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यूरिया की ओवर रेटिग करने वाले जाएंगे जेल

जिलाधिकारी शैलेंद्र प्रताप सिंह ने सभी एसडीएम पुलिस अधिकारियों तथा उर्वरक निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि उर्वरकों विशेष रूप से यूरिया की कालाबाजारी जमाखोरी अवैध भंडारण तथा ओवर रेटिग करने वाले बिक्री केंद्रों पर छापा मार कार्रवाई की जाए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 May 2021 12:23 AM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 12:23 AM (IST)
यूरिया की ओवर रेटिग करने वाले जाएंगे जेल
यूरिया की ओवर रेटिग करने वाले जाएंगे जेल

लखीमपुर : जिले में विगत दिनों हुई बारिश के बाद किसानों में खाद की मांग बढ़ गई है। यूरिया का प्रयोग विशेष रूप से गन्ना, धान की नर्सरी एवं अन्य सब्जी वर्गीय फसलों जैसे खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूज की फसलों में किया जा रहा है।

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जिलाधिकारी शैलेंद्र प्रताप सिंह ने सभी एसडीएम, पुलिस अधिकारियों तथा उर्वरक निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि उर्वरकों विशेष रूप से यूरिया की कालाबाजारी, जमाखोरी, अवैध भंडारण तथा ओवर रेटिग करने वाले बिक्री केंद्रों पर छापा मार कार्रवाई की जाए। किसी भी दशा में खाद की ओवर रेटिग नहीं होने दी जाएगी। प्रत्येक थोक विक्रेता निर्धारित मूल्य पर ही उर्वरकों की बिक्री फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को करेंगे। उनके द्वारा यूरिया के साथ किसी भी प्रकार के जिक एवम अन्य माइक्रो न्यूट्रिएंट की टैगिग फुटकर विक्रेताओं को नहीं की जाए। इसी प्रकार फुटकर विक्रेता उर्वरकों की ओवर रेटिग तथा टैगिग नहीं करेंगे। दोषियों के विरूद्ध उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अंतर्गत कठोरतापूर्वक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।

जिला कृषि अधिकारी सत्येंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि जनपद में खाद की पर्याप्त उपलब्धता है। यूरिया 21203 मीट्रिक टन, डी ए पी 3172 मीट्रिक टन, एन पी के 7717 मीट्रिक टन, पोटाश 1633 मीट्रिक टन तथा सिगल सुपर फास्फेट 11077 मीट्रिक टन उपलब्ध है। सभी प्रकार के उर्वरक सभी सहकारी समितियों, गन्ना समितियों, केंद्रीय उपभोक्ता भंडार, यूपी एग्रो, इफको एवं कृभको के बिक्री केंद्र, एग्री जंक्शन केंद्रों तथा निजी क्षेत्र के अन्य फुटकर बिक्री केंद्रों पर उपलब्ध है। प्रत्येक उर्वरक बिक्री केंद्र पर स्टॉक एवं रेट बोर्ड, स्टॉक रजिस्टर, बिक्री रजिस्टर तथा कैश व क्रेडिट मेमो होना आवश्यक है। जिले के सभी उर्वरक विक्रेता खाद खरीदने वाले किसानों का मोबाइल नंबर बिक्री रजिस्टर में दर्ज करेंगे। जिले में डीएम के आदेशों का शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।

किसान अपनी फसल तथा रकबे के अनुसार ही जरूरत के अनुसार ही खाद खरीदे। उर्वरकों की बिक्री पॉस मशीन से ही किए जाने की व्यवस्था भारत सरकार ने लागू की है जिसके लिए आधार कार्ड होना आवश्यक है।


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