अब संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की डिग्री निशाने पर
डिग्री प्राप्त शिक्षकों की नियुक्ति को संदिग्ध मानते हुए एसआइटी की जांच शुरू करा दी है। खीरी जिले में ऐसे छह शिक्षक कार्यरत हैं जिनके अभिलेख बीएसए ने एसआइटी को जांच के लिए भेजा है।
लखीमपुर : आगरा विश्वविद्यालय के बाद अब बनारस का संपूर्णानगर संस्कृत विश्वविद्यालय शासन के निशाने पर आ गया। यहां से डिग्री प्राप्त शिक्षकों की नियुक्ति को संदिग्ध मानते हुए एसआइटी की जांच शुरू करा दी है। खीरी जिले में ऐसे छह शिक्षक कार्यरत हैं, जिनके अभिलेख बीएसए बुद्धप्रिय सिंह ने एसआइटी को जांच के लिए भेजा है। बीएसए ने बताया कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त 22 शिक्षकों की जिले में नियुक्ति हुई थी। इनमें एक शिक्षक फर्जी अभिलेख मिलने पर बर्खास्त कर दिया गया था, जबकि दो शिक्षक सेवा काल शुरू होने के बाद से ही गायब हैं। 13 शिक्षक अंर्तजनपदीय तबादला व्यवस्था के तहत गैर जनपद जा चुके हैं। छह शिक्षक वर्तमान समय में जिले में कार्यरत हैं। शासन ने निर्देश दिया है कि वर्ष 2004 से लेकर वर्ष 2014 के बीच नियुक्त शिक्षकों के अभिलेख जांच के दायरे में आ रहे हैं। इसके जांच के लिए एसआइटी गठित की गई है। एसआइटी ने ही बीएसए से संबंधित विश्वविद्यालय की डिग्री पर नियुक्त शिक्षकों के अभिलेख मांगा था। बीएसए ने बताया कि सभी अभिलेख भेज दिए गए हैं।