बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन में 174 परीक्षक गैरहाजिर
ललितपुर ब्यूरो : 31 मार्च तक मूल्याँकन पूर्ण कराने को डीआइओएस वीरेन्द्र कुमार दुबे ने पूरी ताकत झोंक
ललितपुर ब्यूरो : 31 मार्च तक मूल्याँकन पूर्ण कराने को डीआइओएस वीरेन्द्र कुमार दुबे ने पूरी ताकत झोंक दी है। यही वजह है कि गैरहाजिर परीक्षकों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। गुरुवार को हाइस्कूल के 128 और इण्टर के 46 गैरहाजिर परीक्षकों को नोटिस की तैयारी कर ली है। वहीं मूल्यांकन की गति बढ़ाने को जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा 20 अतिरिक्त शिक्षकों को तैनात किया है। उन्होंने मूल्याँकन कक्षों का भ्रमण कर परीक्षकों को पूर्ण निष्ठा से कॉपियाँ जाँचने के निर्देश भी दिये। अब तक 6 दिन में महज 23419 कॉपियों का मूल्यांकन हुआ।
वित्त विहीन शिक्षकों के बहिष्कार के चलते हाइस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य शुरूआती दौर में गति नहीं पकड़ पाया है। जिला मुख्यालय स्थित राजकीय इण्टर कॉलिज को मूल्यांकन केन्द्र बनाया गया है, जहाँ हाइस्कूल की 77 हजार 194 और इण्टरमीडिएट की 47 हजार 82 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जाना है। उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्याँकन करने के लिये हाइस्कूल में 169 परीक्षक और 19 उपप्रधान परीक्षक तैनात किये गये है तो वहीं इण्टरमीडिएट में 79 परीक्षक और 13 उपप्रधान परीक्षकों की तैनाती की गई है। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन की शुरूआत 17 मार्च से शुरू हुई। मूल्यांकन शुरू होते ही वित्त विहीन शिक्षकों ने तम्बू लगाकर धरना प्रदर्शन किया और मूल्यांकन का बहिष्कार कर जता दिया कि इस बार वह किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं है। वित्त विहीन शिक्षकों द्वारा मूल्यांकन बहिष्कार ने विभागीय अफसरों के लिये परेशानी खड़ी कर दी। धरना प्रदर्शन का असर उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन पर भी पड़ने लगा। आलम यह रहा कि शुरूआत के 6 दिन में हाइस्कूल एवं इण्टरमीडिएट की महज 23 हजार 419 कॉपियों का ही मूल्यांकन हो सका, जबकि 31 मार्च तक 1 लाख 24 हजार 276 कॉपियों का मूल्यांकन पूर्ण करना है।
मूल्यांकन की धीमी गति देख जिला विद्यालय निरीक्षक हरकत में आये और उन्होंने मूल्यांकन केन्द्र राजकीय इण्टर कॉलिज का रुख किया। लगातार दूसरे दिन उन्होंने मूल्यांकन केन्द्र पहुँचकर उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्याँकन और उपप्रधान परीक्षकाओं व परीक्षकों की उपस्थिति व अनुपस्थिति की ब्यौरा तलब किया। उपनियंत्रक/जीआइसी प्रधानाचार्य राजेन्द्र कुमार त्रिपाठी एवं पर्यवेक्षक श्रीराम समाधिया ने डीआइओएस को अवगत कराया कि 6 दिन में हाइस्कूल के विभिन्न विषयों की 16 हजार 74 उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्याँकन हो चुका है जो कुल उत्तर पुस्तिकाओं का 20.8 प्रतिशत है। इण्टरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का तो और भी बुरा हाल है। छ: दिन में इण्टरमीडिएट में 7 हजार 345 कॉपियाँ जाँची गई जो कुल कॉपियों का महज 15.8 फीसदी है। जिला विद्यालय निरीक्षक को अवगत कराया गया कि 174 परीक्षक और उपप्रधान परीक्षक गैरहाजिर है। इनमें हाईस्कूल के 128 और इण्टरमीडिएट के 46 परीक्षक व उपप्रधान परीक्षक शामिल है। इस पर नाराजगी जताते हुये डीआइओएस ने गैरहाजिर परीक्षकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।
