चमकेगा कुम्हरों का चाक, खादी ग्रामोद्योग करेगा मिट्टी के बर्तनों की ब्रांडिग
बार फिर से लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे। एक बार फिर मिट्टी के बने बर्तनों की सोंधी खुशबू फिजाओं में बहने वाली है।
लखीमपुर : मानव सभ्यता के विकास के साथ ही वजूद में आए मिट्टी के बर्तन एक बार फिर से लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे। एक बार फिर मिट्टी के बने बर्तनों की सोंधी खुशबू फिजाओं में बहने वाली है। जिले के 50 से ज्यादा प्रजापतियों के गांव में खुशहाली की उम्मीद जग चुकी है। सरकार ने अपना काम शुरू कर दिया है। खादी ग्रामोद्योग विभाग ने लखीमपुर खीरी से 117 परिवारों की सूची शासन को भेज दी है, जो लोग मिट्टी के बर्तन बनाने का काम करते हैं। जिलेभर में सर्वे का काम जारी है और प्रजापति समाज के लोगों की तलाश की जा रही है। हाल फिलहाल लखीमपुर खीरी जिले में सुआगड़ा, बनवारीपुर, सेहरुआ, सिघानिया, शीतलापुर समेत कई ऐसे गांव हैं, मिट्टी के बने बर्तनों से ही सैकड़ों परिवारों की रोजी-रोटी चलती है।।
खादी ग्रामोद्योग विभाग माटी से बने बर्तनों की ब्रांडिग करेगा। प्रदेश सरकार ने माटी कला को बढ़ावा देने के लिए एक वृहद योजना तैयार की है। प्रदेश सरकार की यह योजना अगर सही तरीके से धरातल पर उतरी तो खादी के साथ मिट्टी के बर्तनों की ब्रांडिंग गरीबों का सहारा बनेगी। सरकार की योजना के तहत खादी भंडारों में मिट्टी के बर्तनों की बिक्री को अलग से स्टाल लगाए जाएंगे। बताया जा रहा है कि पारंपरिक माटी कला उद्योग के सहारे रोजी-रोटी चलाने वाले कुम्हारों की मदद को सरकार ने यह पहल की है। कुम्हार जाति शुरू से ही माटी कला के इस सूक्ष्म उद्योग में लगी रही, लेकिन हाईटेक हुए जमाने में माटी कला का अस्तित्व चायनीज व प्लास्टिक के बर्तनों ने धीरे-धीरे बंद होने की कगार पर पहुंच दिया। धीरे-धीरे कुम्हारों ने अपनी जीविका चलाने के लिए दूसरे व्यवसायों का सहारा ले लिया। इसके चलते माटी कला का हुनर दम तोड़ने लगा। गांवों में गिने-चुने लोग ही अब चाक व मिट्टी का काम कर रहे हैं। सरकार ने दोबारा इसमें जान फूंकने के लिए माटीकला बोर्ड का गठन कर नए सिरे से पहल शुरू की है।
सरकारी कार्यालयों में भी होगा इस्तेमाल
सरकार की मंशा के तहत खादी भंडारों में स्टाल लगाकर मिट्टी के बर्तनों की बिक्री करने के साथ ही सरकारी कार्यालयों में भी इसका इस्तेमाल शुरू किया जाएगा। शासन के निर्देश पर खादी ग्रामोद्योग विभाग ने माटी कला उद्योग से जुड़े लोगों को चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया है। विभाग ने जिले की प्रत्येक तहसील को पत्र भेजकर मिट्टी का बर्तन बनाने का काम करने वाले कुम्हारों की पूरी रिपोर्ट मांगी है।
जिम्मेदार की सुनिए
शासन की ओर से मिट्टी के बर्तन की ब्रांडिंग का निर्देश दिया गया है। तहसील प्रशासन से कुम्हारों की रिपोर्ट मांगी गई है। पूरे जिले में एक साथ सर्वे कराया जा रहा हैं, कि कितने प्रजापतियों के परिवार जिले में रहते हैं। कुम्हारों को मुफ्त में सोलर चाक के साथ ही अन्य सहायता दी जाएगी। जिले में एक समिति बनाई गई है जो जल्दी ही अपनी रिपोर्ट देगी।
आलोक श्रीवास्तव, खादी ग्रामोद्योग अधिकारी, लखीमपुर।
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