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कोरोना संकट भूल गए, पास-पास बैठाए बच्चे

कोरोना काल के बाद विद्यालय खुलने के चलते बच्चों की बढ़ी संख्या से सरकारी विद्यालय प्रशासन परेशान है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 10:27 PM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 10:27 PM (IST)
कोरोना संकट भूल गए, पास-पास बैठाए बच्चे
कोरोना संकट भूल गए, पास-पास बैठाए बच्चे

लखीमपुर: कोरोना काल के बाद विद्यालय खुलने के चलते बच्चों की बढ़ी संख्या से सरकारी विद्यालय प्रशासन परेशान है। बच्चों की संख्या इतनी ज्यादा हो रही है कि कक्षाओं में बच्चों को ठूस-ठूस कर बैठाना मजबूरी बना हुआ है। जिससे कोरोना का खतरा बना हुआ है।

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तिकुनिया उच्च माध्यमिक विद्यालय के बच्चे कमरों में ठूस-ठूस कर बैठाए जा रहे हैं। दैनिक जागरण संवादसूत्र ने विद्यालय का दौरा किया तो बुधवार को 287 बच्चों की अपेक्षा कुल 180 बच्चे ही उपस्थित थे। जिन्हें बैठाने के लिए भी विद्यालय के अध्यापकों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी। विद्यालय में कुल तीन रूम ही हैं। जिसमें कक्षा छह, सात व आठ के बच्चे बैठाए जाने होते हैं जबकि इन्हीं तीन रूम में से एक रूम में आफिस भी है। विद्यालय में बाउंड्री न होने की वजह से बाहरी जानवर विद्यालय में टहलते नजर आते हैं। विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाध्यापक छविलाल सोनकर से स्कूली बच्चों को कक्षाओं में ठूस-ठूस कर भरने की बाबत पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बच्चों की संख्या ज्यादा है। कोरोना गाइडलाइन का पालन कैसे हो पाएगा। ज्यादा बच्चे होने की वजह से कक्षाओं के आधे बच्चे बाहर बैठाने पड़ रहे हैं। बारिश होने की दशा में पढ़ाई करा पाना संभव नहीं हो पाता है। विद्यालय में एक रूम व एक आफिस अलग से और बढ़ जाए तो बच्चों की पढ़ाई ज्यादा बेहतर हो सकती है।

क्षेत्र के आधे विद्यालयों में बच्चे दरी पर बैठने को मजबूर हैं। उच्च माध्यमिक विद्यालय सुथना से प्रस्ताव बनकर आता है तो विद्यालय परिसर में एक रूम व आफिस बढ़ाने की अनुमति दी जा सकती है।

ओंकार सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी निघासन

अंक सुधार परीक्षा की तैयारियां पूरी, 14 केंद्रों पर होगी परीक्षा माध्यमिक शिक्षा परिषद उप्र द्वारा हाईस्कूल-इंटरमीडिएट वर्ष 2021 की अंक सुधार परीक्षा खीरी के 14 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित होगी। कलेक्ट्रेट में डीएम ने परीक्षा को सुचितापूर्ण, नकलविहीन व शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए बैठक की। संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।

बैठक में डीएम ने अधिकारियों को अंक सुधार परीक्षा को सकुशल, शुचितापूर्ण, नकल विहीन व शांतिपूर्ण कराने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए। सभी संबंधित अधिकारी परीक्षा को कराने में सौंपी गई जिम्मेदारियों का कुशलतापूर्वक निर्वहन करने के निर्देश दिए। परीक्षा आयोजन के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा जो दिशा-निर्देश जारी किए गए, उनका पूर्णतया अनुपालन सुनिश्चित करें। परीक्षा की तिथि में केंद्र पर शिक्षण कार्य नहीं होगा। उन्होंने केंद्रवार संबंधित केंद्र व्यवस्थापकों से परीक्षा की तैयारियां की अद्यतन स्थिति जानी।

डीआइओएस ओपी त्रिपाठी ने अंक सुधार परीक्षा की तैयारियों की जानकारी देते हुए बताया कि इस परीक्षा में कुल 1816 परीक्षार्थी प्रतिभाग करेंगे। अंक सुधार परीक्षा में हाईस्कूल में बैठने वाले परीक्षार्थियों की संख्या 1300 है। इसमें छात्राओं की संख्या 546 है। इंटरमीडिएट की परीक्षा में बैठने वाले परीक्षार्थियों की संख्या 516 है, जिसमें छात्राओं की संख्या 148 है। वही एसडीएम को उनकी तहसील में परीक्षा आयोजन के लिए जोनल मजिस्ट्रेट व 14 खंड शिक्षा अधिकारियों को स्टेटिक व सेक्टर मजिस्ट्रेट का दायित्व सौंपा गया। वहीं डायट प्राचार्य डा. ओपी गुप्ता, डीआइओएस ओपी त्रिपाठी व बीएसए डा. लक्ष्मी कांत पांडेय के नेतृत्व में एक-एक सचल दल गठित किए गए। जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम चलेगा। जिसका प्रभारी राजकीय हाईस्कूल कटकुसुमा के प्रधानाचार्य हयात अली अंसारी मो. 9795333577, सह प्रभारी जीआईसी लखीमपुर के सहायक अध्यापक अनिल त्रिपाठी मो. 9889862828 को बनाया गया।


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