टेरर फंडिग मामले में सिक्किम की महिला प्रधान व एक कंपनी भी शामिल!
दस लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया और संजय अग्रवाल के खिलाफ कोई सुबूत न मिलने पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी।
लखीमपुर : टेरर फंडिग मामले में अब सिक्किम की एक महिला प्रधान व एक विदेशी कंपनी का नाम भी प्रकाश में आया है। इनके खिलाफ अभी विवेचना चल रही है। सिक्किम की महिला प्रधान से आरोपित सदाकत की मुलाकात फेसबुक के जरिए हुई थी और सदाकत के साथ-साथ नाइजीरियन से भी मुलाकात हुई। सदाकत ने अपने बयानों में फेसबुक पर मुलाकात की बात को स्वीकार किया है। बीती नौ अक्टूबर को थाना निघासन के इंस्पेक्टर व सीओ ने मुखबिर की सूचना पर संजय अग्रवाल, समीर सलमानी, उमेद अली व एराज को गिरफ्तार किया था। इनके पास से भारतीय व नेपाली करेंसी बरामद हुई थी पूछताछ में मामला टेरर फंडिग से जुड़ा हुआ पाया गया और आरोपितों के तार विदेशों से जुड़े पाए जाने पर मामले की विवेचना एटीएस के सुपुर्द कर दी गई। एटीएस की टीम ने पूछताछ शुरू की तो मामले की परतें खुलती चली गईं। फहीम, सदाकत, मुमताज सिराजुद्दीन के साथ नाइजीरियन माइकल व हरमन के नाम भी सामने आए एटीएस की टीम ने 11 आरोपितों को टेरर फंडिग के आरोप में जेल भेज दिया। इनके पास से बरामद किए गए लैपटॉप, मोबाइल, विदेशी व भारतीय सिमों के जरिए, खातों के जरिए विदेशों में भेजे जाने वाली रकम का खुलासा होता चला गया। तीन महीने में एटीएस के सीओ शैलेंद्र सिंह ने मामले की विवेचना करते हुए दस लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया और संजय अग्रवाल के खिलाफ कोई सुबूत न मिलने पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी। मंगलवार को संजय अग्रवाल रिहा हो गया, लेकिन आरोप पत्र दाखिल होने के बाद कुछ और आरोपितों के नाम भी प्रकाश में आए हैं, जिसमें सिक्किम निवासी बुननु उर्फ रंजीता प्रधान व एक कंपनी का नाम भी प्रकाश में आया। इनके खिलाफ अभी विवेचना जारी है। विवेचना के बाद मामला टेरर फंडिग से भले ही जुड़ा हो, लेकिन एटीएस की टीम करेंसी के लेनदेन व धोखाधड़ी तक ही पहुंच सकी है, जिसके चलते देश विरोधी गतिविधियों के अपराध में आरोप पत्र दाखिल नहीं कर सकी है।