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आज से घर - घर ढूढे़ जाएंगे टीबी के मरीज

ललितपुर ब्यूरो: पुनरीक्षित क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में एक बार फिर सक्रिय टीबी

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Jun 2018 01:17 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jun 2018 01:17 AM (IST)
आज से घर - घर ढूढे़ जाएंगे टीबी के मरीज

ललितपुर ब्यूरो:

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पुनरीक्षित क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में एक बार फिर सक्रिय टीबी खोज अभियान शुरू हो रहा है। वर्ष 2018-19 का पहला चरण 11 से 29 जून तक चलाया जाएगा, जिसके अंतर्गत गठित टीम घर - घर जाकर प्रत्येक व्यक्ति की जाँच करेगी, टीबी का लक्षण पाए जाने पर सम्बन्धित व्यक्ति की तत्काल जाँच कराई जाएगी।

टीबी के मरीजों की निगरानी और त्वरित रिपोर्टिग के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नया कदम उठाया है। क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम से जुडे़ कर्मचारियों 13 टैबलेट दिए गए है, जिसके तहत निक्षय पोर्टल पर इसकी ऑन लाइन रिपोर्टिग को मजबूत बनाया जाएगा। टैबलेट के जरिए स्वास्थ्य कर्मचारियों को कई सुविधाएं मिल सकेंगी। टैबलेट के जरिए ही कर्मचारी टीबी मरीजों को दी जाने वाली दवाओं व जाँच रिपोर्ट की निगरानी आसानी से कर सकेंगे। सभी टीबी मरीजों को पंजीकरण ऑन लाइन और उनके ट्राजिट रिकार्ड की रिपोर्टिग ऑन लाइन रखने में आसानी हो जाएगी। इस सुविधा के जरिए मरीज को दी जाने वाली मासिक 500 रुपये की पोषण राशि की निगरानी भी सुचारू रूप से की जा सकेगी।

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1 लाख 33 हजार जनसंख्या को कवर करेगी टीम्स

टीबी खोज अभियान के लिए जिला एवं ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अभियान के तहत जिला एवं ब्लॉक स्तर पर 68 टीमों का गठन किया गया है, इनमें 50 टीम सभी छह ब्लॉकों में काम करेगी, जिसमें बिरधा में 8, जखौरा में 9, बार में 8, तालबेहट में 9, महरौनी में 9 एवं मड़ावरा में 7 टीमें लगाई गई है। पहले चरण के लिए 1 लाख 33 हजार जनसंख्या को कवर करना है, जिसके लिए हर टीम हर दिन 50 घरों का दौरा करेगी। सबसे पहले टीम टीबी के लक्षण को पहचानेगी। यदि किसी व्यक्ति में इसके लक्षण पाए जाते है तो टीम उस व्यक्ति का बलगम लेकर उसको जाँच के लिए जिला अस्पताल भेज देगी। इस बार भी उन क्षेत्रों को लक्षित किया गया है, जहा टीबी मरीज पाए जाने की सम्भावना अधिक है।

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गम्भीर बीमारी है टीबी, जरूरी है त्वरित इलाज

क्षय रोग यानि टयूबरक्लोसिस एक गम्भीर बीमारी है, जो लम्बे समय से जन सामान्य की स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है। यह एक संक्रामक रोग है, जो मरीजों के खासने और थूकने से फै लता है। क्षय रोगियों की जल्द पहचान करके उनका इलाज शुरू करना, इस बीमारी को रोकने के लिए सबसे अधिक जरूरी है।

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इनका कहना है

टीबी के मरीजों के इलाज को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए सरकार चाहती है कि प्रत्येक टीबी रोगी की मौजूदा स्थिति ऑन लाइन हो, ताकि उसके इलाज का स्टेटस आसानी से पता चल सके। इसके लिए टीबी विभाग ने 13 कर्मचारियों को टैबलेट वितरित किए हैं। सभी के इलाज की स्थिति को निक्षय पोर्टल पर अपडेट किया जाना है। रोगियों की दवाओं के वितरण में शामिल परीक्षण (ड्रग सेंसिटिविटि टेस्ट) और ट्राजिट रिकार्ड की रिपोर्टिग ऑन लाइन रखी जाएगी, साथ ही मरीजों को पोषण सहायता कार्यक्रम के तहत आर्थिक सहायता भी दी जाएगी।

डा. जेएस बख्शी

जिला क्षय रोग नियन्त्रण अधिकारी, ललितपुर।


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