिस्पॉन्स मिल रहा है, लेकिन हकीकत यह भी है कि कई उपभोक्ता कनेक्शन के लिए भटक रहे है। ऐसा लगभग हर जिले की शिकायत थी। यही नहीं शिकायत यह भी थी कि विभागीय अफसर हर महीने शासन को भेजी जाने वाले रिपोर्ट के आकड़ों में खेल कर रहे थे, जिसे गम्भीरता से लेते हुए शासन ने इस योजना के क्रियान्वयन में सख्ती अपनाई है। आदेश जारी करते हुए बिजली अफसरों से उपभोक्ताओं को दिए जाने वाले कनेक्शन के प्रमाण पत्र की छाया प्रति उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए है। ऐसे में उपभोक्ताओं को दिए जाने वाले संयोजन के सत्यापन में आसानी होगी, साथ ही योजना के सही क्रियान्वयन में मदद भी मिलेगी। फिलहाल इस नए आदेश से बिजली अफसरों में खलबली मची हुयी है।
::
बॉक्स में -
सौभाग्य से 7100 घर हुए रोशन
सौभाग्य योजना के तहत हर घर बिजली पहुँचाए जाने का अभियान विद्युत विभाग द्वारा जोर-शोर से चलाया जा रहा है। बिजली विभाग की टीमें गाँव-गाँव कैम्प भी लगा रही है और उपभोक्ताओं को योजना के बारे में जानकारी देते हुए इसका लाभ उठाने हेतु प्रेरित भी कर रही है। योजना की शुरूआत से लेकर अब तक विभाग द्वारा सौभाग्य योजना के तहत लगभग 7100 उपभोक्ताओं को संयोजन दिए जा चुके है, जबकि लक्ष्य असीमित है, जो भी पात्रता की श्रेणी में है और वह कनेक्शन लेना चाहता है। उसे कनेक्शन दिया जाए।
::
बॉक्स में -
निजिकरण से पिछड़ा कार्य
करीब दो माह पूर्व शासन ने बिजली में निजिकरण व्यवस्था लागू करने का आदेश जारी किया था। इस कार्य के चलते विभागीय अधिकारी व कर्मचारी व्यथित हो गए थे और उन्होंने धरना प्रदर्शन भी किया था। इसके चलते करीब 20 दिन तक कार्य लगभग ठप्प रहा था। कई विभागीय कार्य के साथ-साथ राजस्व वसूली व नए संयोजन दिए जाने की दिशा में प्रगति ठीक नहीं रही। हड़ताल खत्म होने पर दुबारा प्रक्रिया शुरू हुई है। फिलहाल कनेक्शन के लिए लगातार कैम्प आयोजित किए जा रहे है।