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Lakhimpur: महिला आरक्षी से 12 लाख की ठगी के मामले में आइजी की बड़ी कार्रवाई, एसओ मितौली व एसपी पीआरओ निलंबित

महिला सिपाही से ठगी मामले में एसओ मितौली एसपी पीआरओ को निलंबित कर दिया गया है। आईजी लक्ष्मी सिंह ने कार्रवाई की है। पीआरओ पर आरोप लगा हे कि उसने महिला आरक्षी को एसपी से नहीं मिलने दिया था।

By Jagran NewsEdited By: Vrinda SrivastavaPublished: Thu, 17 Nov 2022 09:20 AM (IST)Updated: Thu, 17 Nov 2022 09:20 AM (IST)
Lakhimpur: महिला आरक्षी से 12 लाख की ठगी के मामले में आइजी की बड़ी कार्रवाई, एसओ मितौली व एसपी पीआरओ निलंबित
महिला सिपाही से ठगी मामले में एसओ मितौली, एसपी पीआरओ निलंबित.

लखीमपुर, संवाद सूत्र। मितौली थाने में तैनात महिला सिपाही गायत्री वर्मा से लखनऊ में प्लाट के नाम पर 12 लाख रुपये की ठगी मामले में आईजी लक्ष्मी सिंह ने बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने मितौली एसओ सुनीत कुमार को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही मीडिया सेल प्रभारी व तत्काल में पीआरओ का काम संभाल रहे अजय राय को निलंबित कर दिया है।

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एसपी पहले ही पूरे मामले में लापरवाही बरतने वाले मितौली थाने के दो सिपाहियों को लाइन हाजिर कर चुके हैं। एसओ मितौली पर आरोप था कि महिला सिपाही गायत्री वर्मा की तहरीर देने के बावजूद उन्होंने कार्रवाई करने में लापरवाही की। रिपोर्ट दर्ज न करके आरोपितों को बचाने का प्रयास किया। महिला सिपाही गायत्री वर्मा इस बात से काफी आहत थी और उसने खुद को सरकारी आवास में बंद कर लिया था।

पूरे मामले में आईजी लक्ष्मी सिंह के संज्ञान लेने के बाद खीरी पुलिस हरकत में आई और दो सिपाहियों को निलंबित किया गया है। थाना प्रभारी को चेतावनी दी गई कि वह दो दिन के अंदर पूरे मामले से पर्दा उठाएं। बाद में फर्जी सिपाही राजन वर्मा और लखनऊ में तैनात उसकी सहयोगी महिला सिपाही शालिनी कटियार को गिरफ्तार किया गया।

ठगी के इस पूरे मामले की मानीटरिंग कर रहीं आईजी लक्ष्मी सिंह ने थाना प्रभारी की रिपोर्ट लिखने में लापरवाही मानते हुए निलंबित कर दिया है। मीडिया सेल प्रभारी व फिलहाल में एसपी के पीआरओ का काम देख रहे अजय राय को भी निलंबित कर दिया गया है। उन पर आरोप है कि पीड़ित महिला सिपाही एसपी से मिलने के लिए आई थी, लेकिन पीआरओ ने उसे एसपी से मिलने नहीं दिया।

जानकीपुरम में महिला सिपाही को लेना था प्लाट : पीड़ित महिला सिपाही गायत्री वर्मा से जानकीपुरम में प्लाट दिलाने के बाबत 12 लाख रुपये लिए गए। फर्जी सिपाही राजन वर्मा ने पहली किस्त के रूप में सात लाख सहयोगी महिला आरक्षी शालिनी कटियार के खाते में ट्रांसफर कराया। इसके बाद अलग-अलग किस्तों में पांच लाख रुपये लिए गए। जब प्लाट की रजिस्ट्री करने की बात आई तब फर्जी सिपाही राजन वर्मा पीड़ित महिला सिपाही गायत्री वर्मा को धमकाने लगा। अपने साथ हुई धोखाधड़ी से गायत्री वर्मा काफी परेशान हो गई। थाने में उसने तहरीर दी, लेकिन मुकदमा नहीं दर्ज हुआ।


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