खरीफ सीजन: खेतों में लहलहाएंगी फसलें, बढ़ाया लक्ष्य
उर्द, मूँग, मक्का, सोयाबीन, तिली, मूँगफली की होगी बुवाई ललितपुर ब्यूरो : आगामी 15 जून से खरीफ क
उर्द, मूँग, मक्का, सोयाबीन, तिली, मूँगफली की होगी बुवाई
ललितपुर ब्यूरो :
आगामी 15 जून से खरीफ की बुवाई का लक्ष्य शुरू हो रहा है। ऐसे में एक ओर जहाँ किसानो ने खेत तैयार कर बुवाई की तैयारिया शुरू कर दी है। वहीं दूसरी ओर कृषि विभाग ने भी बुवाई के साथ-साथ उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है। बीते वर्ष 2016 व 2017 के सापेक्ष इस साल लक्ष्य बढ़ाया गया।
खरीफ के सीजन में उर्द को मुख्य फसल माना जाता है। जनपद में उर्द, मूँग का रिकॉर्ड उत्पादन होता है। कम लागत और अच्छे उत्पादन के चलते खरीफ सीजन में किसान उर्द की फसल सर्वाधिक बोते है। यही वजह है कि उर्द के साथ-साथ मूँग की भी बुवाई की जाती है। इसके बाद ही मक्का, तिली, सोयाबीन, ज्वार, धान, मूँगफली, अरहर, आदि फसलों का नम्बर आता है, लेकिन किसान उर्द, मूँग के बाद सोयाबीन, मूँगफली और मक्का में ही दिलचस्पी लेते है। कहीं-कहीं किसान च्वार की भी खेती करते है। आमतौर पर मानसून की पहली बारिश के साथ ही खरीफ का सीजन शुरू हो जाता है। माना जाता है कि 15 जून तक जनपद में मानसून आ जाता है। पहली अच्छी बारिश होने पर खेतों में लौटी नमी के साथ ही किसान उर्द, मूँग की बुवाई शुरू कर देते है। यदि बारिश अच्छी नहीं हुई, तो फिर बुवाई का समय आगे बढ़कर जून के अन्तिम सप्ताह और प्रथम सप्ताह तक पहुँच जाता है, चूंकि जैसे-जैसे जुलाई के दिन बीतते जाते है, वैसे ही बारिश भी जोर पकड़ती जाती है। अत: किसान यह भरसक प्रयास करते है कि तेज बारिश से पूर्व ही उर्द, मूँग की बुवाई कर ली जाये, ताकि आने वाले समय में फसल को पानी भी मिलता रहेगा, जिससे वह जल्द ही उन्नति कर लेगी। मौजूदा समय में खरीफ की बुवाई के लिए किसानों के खेत लगभग-लगभग तैयार हो गये है। इस समय भीषण गर्मी और तेज धूप से तप रहे खेत को पहली बारिश की ठण्डक का इन्तजार है। पहली बारिश का पानी पीते ही खेतों की प्यास बुझ जाती है और नमी भी लौट आती है। ऐसे में यही समय बुवाई का उपयुक्त माना जाता है। उधर, कृषि विभाग ने भी खरीफ सीजन में बुवाई के साथ-साथ उत्पादन का भी लक्ष्य निर्धारित कर लिया है।
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फसलवार बुआई व उत्पादन का लक्ष्य
वर्ष 2016 में उर्द 160811 हैक्टेयर क्षेत्र में बोया गया था, इसका उत्पादन 87642 मीट्रिक टन रहा, जबकि उत्पादकता 5.45 कुण्तल प्रति हैक्टेयर रही। इसी प्रकार वर्ष 2017 में उर्द 168284 हैक्टेयर में बोया गया और इसका उत्पादन 76906 मीट्रिक टन रहा। जबकि उत्पादकता 4.57 कुण्तल प्रति हैक्टेयर रही। इस साल इसकी बुवाई का लक्ष्य 201234 हैक्टेयर रखा गया है, जबकि उत्पादन का लक्ष्य 96391 मीट्रिक टन रखा गा। वहीं उत्पादकता का लक्ष्य 4.79 कुण्तल प्रति हैक्टेयर रखा गया है। इसी प्रकार वर्ष 2016 में मूँग की बुवाई का लक्ष्य 5745 हैक्टेयर रखा गया था। जबकि इसका उत्पादन 3252 मीट्रिक टन रहा। वहीं कुल