बीएसए दफ्तर में आज से आवंटित होंगे शिक्षकों को स्कूल
बीएसए बुद्धप्रिय सिंह ने बताया कि विभाग में नवनियुक्त शिक्षकों को स्कूल आवंटन के लिए आज से प्रक्रिया शुरू होगी।
लखीमपुर : बीएसए बुद्धप्रिय सिंह ने बताया कि विभाग में नवनियुक्त शिक्षकों को स्कूल आवंटन के लिए शासन से दिशा-निर्देश मिल गए हैं। 25 जनवरी को सुबह 10 बजे से बीएसए दफ्तर में आवंटन प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। रिक्त स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती होगी। पहले दिन दिव्यांग महिला व पुरुष शिक्षकों को सबसे पहले स्कूल आवंटित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि रिक्त स्कूलों का पूरा विवरण ऑनलाइन है। वरीयता क्रम में अभ्यर्थी आकर खुद ही स्कूल का चयन करेंगे। स्कूल चयन के होने के बाद वह स्कूल रिक्त वाली सूची से हट जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन व पारदर्शी रहेगी। इसमें कोई भी फेरबदल नहीं कर सकेगा। कुल 1600 शिक्षकों को आवंटन दिया जाना है। पहले दिन 240 शिक्षकों को स्कूल आवंटन किया जाएगा। 25 के बाद 27 जनवरी को स्कूल आवंटन होगा। फिर 31 जनवरी तक यह प्रक्रिया चलेगी। उन्होंने बताया कि शिक्षकों की पूरी सूची तैयार कर ली गई है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए शारीरिक दूरी का ध्यान रखें। शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिसंबर महीने में मिल गए थे, लेकिन स्कूल आवंटन अब तक नहीं हुए थे।
कार्यालय के अनावश्यक चक्कर काटने से बचें प्रधानाचार्य जिला विद्यालय निरीक्षक ने जिले के सभी 49 राजकीय हाईस्कूल, इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्यों के साथ शनिवार को कार्यालय में पहली बैठक की।
डीआइओएस ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि सभी प्रधानाचार्य नए सिरे से विद्यालयों में अनुशासन कायम करें। योजनाओं की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के सभी प्रधानाचार्य अलग-अलग विद्यालय वार विद्यार्थियों की शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने के लिए उनके कोर्स पर निगरानी रखें कि समय से कोर्स पूरा किया जाए। राजकीय इंटर कॉलेज लखीमपुर के प्रधानाचार्य डॉ. आरके आर्य के संचालन में हुई इस बैठक में जिले के सभी सरकारी इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्य मौजूद रहे। धौरहरा के राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य विनोद कुमार से डीआइओएस ने उनके कॉलेज की पढ़ाई-लिखाई के बारे में पूछताछ की। इसके साथ उन्होंने सभी प्रधानाचार्यों से कहा कि नवाचार में प्रयास करने वाले और शिक्षा के स्तर को बेहतर करने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसलिए इससे संबंधित जो भी शिक्षक हैं, पूरा परिश्रम करें। विषय को रोचक बनाकर विद्यार्थियों को पढ़ाएं।
उन्होंने कहा कि प्रधानाचार्य अनावश्यक उनके कार्यालय के चक्कर काटने या इधर-उधर भटकने से बचें। स्वयं भी विद्यालय में रहें और अपने शिक्षकों को भी विद्यालय में रहकर पढ़ाने की आदत डालें। जिन इंटर कॉलेजों में जो शिक्षक नहीं हैं, उनकी सूचना भी उनके कार्यालय को तत्काल भेजें। सूचना के आदान-प्रदान में ज्यादातर मेल या वाट्सएप का प्रयोग करें। समय का ध्यान रखते हुए कम समय में अधिक से अधिक विद्यार्थियों को पढ़ाने का प्रयास करें। जिन विद्यालयों का परीक्षा परिणाम बेहतर होगा भविष्य में उन विद्यालयों को पुरस्कृत किया जाएगा। किसी को कोई असुविधा है तो वह भी उनसे कह सकता है।