पौधों की 201 प्रजातियां जुटाना वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती
एग्रो क्लाइमेट जोन विकसित करने के लिए प्रदेश के नौ जिलों में चुना गया है खीरी। लखनऊ फर्रुखाबाद सीतापुर भेजे गए वनकर्मी तराई के जंगलों से जुटाई 150 स्थानीय प्रजातियां।
लखीमपुर : एग्रो क्लाइमेट जोन में रोपित करने के लिए पौधों की 201 प्रजातियां जुटाना वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है। अभी तक 150 स्थानीय प्रजातियां तराई के जंगलों से जुटाई गई हैं। करीब 30 से 35 नए प्रजाति के पौधों के लिए वनकर्मियों को लखनऊ, सीतापुर और फर्रूखाबाद रवाना किया गया है। अधिकारियों को उम्मीद है कि प्रजातियों के निर्धारित लक्ष्य को वह पूरा कर लेंगे, लेकिन अभी यह स्पष्ट नहीं है कि एग्रो क्लाइमेट जोन में एक प्रजाति के कितने पौधे रोपित किए जाने हैं।
शासन ने एग्रो क्लाइमेट जोन के लिए प्रदेश के नौ जिलों में खीरी के गोला पूर्वी को भी चुना है। निर्देशों के मुताबिक, क्लाइमेट जोन में सबसे ज्यादा स्थानीय प्रजातियों को तवज्जो देना है। इसके लिए आम, नीम, पीपल, पाकड़, बरगद, शीशम, भिलोय, सहजन, जड़ी-बूटी, फूल, लताएं, घास, भांग-धतूरा आदि प्रजातियों का चयन किया गया है। इन्हें दुधवा नेशनल पार्क, किशनपुर, मैलानी, भीरा, उत्तर निघासन आदि रेंजों से जुटा लिया गया है। लखनऊ के कुकरैल से जड़ी-बूटी, चिड़ियाघर में रोपित शोभाकार पौधों की पांच से छह प्रजातियां मंगाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं दूसरी तरफ दिक्कत ये आ रही है कि शासन से स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि क्लाइमेट जोन में एक प्रजाति के कितने पौधों को रोपित किया जाना है। पहले एक प्रजाति के 20 फिर 10 पौधों को रोपने का निर्देश था, लेकिन अब 12 पौधों को लगाने की चर्चा है। हालांकि अधिकारी कह रहे हैं कि प्रताजियों को जुटाना चुनौती नहीं है लेकिन, विभागीय सूत्र बताते हैं कि क्लाइमेट जोन विकसित करने के तय लक्ष्य में अभी 20 से 22 प्रजातियां अभी तलाशी जा रही हैं। जिम्मेदार की सुनिए डीएफओ समीर कुमार कहते हैं कि क्लाइमेट जोन में स्थनीय प्रजातियों को ज्यादा महत्व दिया जाना है, जिन्हें जुटा लिया गया है। शेष प्रजातियां लखनऊ, सीतापुर आदि कई जगहों से मंगाई जा रही है। लक्ष्य पूरा करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। पौधारोपण कराया डीसीएम श्रीराम लिमिटेड शुगर एंड डिस्टलरी यूनिट अजबापुर प्रशासन ने पर्यावरण संतुलन को लेकर क्षेत्र के गांव लोदियापुर, अजबापुर व जसमढ़ी में पौधारोपण कराया गया।