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    अध्यापन छोड़ आइपीएस को चुना, नारी सशक्तीकरण की बनीं पहचान

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 07 Mar 2020 11:14 PM (IST)

    लखीमपुर जनता के बीच कानून का विश्वास पैदा करने और अपराधियों पर लगाम कसने का काम 2010 बैच की तेज तर्रार आइपीएस एसपी पूनम ने किया है।

    अध्यापन छोड़ आइपीएस को चुना, नारी सशक्तीकरण की बनीं पहचान

    लखीमपुर :अपराध नियंत्रण हो या सूझ-बूझ से भरी प्रशासनिक क्षमता, हर क्षेत्र में इन्होंने अपनी योग्यता का लोहा मनवाया है। नारी सुरक्षा को लेकर सर्वे अभियान चलाकर नई पहल की तो अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजने के लिए हर रोज अभियान चला रहीं हैं।

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    हम बात कर रहे हैं जिले की एसपी पूनम की। मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली आइपीएस पूनम जिले में नवबर 2018 से एसपी के पद पर तैनात हैं। अपने कॅरियर की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में करने वाली पूनम ने आइपीएस बनकर नारी सशक्तीकरण की मिशाल पेश की है। उन्होंने एसपी के पद पर रहते हुए न सिर्फ कानून-व्यवस्था को दुरुस्त किया बल्कि महिला सुरक्षा को लेकर नए प्रयोग कर नई उम्मीद जगाई।

    पानीपत में किया है अध्यापन कार्य

    एसपी पूनम ने वर्ष 2005-06 में हरियाणा के पानीपत के एक कॉलेज में बतौर शिक्षक के रूप में अपने कॅरियर की शुरुआत की थी। इसके बाद उनका चयन दिल्ली में सेक्शन ऑफीसर के पद पर भी हुआ, पर उन्होंने वहां ज्वाइन नहीं किया। उससे पहले ही यूपीएससी का परिणाम आया और उनका चयन आइपीएस के रूप में हो गया। वर्ष 2010 बैच की आइपीएस पूनम की शुरू से प्राथमिकता महिलाओं की सुरक्षा और अपराधियों पर लगाम कसना रही है। खीरी जिले में तैनाती से पहले पूनम बतौर एएसपी गाजियाबाद, मुजफ्फनगर और मेरठ तैनात रहीं हैं। कुंभ मेले से लेकर गाजियाबाद में कमांडेट तक का कार्यभार संभाल चुकीं आइपीएस पूनम बतौर एसपी अमरोहा, बागपत, अमेठी, पीटीएस मेरठ में भी तैनात रह चुकी हैं। ये अभियान रहे चर्चा में

    जिले में अपनी तैनाती के पहले ही महीने में एसपी पूनम ने बाल अपराधों पर नियंत्रण के लिए 'ऑपरेशन बालहित' शुरू किया। इस अभियान के तहत आपत्तिजनक सामग्री या अश्लील फिल्मों की क्लिप डाउनलोड करने वाले उपकरणों को जब्त करने के साथ ही अन्य विधिक कार्रवाई की लगातार की गई। महिलाओं की सुरक्षा के लिए अनूठा 'सुरक्षा सर्वे अभियान' उन्होंने जनवरी 2019 में शुरू किया। इस सर्वे में पुलिस ने महिलाओं से खुद उनकी सुरक्ष व्यवस्था संबंधी राय ली और उसके अनुसार काम किए गए। भारत-नेपाल सीमा पर लंबे समय से हो रही तस्करी अंकुश लगाने के लिए एसपी ने सीमा क्षेत्र में चिन्हित तस्करों के फोटो वाले पंफलेट लगवाए।

    चुनौतियों से नहीं लगता डर

    एसपी पूनम कहती हैं उन्हें चुनौतियों से डर नहीं लगता। मेरठ में तैनाती के दौरान जब एक नामी ज्वैलर्स के बेटे का अपहरण हुआ तो बच्चे को दस घंटे में ही सकुशल गाजियाबाद से बरामद किया। एसपी ने बताया कि जो लोग गिरोह बनाकर आपराधिक घटनाएं करते हैं, उनका समाज में काफी भय रहता है। ऐसे अपराधियों को चिन्हित कर उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजना हमेशा प्राथमिकता रहती है।