वित्तविहीन शिक्षकों के बहिष्कार के चलते अपेक्षित कॉपियों का मूल्यांकन नहीं होने से चिंतित जिला विद्यालय निरीक्षक ने जनपद में संचालित राजकीय इण्टर कॉलिज, राजकीय बालिका इण्टर कॉलिज एवं राजकीय हाइस्कूलों में दो साल की सेवायें प्रदान करने वाले 20 शिक्षकों को मूल्यांकन में लगा दिया है। इतना ही नहीं मूल्याँकन का समय दो घण्टे और बढ़ा दिया गया है। अब सुबह 9 से शाम 6 बजे तक उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जा रहा है। उन्होंने कक्षों का भ्रमण कर मूल्यांकन का जायजा लिया। इस दौरान वह प्रत्येक कक्ष में गये और परीक्षकों व उपप्रधान परीक्षकों को शासन की मंशानुरूप पूर्ण निष्ठा और लगन के साथ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट के कोठार का भी निरीक्षण किया और कॉपियों का रिकार्ड मेंटेन करने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने बताया कि कॉपियों का मूल्यांकन निर्धारित समय पर पूर्ण करने हेतु पुरजोर प्रयास किये जा रहे है।
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बॉक्स-
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9 दिन में जाँचनी होंगी 1 लाख 2 हजार 671 कॉपियाँ
बोर्ड उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 17 मार्च से शुरू होकर 31 मार्च को समाप्त करना है। मूल्याँकन के लिये 1 लाख 24 हजार 276 कॉपियाँ जनपद को उपलब्ध कराई गई। वित्तविहीन शिक्षकों के हड़ताल के चलते मूल्याँकन पिछड़ रहा है। यही वजह है कि 6 दिन में 23419 कॉपियों का मूल्यांकन हो सका। शेष 9 दिन में 1 लाख 2 हजार 671 कॉपियों का मूल्यांकन होना बाकी है। यदि इसी रफ्तार से मूल्यांकन जारी रहा तो प्रतिदिन 11 हजार 407 कॉपियों का मूल्यांकन करना होगा, जो असंभव तो नहीं बेहद कठिन जरूर है। हालाँकि डीआईओएस को भरोसा है कि निर्धारित समय तक मूल्यांकन पूर्ण कर लिया जायेगा।
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कम्पाईल खबर-
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फोटो-2
ललितपुर : धरना प्रदर्शन करते वित्त विहीन शिक्षक।
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छठवें दिन भी किया मूल्यांकन बहिष्कार
माध्यमिक वित्त विहीन शिक्षक महासभा के बैनर तले वित्त विहीन शिक्षकों द्वारा मूल्यांकन केन्द्र राजकीय इण्टर कॉलिज के बाहर छठे दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रहा। वित्त विहीन शिक्षकों ने मूल्यांकन का बहिष्कार कर जमकर नारेबाजी भी की। राजनारायण रावत ने कहा कि वर्तमान सरकार वित्त विहीन शिक्षकों को पूर्व से मिल रहा मानदेय दिलाया जाये और सेवा शर्तें मंजूर की जायें। वित्त विहीन शिक्षकों को समान कार्य के बदले समान वेतन दिलाया जाये। सुधा सागर बालिका इण्टर कॉलिज की प्रधानाचार्य कल्पना जैन ने कहा कि वित्त विहीन शिक्षकों ने शासन की मंशानुरूप बोर्ड परीक्षा को सुचारू रूप से सम्पन्न कराने में पूर्ण सहयोग प्रदान किया है लेकिन सरकार से बार-बार आग्रह के बाद भी वित्त विहीन शिक्षकों की माँगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। यही वजह है कि मूल्यांकन का बहिष्कार कर हक की माँग की जा रही है। उन्होंने पिछला मानदेय दिलाया जाये और उसमें वृद्धि कर नया मानदेय दिलाया जाये। धरने पर बैठे शिक्षकों ने जमकर नारेबाजी करते हुये विरोध प्रकट किया। इस दौरान राजनारायण रावत, विजय कुमार मिश्रा, बृजमोहन वैध, मनोहरलाल निरजन, नन्दराम सिंह लोधी, वीर सिंह परिहार, केदारनाथ, मीना जैन, पुष्पा जैन, सुषमा जैन, महेन्द्र कुमार जैन, यज्ञदेव नायक, आशाराम वर्मा, मराजेश शुक्ला, मुकेश तिवारी, राघवेन्द्र तिवारी, चन्द्रप्रकाश, दृगसिंह, कमलेश विश्वकर्मा, कमलेश नामदेव, जुनैद खाँ, राहुल जैन, मु. तनवीर, अरविंद सिंह गौर, विजिय कुमार उपाध्याय, सुरेश कुमार जैन, शरद स्वामी, शालिनी, गुरुप्रताप सिंह, राजेश पुरोहित, धीरज कश्यप, मुकेश दीक्षित मौजूद रहे।