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World Record:लगातार 113 घंटा 20 मिनट लगातार पढ़कर यतीश बने विश्व विजेता

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का नया इतिहास लिखने के लिए लखीमपुर के यतीश ने रविवार दोपहर ठीक 12 बजे 113 घंटे 20 मिनट लगातार पढऩे का नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 06:39 PM (IST)Updated: Mon, 01 Oct 2018 07:26 AM (IST)
World Record:लगातार 113 घंटा 20 मिनट लगातार पढ़कर यतीश बने विश्व विजेता
World Record:लगातार 113 घंटा 20 मिनट लगातार पढ़कर यतीश बने विश्व विजेता

लखीमपुर खीरी (जेएनएन)।  गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का नया इतिहास लिखने के लिए बीते मंगलवार से कड़ा संघर्ष कर रहे गोला इलाके के यतीश ने रविवार दोपहर ठीक 12 बजे 113 घंटे 20 मिनट लगातार पढऩे का नया विश्व रिकॉर्ड बना दिया। यतीश ने काठमांडू के दीपक शर्मा का दस साल पुराना लगातार पढऩे का 113 घंटे 15 मिनट का रिकॉर्ड तोड़ा है। यतीश के विश्व रिकॉर्ड बनाते ही कृषक समाज इंटर कॉलेज का हाल तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंज उठा। उत्साहित युवाओं ने यतीश को फूल मालाओं से लाद दिया। 

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इस मौके पर दिल्ली से आए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड  रिकार्ड के इंडिया हेड आलोक कुमार मिश्रा ने कहा कि उन्होंने कई रिकॉर्ड बनते व बिगड़ते देखे हैं लेकिन, यतीश की मेहनत व लगन को लेकर वह काफी उत्साहित हैं। उन्होंने यतीश का अभिनंदन करते हुए वर्ल्ड  रिकॉर्ड का बैज लगाया। उन्होंने गोल्डन बुक के एक-एक शब्द को पढ़कर लगातार 113 घंटे 20 मिनट तक पढऩे का विश्व विजेता घोषित करते हुए प्रमाणपत्र यतीश को सौंपा। उन्होंने कहा कि गिनीज बुक में कुछ दिनों में यतीश का नाम स्वर्णिम अक्षरों से गोल्डन बुक में दर्ज होगा।   

नाइजीरिया का रिकार्ड अमान्य

आलोक कुमार मिश्रा ने यह भी बताया कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में यतीश का नाम दर्ज किया जाएगा, जबकि नाइजीरिया के ओलाबुनी बाइडे द्वारा बनाया गया रिकॉर्ड तकनीकी व नियमावली के विपरीत होने के कारण अमान्य किया जा चुका है। बाइडे ने लगातार 122 घंटे तक पढऩे का रिकॉर्ड बनाया था। 

गोरखपुर से भी नाता 

यतीश मूलत: गोलागोकर्णनाथ तहसील मुख्यालय से करीब 17 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम रेहरिया के निवासी हैं। शुरुआती शिक्षा गांव के प्राथमिक स्कूल से होने के बाद वर्ष 1996 में हाईस्कूल गोला के कृषक समाज इंटर कॉलेज से, 1998 में इंटरमीडिएट सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज गोला से किया। वर्ष 2001 में स्नातक लखनऊ के शिया कॉलेज से किया। वर्ष 2005 में रेहरिया स्थित सरदार बाबा ङ्क्षसह इंटर कॉलेज में बतौर प्रधानाचार्य के पद पर कार्य करने लगे। इसके बाद वर्ष 2007 में गोरखपुर चले गए, जहां प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के दौरान उनकी स्टेट बैंक में नौकरी लग गई। इसके बाद बंदिशों में न रहने वाले यतीश ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। फिर गोरखपुर में ही बच्चों को कोचिंग पढ़ाने लगे।

2018 में भाजपा सरकार की नकल पर सख्ती को लेकर चार लाख बच्चों के बोर्ड परीक्षा छोड़ देने की बात उनके मन में घर कर गई। इसके बाद गोरखपुर में चार जून से 10 जून तक 148 घंटे से अधिक पढ़ाने का रिकॉर्ड बनाकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया। इसके बाद वह गोला चले आए, यहां स्कूलों-कॉलेजों में बच्चों से बातचीत करने के बाद लगा कि यहां के बच्चों को पढऩे के लिए जागरूक करने की जरूरत है। इसी धुन को लेकर उन्होंने छह दिन तक चले इस महाआयोजन में लगातार 113 घंटे 20 मिनट पढ़कर भारत के नाम लगातार पढऩे का विश्व रिकॉर्ड दर्ज करा दिया।


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