पाले और कोहरे से रबी फसलों को नुकसान
जनवरी के महीने में कोहरा और सर्दी बढ़ने से फसलों में पाला फसलों पर असर डाल रहा है।
लखीमपुर : जनवरी के महीने में कोहरा और सर्दी बढ़ने से फसलों में पाला और शीत लहर की समस्या बढ़ गई है। इस समय पाला गिरने से फसलों को नुकसान की आशंका बनी है।
टमाटर, आलू, मिर्च, बैंगन, भिडी आदि सब्जियों, पपीता, आम एवं केले के पौधों एवं मटर, चना, धनिया आदि फसलों में सबसे ज्यादा 80 से 90 प्रतिशत तक नुकसान हो सकता है। अरहर में 70 प्रतिशत, गन्ने में 50 प्रतिशत एवं गेहूं तथा जौ में 10 से 20 प्रतिशत तक नुकसान हो सकता है। हल्की सिचाई कर बचा सकते हैं फसल
पाला पड़ने या मौसम पूर्वानुमान विभाग से पाले की चेतावनी दी गई हो तो फसल में हल्की सिचाई दे देनी चाहिए। जिससे तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गिरेगा और फसलों को पाले से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। सिचाई करने से 0.5-2 डिग्री सेल्सियस तक तापमान मे बढ़ोतरी हो जाती हैं । नर्सरी को ढ़क से प्लास्टिक के चादर से
कृषि वैज्ञानिक डॉ मो. सुहैल के मुताबिक पाले से सबसे अधिक नुकसान नर्सरी में होता है। नर्सरी में पौधों को रात में प्लास्टिक की चादर से ढ़क किसान ढक दें। ऐसा करने से प्लास्टिक के अंदर का तापमान 2.3 डिग्री सेल्सियस बढ़ जाता है। जिससे सतह का तापमान जमाव बिदु तक नहीं पहुंच पाता और पौधे पाले से बच जाते हैं। पॉलीथीन की जगह पर पुआल का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। पौधों को ढकते समय इस बात का ध्यान जरूर रखें कि पौधों का दक्षिण पूर्वी भाग खुला रहे, ताकि पौधों को सुबह व दोपहर को धूप मिलती रहे।
खेत में धुंआ करके भी बचा सकते हैं फसल
अपनी फसल को पाले से बचाने के लिए किसान अपने खेत में धुंआ पैदा कर दें। जिससे तापमान जमाव बिदु तक नहीं गिर पाता और पाले से होने वाली हानि से बचा जा सकता है।
दिग्विजय कुमार भार्गव
जिला उद्यान अधिकारी