उत्पादकता 5.66 कुण्तल प्रति हैक्टेयर रही। वर्ष 2017 में मूँग 4988 हैक्टेयर क्षेत्र में बोयी गयी, जिसका उत्पादन 1890 मीट्रिक टन रहा। वहीं उत्पादकता 3.79 कुण्तल प्रति हैक्टेयर रही। इस साल मूँग की बुवाई का लक्ष्य 8000 हैक्टेयर रखा गया, वहीं उत्पादन का लक्ष्य 3416 मीट्रिक टन व उत्पादकता का लक्ष्य 4.27 कुण्तल प्रति हैक्टेयर का रखा गया। इसी प्रकार वर्ष 2016 में सोयाबीन की बुवाई का लक्ष्य 8744 हैक्टेयर,रखा गया था। जबकि इसका उत्पादन 5902 मीट्रिक टन रहा। वहीं उत्पादकता 6.75 कुण्तल प्रति हैक्टेयर रहा। वर्ष 2017 में बुवाई का लक्ष्य 12988 रखा गया था। जिसका उत्पादन 10299 रहा। जबकि उत्पादकता 7.93 कुण्तल प्रति हैक्टेयर रही। इस साल बुवाई का लक्ष्य 15365 हैक्टैयर क्षेत्र का रखा गया, वहीं उत्पादन का लक्ष्य 12751 मीट्रिक टन व उत्पादकता का लक्ष्य 8.30कुण्तल प्रति हैक्टेयर का रखा गया। इसी प्रकार वर्ष 2016 में तिल की बुवाई का लक्ष्य 8345 हैक्टेयर क्षेत्र का रखा गया, जबकि इसका उत्पादन 1229 मीट्रिक टन रहा, वहीं उत्पादकता 1.47 कुण्तल प्रति हैक्टेयर की रही। वर्ष 2017 में इसकी बुवाई का लक्ष्य 6943 हैक्टेयर रखा गया था, जबकि इसका उत्पादन 778 मीट्रिक टन रहा। कुल उत्पादकता 1.12 कुण्तल प्रति हैक्टेयर रही। इस साल बुवाई का लक्ष्य 10000 हैक्टेयर का रखा गया, वहीं उत्पादन का लक्ष्य 1140 मीट्रिक टन रखा गया। जबकि उत्पादकता का लक्ष्य 1.14 कुण्तल प्रति हैक्टेयर का रखा गया। इसी प्रकार वर्ष 2016 में मूँगफली की बुवाई का लक्ष्य 9704 हैक्टेयर क्षेत्र का रखा गया था, जबकि इसका उत्पादन 7870 मीट्रिक टन रहा। वहीं कुल उत्पादकता 8.11 कुण्तल प्रति हैक्टेयर रही। वर्ष 2017 में इसकी बुवाई का लक्ष्य 7964 हैक्टेयर का रखा गया था। जिसका उत्पादन 4778 रहा। कुल उत्पादकता 6 कुण्तल प्रति हैक्टेयर रही। इस साल बुवाई का लक्ष्य 10000 हैक्टेयर का रखा गया, जबकि उत्पादन 6070 मीट्रिक टन का रखा गया। वहीं उत्पादकता का लक्ष्य 6.07 कुण्तल प्रति हैक्टेयर का रखा गया। इसी प्रकार वर्ष 2016 में मक्का की बुवाई का लक्ष्य 27441 हैक्टेयर का रखा गया था, जिसका उत्पादन 31996 मीट्रिक टन रहा। उत्पादकता 11.66 कुण्तल प्रति हैक्टेयर रही। वर्ष 2017 में 19851 हैक्टेयर में बुवाई की गयी। 17806 मीट्रिक टन उत्पादन रहा, जबकि उत्पादकता 8.97 कुण्तल प्रति हैक्टेयर की रही। इस साल मक्का की बुवाई का लक्ष्य 28800 हैक्टेयर का रखा गया, जबकि उत्पादन का लक्ष्य 25920 मीट्रिक टन का रखा गया। वहीं उत्पादकता का लक्ष्य 9 कुण्तल प्रति हैक्टेयर का रखा गया। इसी प्रकार वर्ष 2016 में च्वार की बुवाई का लक्ष्य 543 हैक्टेयर का रखा गया, जिसका उत्पादन 517 मीट्रिक टन रहा। जबकि उत्पादकता 9.52 कुण्तल प्रति हैक्टेयर रही। वर्ष 2017 में बुवाई का लक्ष्य 291 हैक्टेयर का रखा गया। जिसका उत्पादन 362 मीट्रिक टन रहा। उत्पादकता 12.44 कुण्तल प्रति हैक्टेयर रही। इस साल बुवाई का लक्ष्य 500 हैक्टेयर, उत्पादन का लक्ष्य 627 मीट्रिक टन व उत्पादकता का लक्ष्य 12.54 कुण्तल प्रति हैक्टेयर रखा गया।