¨रकू का जख्मी पशुओं की सेवा में बीत रहा समय
भी इस बारे में बताते हैं। पिछले करीब पांच वर्षों से यह गोसेवा की मुहिम चलाई जा रही है।
लखीमपुर): ब्लॉक के गांव परौरी निवासी 40 वर्षीय ¨रकू पांडेय पिछले करीब पांच वर्षों से अपने निजी खर्चे से गांव ही नहीं पूरे क्षेत्र में घूम रहे बेसहारा पशुओं के उपचार की सेवा कर रहे हैं। गायों की सेवा करना इनका जज्बा है। साधारण परिवार में जन्मे ¨रकू की जीविका खेती-बाड़ी पर निर्भर है। दिनचर्या उनकी बेसहारा पशुओं के उपचार में बीत रही है। वह पिछले पांच वर्षों में अपने गांव के साथ-साथ पड़ोसी गांव गुलरिहा, अघरा, नैनापुर, अभयपुर, रामनगर बगहा, जोधा पुरवा, मंझरिया, चंद्रपुरा तथा गुलरी पुरवा आदि विभिन्न गांव में बीमार अथवा घायल बेसहारा पशुओं का उपचार अपने निजी खर्चे से कर रहे हैं। दरअसल गायों की सेवा करना इनका जज्बा है। धीरे-धीरे इनके साथ जुड़कर कुछ युवा सदस्य भी शामिल हो रहे हैं। ब्लॉक और आसपास इलाके में कहीं से भी गाय, बैल और बछड़े के जख्मी हालत में बीमार या घायल होने की सूचना मिलते ही मौके पर जाकर न सिर्फ उसे इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाते हैं। ¨रकू के पास सूचनाएं फोन, फेसबुक एवं वाट्सएप के जरिए पहुंचती हैं। इसके अलावा लोग मौखिक रूप से भी इस बारे में बताते हैं। पिछले करीब पांच वर्षों से यह गोसेवा की मुहिम चलाई जा रही है।